TechSparks Mumbai में बोलीं दिया मिर्जाः घर से शुरू होती है लैंगिक समानता की तालीम
दिया मिर्जा ने कहा कि जब बच्चों को शुरू से ही महिलाओं का सम्मान करना और रोजमर्रा के काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा तो वे बड़े होकर एक जिम्मेदार इंसान बनेंगे.
लैंगिक समानता की शुरुआत घरों से होनी चाहिए, सालों से कुछ कामों को महिलाओं के काम तो पुरुषों के कामों की तरह बांट दिया गया है, बच्चों को इस पूर्वाग्रह से आजाद करना चाहिए और उन्हें इस बारे में शिक्षित करना चाहिए.
ऐक्टर, इनवेस्टर और UNEP, SDG के लिए यूएन सेक्रेटरी जनरल की एडवोकेट, वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया की गुडविल एंबेसडर दिया मिर्जा ने गुरुवार को योरस्टोरी के फ्लैगशिप इवेंट टेकस्पार्क्स 2023 के दौरान यह बात कही. टेकस्पार्क्स पहली बार मुंबई में आयोजित किया गया है.
दिया मिर्जा ने कहा कि जब बच्चों को शुरू से ही महिलाओं का सम्मान करना और रोजमर्रा के काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा तो वे बड़े होकर एक जिम्मेदार इंसान बनेंगे.
मिसाल के तौर पर, मेरी शादी एक महिला पंडित ने कराई, ये सुनकर लोगों के बीच जिज्ञासा पैदा हुआ. कई लोगों ने इससे प्रेरणा भी ली. सबसे बड़ी लोगों को ये मालूम पड़ा की महिला पंडित भी होती हैं, भले ही कम हैं मगर हैं.
वहीं फ्लिपकार्ट की फैशन कंपनी मिंत्रा की सीईओ नंदिता सिन्हा ने कहा कि वर्कप्लेस पर महिलाएं बहुत बड़ी भूमिका निभाती हैं. महिलाएं ये कब का साबित कर चुकी हैं की वो मजबूत हैं, उन्हें हराना मुश्किल है. उन्होंने खुद को एक सफल आंत्रप्रेन्योर के तौर पर भी साबित किया है. महिलाओं को एक दूसरे को सपोर्ट करने के लिए आगे आना होगा ताकि ये सफर आगे भी जारी रहे.
सिन्हा ने आगे कहा, ''आज यहां बैठी हर महिला इस स्थिति में है कि वो कुछ न कुछ बदलाव ला सकती है, हमें इस ताकत का फायदा उठाना चाहिए. हमने मिंत्रा में महिलाओं को उनके पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में अलग-अलग स्तर पर सपोर्ट करने के लिए वुमन फ्रेंडली पॉलिसी बनाई है.
गर्भवती महिलाओं की जरूरतें से लेकर अपने बुजुर्ग माता-पिता का ख्याल रखना हो, हम सभी जिम्मेदारियों को अहम मानते हैं.
आज मिंत्रा की आधी से ज्यादा कस्टमर महिलाएं हैं, जबकि टीम में करीबन 40 पर्सेंट लीडरशिप पोजिशन को भी महिलाएं ही देख रही हैं. इतना ही नहीं, मिंत्रा 350 महिलाओं की अगुवाई वाले कारोबारों को भी सपोर्ट करता है, जो तीन गुना रफ्तार से बढ़ रहे हैं.''
दिया मिर्जा ने बताया कि उन्होंने बतौर एंजल इनवेस्टर जिन स्टार्टअप्स में इनवेस्ट किया है वो सभी महिला फाउंडर्स के हैं और समाज में एक बदलाव लाने पर काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ईमानदारी, एकता, लोगों और प्लानेट की भलाई के लिए काम करने वाले लोगों से ही मैं कनेक्ट कर पाती हूं. स्टार्टअप को ये समझना होगा कि हम क्लाइमेट चेंज, पलूशन और डीफॉरेस्टेशन जैसे तीन ग्लोबल संकट से जूझ रहे हैं.
दिया मिर्जा ने कहा, बतौर एक्टर, प्रोड्यूसर और इनवेस्टर उनकी कोशिश हमेशा यही रहती है कि वो लोगों को जागरूक करें, सशक्त करें, ऊपर उठाएं और समाज में एक बदलाव ला सकें.
"पूंजीवाद विवेकपूर्ण होना चाहिए. हमे इसकी पूरी तरह समझ होनी चाहिए कि हम पैसे कैसे बना रहे हैं और उसे खर्च किन चीजों पर कर रहे हैं.’’
Edited by Upasana