संकट से उबरने के लिए एडटेक कंपनियां हो रहीं हाइब्रिड
कोविड-19 महामारी का प्रकोप काफी हद तक कम होने के बाद देश में एजुकेशन-टेक्नोलॉजी (एडटेक) और ऑफलाइन शिक्षण कंपनियां टिकाऊ और दीर्घकालिक कारोबारी मॉडल बनाने के लिए अब हाइब्रिड मार्ग अपना रही हैं और इसके लिए विलय तथा साझेदारी जैसे कदम उठा रही हैं.
कोविड-19 महामारी का प्रकोप काफी हद तक कम होने के बाद देश में एजुकेशन-टेक्नोलॉजी (एडटेक) और ऑफलाइन शिक्षण कंपनियां टिकाऊ और दीर्घकालिक कारोबारी मॉडल बनाने के लिए अब हाइब्रिड मार्ग अपना रही हैं और इसके लिए विलय तथा साझेदारी जैसे कदम उठा रही हैं.
टीमलीज एडटेक के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी शांतनु रूज ने कहा कि कोविड के बाद की दुनिया में एडटेक मार्केट का भविष्य ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षण का मेल है और यही मॉडल आगे चलकर अधिक टिकाऊ होगा. लिहाजा एडटेक स्टार्टअप और यूनिकॉर्न कंपनियां भी हाइब्रिड खुदरा मॉडल को अपना रही हैं.
रूज ने कहा कि अनेक लाभों के बावजूद ऑनलाइन शिक्षण सभी समस्याओं का हल नहीं है और कोरोना वायरस के बाद दुनिया में हालात कमोबेश सामान्य होने के साथ शिक्षण उद्योग भी हाइब्रिड मॉडल की तरफ जा रहा है.
उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र साझेदारी की राह पर बढ़ रहा है क्योंकि इसके बगैर अपने कारोबार को टिकाऊ नहीं बना पाने वाले कई स्टार्टअप के समक्ष आस्तित्व का संकट खड़ा हो जाएगा और यह भी मुमकिन है कि उन्हें कारोबार से बाहर जाना पड़े.
सीआईईएल के मानव संसाधन निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा कि ज्यादातर एडटेक कंपनियों के मुख्यालय बड़े शहरों में हैं और उन्होंने पहली एवं दूसरी श्रेणी के शहरों में हाइब्रिड मॉडल शुरू किए हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षा का भविष्य ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षण दोनों का मेल है.
इमार्टिकस लर्निंग के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक निखिल बरशिकर ने कहा कि हाइब्रिड शिक्षण सबसे सुगम विकल्प नजर आता है क्योंकि इससे छात्रों को निर्बाध शिक्षा सुनिश्चित होती है.
कारोबारी रॉनी स्क्रूवाला के एडटेक प्लेटफॉर्म अपग्रैड ने अपनी स्थापना के बाद से 13 स्टार्टअप का अधिग्रहण किया है. पिछले महीने upGrad ने ऑनलाइन लर्निंग इंस्टीट्यूशन हड़प्पा एजुकेशन Harappa Education का 300 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया है.
6 हजार कर्मचारियों को निकाल चुकी हैं एडटेक कंपनियां
साल 2022 की शुरुआत से अब तक 6 हजार कर्मचारियों को एडटेक कंपनियां निकाल चुकी हैं. आर्थिक संकट का हवाला देते हुए फरवरी में
ने 1200 कर्मचारियों को निकाल दिया था.वहीं, बायजू ने करीब 2,500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है. सॉफ्टबैंक समर्थित अनअकेडमी ने सेल्स और मार्केटिंग और कुछ कॉन्ट्रैक्चुअल कर्मचारियों को मिलाकर 750 लोगों को निकाला है.
ने भी तीन चरणों में 700 से अधिक कर्मचारियों को निकाल दिया।
और ने क्रमश: 300 और 100 कर्मचारियों को निकाला है. उदय की को-फाउंडर सौम्या यादव ने तो यहां तक कहा दिया है कि वह अपना कारोबार बंद कर देंगी और 8.5 मिलियन डॉलर की फंडिंग निवेशकों को वापस लौटा देंगी. ने भी जून 2022 में 80 लोगों को कंपनी से निकाला था. जबकि 2021 में इस 1300 लोगों को हायर किया था.