रिश्तों का जादूगर
एक ऐसा शख़्स जिसने फेसबुक पर बनाया 40 हज़ार सदस्यों वाला दुनिया का सबसे बड़ा परिवार। चार साल से लगातार हर दिन लिख रहे हैं फेसबुक पोस्ट और पोस्ट पर लगता है हर सुबह लोगों का जमावड़ा। अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, अजय देवगन और शिवराज सिंह चौहान तारीफ करते हैं जिनकी पंक्चुअलिटी की।
"सोशल मीडिया का नाम ज़ेहन में आते ही एक फेक दुनिया हमारे आसपास घूम जाती है। ऐसा लगता है मानो वहां दिखने वाला हर चेहरा नकली है। यह सच है, कि फेसबुक एक आभासी दुनिया है, लेकिन उसी आभासी दुनिया में एक नाम ऐसा भी है, जिसने फेसबुक का सबसे पॉज़िटिव इस्तेमाल किया है। जी आपने सही पहचाना, यहां बात हो रही है रिश्तों के जादूगर संजय सिन्हा की। संजय सिन्हा फेसबुक का वो चर्चित नाम हैं, जिनसे बॉलिवुड सितारों से लेकर राजनेता भी अनजान नहीं रहे हैं। सभी इनके जज़्बे और मोहब्बत की तारीफें करते नहीं अघाते।"
एक समारोह में लोगों को संबोधित करते हुए संजय सिन्हाa12bc34de56fgmedium"/>
वैसे तो संजय सिन्हा पेशे से पत्रकार हैं और आज की तारीख में देश बड़े न्यूज़ चैनल्स में से एक चैनल आज तक में संपादक हैं। लेकिन लोग उन्हें आज तक वाले संजय सिन्हा के नाम से कम फेसबुक वाले या रिश्ते वाले संजय सिन्हा के नाम से ज़्यादा जानते हैं।
अभी हल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिव राज सिंह चौहान ने अपने ट्विट और फेसबुक प्रोफाईल पर उनकी किताब और उनके व्यक्तित्व के बारे में चर्चा की और ऐसा पहली बार नहीं हुआ, कई बार अमिताभ बच्चन शाहरुख खान और अजय देवगन जैसे सुपर स्टार्स भी सार्वजनिक तौर पर उनके काम की प्रशंसा कर चुके हैं।
भाई की मृत्यु और अमिताभ बच्चन के साथ ने पहुंचाया फेसबुक की आभासी दुनिया में
आज से कुछ साल पहले संजय ने एक हादसे में अपने भाई को खो दिया था। वे अपने भाई से ख़ासा मोहब्बत करते थे, जिसका चले जाना उनके लिए किसी भयानक स्वप्न की तरह था। लंबे समय तक तो वे इस बात पर यकीन करने को भी तैयार नहीं थे, कि उनका भाई उनके बीच नहीं हैं। इसी बीच वे अमिताभ बच्चन से मिले। अमिताभ ने जब उनसे उनकी उदासी की वजह पूछी और वजह जानने के बाद उन्होंने संजय से कहा, कि "तुम फेसबुक पर आओ। ये एक अनोखी दुनिया है। यहां आकर तुम बेहतर महसूस करोगो।" संजय बच्चन साहब की बात भला कैसे टालते, इसलिए नहीं कि अमिताभ बच्चन एक सुपरस्टार हैं, बल्कि इसलिए क्योंकि बच्चन साहब से संजय के दिल का रिश्ता बहुत पुराना है।
"संजय सिन्हा हैं, तो रिश्ते हैं और ये रिश्ते हमेशा बने रहेंगे: अमिताभ बच्चन"
बिग बी अमिताभ बच्चन की बात मानते हुए संजय सिन्हा ने फेसबुक पर अपने बंद पड़े अकाउंट में थोड़ा आना-जाना शुरू किया और हर सुबह अपने दिल का हाल लिखने लगे। उनका भाई तो उन्हें छोड़कर जा चुका था, लेकिन फेसबुक पर उन्होंने अपना एक नया भाई पाया। वहीं फेसबुक पर तेरह साल की उम्र में छोड़ कर जा चुकी अपनी उस मां को भी एक दूसरी मां के रूप में पा लिया, साथ ही अपनी उस बहन को पा लिया जो चार साल की उम्र में उन्हें छोड़ कर जा चुकी थी। देखते ही देखते संजय सिन्हा ने फेसबुक पर अपना एक बड़ा परिवार खड़ा कर लिया और हर दिन अपने लिए नहीं फेसबुक पर मौजूद लोगों के लिए पोस्ट लिखने लगे, वे लोग जिन्हें संजय न तो जान पहचान वाला कहते हैं और न ही दोस्त बल्कि अपनी फेसबुक मित्रता सूची में मौजूद हर व्यक्ति और हर फॉलोवर को वे परिजन कह कर संबोधित करते हैं। आज की तारीख में फेसबुक पर उनके 50, हज़ार के आसपास फॉलोवर हैं, जिनके सभी मैसिजिस का संजय जवाब देते हैं। समय-समय पर फोन पर बात करते हैं और तो और अपने परिजनों की ज़रूरतों में, सुख में दुख में हर पल मौजूद रहते हैं।
"आज के समय में जब इंसान अपने खूनी रिश्तों को भूलता जा रहा है, ऐसे में आभासी दुनिया में बने रिश्तों को निभाना, एक-एक का नाम याद रखना, सबके दुख और सुख में शामिल होना आसान बात नहीं होती, लेकिन संजय सिन्हा उस हर रिश्तो को निभाते हैं, जो उनसे जुड़ा हुआ है।"
फिल्म अभिनेता शाहरुख खान कहते हैं, कि "यदि ज़िंदगी को समझना है, तो संजय सिन्हा की किताब रिश्ते ज़रूर पढ़ें।"
"इंसान भावनाओं से संचालित होता है, कारणों से तो सिर्फ मशीनें चला करती हैं: संजय सिन्हा"
आज के समय में जब लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल सिर्फ हिंसा लड़ाई झगड़ों के लिए कर रहे हैं, वही संजय सिन्हा जैसे व्यक्ति मोहब्बत बांट रहे हैं, दिलों को दिलों से जोड़ रहे हैं, हर दिन एक नया रिश्ता स्थापित कर रहे हैं और ये रिश्ता सिर्फ उनका और उनसे जुड़े लोगों के बीच ही नहीं है, बल्कि जो लोग उनसे जुड़ते हैं वे आपस में भी जुड़ जाते हैं। संजय सिन्हा तीन सालों से अपने परिवार के लिए नवंबर में एक मिलन समारोह का आयोजन करते हैं, जहां दुनिया के इस सबसे परिवार से जुड़े तमाम लोग आते हैं। देश के हर कोने से वहां लोग इकट्ठे होते हैं और साथ ही विदेशों से भी लोग आते हैं। भारत का ऐसा कोई शहर नहीं है, जहां से लोग उनसे जुड़े हुए न हों, बल्कि उनकी पोस्ट पर पहला कमेंट करने के लिए लोगों में लड़ाई-झगड़े (प्यार की नोंक-झोंक) तक होने लगते हैं।
संजय सिन्हा के शब्द अब सिर्फ फेसबुक दुनिया तक ही सिमट कर नहीं रह गये हैं, बल्कि उन्होंने अपने शब्दों को किताब का रूप भी दिया है। रिश्ते, ज़िंदगी, समय, उम्मीद, शुक्रिया और 6.9 रिक्टर स्केल नाम से इनकी 6 किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिन्हें पाठकों ने खूब सराहा और कुछ किताबें तो बेस्टसेलर में भी रहीं।
"समय जितनी तेज़ी से बदल रहा है उसे देख कर यह बात तय है, कि एक दिन ऐसा भी आयेगा जब इंसान अकेला पड़ जायेगा: संजय सिन्हा"
संजय सिन्हा के व्यक्तित्व पर सबसे ज़्यादा प्रभाव उनकी माँ का है। माँ उनके पास तो नहीं हैं, लेकिन हमेशा उनके साथ है। उनकी हर बात में उनकी माँ और उनकी पत्नी का ज़िक्र होता है। संजय अपनी पत्नी दीप शिखा को अपनी हर उपलब्धि के पीछे सबसे बड़ी ताकत मानते हैं, जो उन्हें हर पल कुछ न कुछ अच्छा और नया करने के लिए प्रेरित करती रहती हैं और उनके हर फैसले में उनके साथ खड़ी होती हैं।
किताबों और फेसबुक पोस्ट्स के साथ संजय सिन्हा अब दिल्ली, जबलपुर, लखनऊ, हरदोई, चंडीगढ़, जयपुर, नोएडा, गुड़गांव, कोलकाता और कई बड़े शहरों में स्कूल-कॉलेजिस में स्टूडेंट्स को रिश्तों का पाठ पढ़ाने के लिए भी जाते हैं और ये आमंत्रण उन्हें स्कूल कॉलेज वाले आगे बढ़कर खुद भेजते हैं। सबसे अच्छी बात है, कि आज के बच्चे भी उनकी कही हर बात को ध्यान लगाकर सुनते हैं और मशीनों के इस दौर में रिश्तों, संबंधों और मोहब्बत को बारीकी से समझने की कोशिश करते हैं। संजय ने हाल ही में एक ग्लोबल मीटिंग के दौरान स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए कहा, "सबकुछ बन जाना, लेकिन एक अच्छा इंसान भी बने रहना। पूरी ज़िंदगी आपका कैरियर, आपका व्यापार, आपकी उपलब्धि इसी बात पर निर्भर करेगी, कि जो पैसा आपने कमाया है, वो कमाया कैसे है? यदि हर व्यक्ति नैतिकता की बात करेगा, नैतिकता की पाठशाला से गुज़रेगा, तो देश बदल जायेगा।"
संजय का सपना है, कि वे अपने दिल में बसी मोहब्बत को संपूर्ण धरती पर इस तरह बिखरा दें, कि इस दुनिया से नफ़रत का खौफ़ पूरी तरह खत्म हो जाये।