क्या दिवाली पर मिलने वाले उपहारों और बोनस पर भी देना होगा टैक्स ?
क्या त्योहार और विशेष अवसरों पर मिलने वाले महंगे उपहार भी इनकम टैक्स कानून के अंतर्गत टैक्स के दायरे में आते हैं.
त्योहार का मौसम है और दिवाली बस आने ही वाली है. दिवाली पर आपको अपने ऑफिस से उपहार और बोनस भी मिलेगा. लेकिन अब सवाल उठता है कि क्या हर महीने मिलने वाली सैलरी की तरह दिवाली पर मिलने वाले महंगे उपहार और बोनस भी टैक्सेबल इनकम के दायरे में आते हैं.
भारम सरकार के इनकम टैक्स कानून, 1961 के सेक्शन 56(2) के तहत करदाता पर हर तरह की आय के लिए टैक्स की देनदारी बनती है. इस कानून के मुताबिक मॉनेटरी गिफ्ट यानी पैसे के रूप में मिलने वाला हर तरह का गिफ्ट टैक्सेबल इनकम के दायरे में आता है. लेकिन अब सवाल यह उठता है कि किस तरह का और कितनी सीमा तक का गिफ्ट और बोनस टैक्स के दायरे में आता है.
इनकम टैक्स कानून के मुताबिक किसी भी तरह की धनराशि, चल या अचल संपत्ति, जिसके बदले में मूल्य या कीमत न ली गई हो, वह गिफ्ट या उपहार की श्रेणी में आती है. गिफ्ट की कीमत यदि यदि 50,000 रुपए से कम है तो वह टैक्सेबल इनकम में नहीं गिना जाएगा. निम्नलिखित स्थितियों में उपहार टैक्स के दायरे में आता है-
1- कैश या चेक के रूप में मिली 50,000 रुपए से अधिक की धनराशि
2- कोई भी लैंड, जमीन, बिल्डिंग, फ्लैट, मकान या किसी भी रूप में अचल संपत्ति, जिसकी स्टांप ड्यूटी का मूल्य 50000 रुपए से अधिक हो
3- शेयर्स, जूलरी, घड़ी, पेंटिंग्स या कोई और महंगी चीज, जिसकी मार्केट वैल्यू 50,000 रुपए से ज्यादा हो.
लेकिन कानून के मुताबिक इन उपहारों के साथ कुछ अपवाद स्थितियां भी होती हैं. ऐसा नहीं है कि 50,000 रुपए से अधिक का हरेक उपहार टैक्स के दायरे में आता है. नजदीकी ब्लड रिलेशंस में एक दूसरे को दिया गया उपहार टैक्सेबल इनकम नहीं नहीं गिना जाता. जैसेकि यदि पति या पत्नी एक-दूसरे को गिफ्ट दें, माता-पिता अपने बच्चों को गिफ्ट दें, बच्चे अपने माता-पिता को गिफ्ट दें या सगे भाई-बहन एक-दूसरे को गिफ्ट दें तो यह गिफ्ट टैक्सेबल इनकम के दायरे में नहीं आता है.
इसके अलावा इनकम टैक्स कानून के मुताबिक विवाह के अवसर पर मिले उपहार भी अपवाद हैं, जो इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आते. यदि किसी केा अपनी शादी पर महंगी घड़ी, जूलरी, चल या अचल संपत्ति या कोई और महंगा गिफ्ट मिला है तो वह टैक्सेबल इनकम के दायरे में नहीं आएगा. शादी के अलावा और किसी भी अवसर जैसेकि जन्मदिन, एनीवर्सरी आदि पर मिलने वाला महंगा गिफ्ट टैक्स के दायरे में आता है.
Edited by Manisha Pandey