अमेरिकी सीनेट में समलैंगिक विवाह से जुड़ा ऐतिहासिक विधेयक पारित
अमेरिकी संसद ने एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए समलैंगिक शादियों (सेम सेक्स मैरिज बिल) को मान्यता देने से जुड़ा एक द्विदलीय विधेयक (बिल) मंगलवार को पारित कर दिया है. बिल को मंगलवार को 36 के मुकाबले 61 मतों से पारित किया गया. इस बिल को रिपब्लिकन पार्टी के 12 सदस्यों का भी समर्थन मिला है.
इस फैसले से उन हजारों समलैंगिक जोड़ों को राहत मिली है, जिन्होंने उच्चतम न्यायालय के 2015 के फैसले के बाद शादी की थी. इस फैसले के तहत देशभर में समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता दी गई थी.
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जताई खुशी
बाइडेन ने दोनों दलों के सदस्यों द्वारा बिल का समर्थन किए जाने की प्रशंसा की. अपनी खुशी का इज़हार करते हुए राष्ट्रपति ने कहा “प्यार तो प्यार होता है” और अमेरिकियों को उस व्यक्ति से शादी करने का अधिकार होना चाहिए जिससे वे प्यार करते हैं. बाइडेन ने कहा कि अमेरिकी सीनेट ने आज समलैंगिक शादी को सम्मान देकर साबित किया है कि अमेरिका एक मौलिक सत्य की पुष्टि करने के कगार पर है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर यह बिल प्रतिनिधि सभा में पारित हो जाता है तो वह इस पर ‘‘तेजी से और गर्व के साथ’’ हस्ताक्षर करेंगे. बाइडेन ने कहा कि इस बिल के पास होने से यह सुनिश्चित होगा कि LGBTQ (समलैंगिक) समुदाय के लोग ‘‘यह जानते हुए बड़े होंगे कि वे भी पूरी तरह से खुशहाल जिंदगी जी सकते हैं और अपना खुद का परिवार बसा सकते हैं.’’
राष्ट्रपति बाइडेन को सेम सेक्स मैरिज कानून बनाने के लिए जनवरी 2023 के पहले बिल पर साइन करने होंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि जनवरी में हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव रिपब्लिकन पार्टी के कंट्रोल में आ जाएगा.
जुलाई में ये बिल हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव में पेश हुआ था
जून में सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात के अधिकार की रक्षा करने वाले फैसले को पलट दिया था. इसके बाद से अमेरिका में लोगों को ये डर था कि सेम सेक्स मैरिज भी खतरे में आ सकती है. फिर बाइडेन की सरकार समलैंगिक विवाह को मान्यता देने वाला बिल लेकर आई जिसे
जुलाई में हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव में पेश किया गया था. हाउस ने तय किया था कि इस बिल को कानून बनाने के लिए वोटिंग होगी, जिसके बाद इसे 16 नवंबर को सीनेट भेजा गया था. बिल को पास करने के लिए 100 सदस्यों में से 61 सदस्यों के वोट की जरूरत थी. बिल को मंगलवार को 36 के मुकाबले 61 मतों से पारित किया गया.
भारत में समलैंगिक शादी को कानूनी मान्यता नहीं
भारत में भी समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया कि समलैंगिक विवाह की इजाजत नहीं देना भेदभाव है और LGBTQ समुदाय के लोगों के अधिकारों का हनन है. समलैंगिक विवाह को स्पेशल मैरिज एक्ट-1954 में शामिल करने की मांग है.
Edited by Prerna Bhardwaj