यदि आप अपने नए बिजनेस का GST रजिस्ट्रेशन करवाना चाहते हैं तो क्या करें
जिन भी कंपनियों का सालाना टर्नओवर 40 लाख रुपए से ज्यादा है, उनके लिए GST रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है. हालांकि कुछ राज्यों में यह नियम अलग है. नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में यह सीमा 20 लाख रुपए है.
भारत में जिस तेजी के साथ स्मॉल बिजनेस और स्टार्टअप की संख्या बढ़ी है, उसी तेजी के साथ ऐसी कंपनियों की संख्या में बढ़ी है, जो GST के दायरे में आती हैं. छोटी कंपनियों के लिए GST रजिस्ट्रेशन करवाने की कोई अनिवार्यता नहीं है, लेकिन जिन भी कंपनियों का सालाना टर्नओवर 40 लाख रुपए से ज्यादा है, उनके लिए GST रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है. हालांकि यह नियम कुछ राज्यों में अलग है. नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में यह सीमा 20 लाख रुपए है.
चलिए हम आपको बताते हैं GST के बारे मे सबकुछ. यदि आप कोई ऐसी कंपनी चला रहे हैं, जो GST के दायरे में आती है तो आइए हम आपको बताते हैं कि आप इसका GST रजिस्ट्रेशन कैसे करवा सकते हैं.
GST क्या है ?
भारत सरकार ने टैक्स की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए वर्ष 2017 से जीएसटी (GST) की शुरुआत की. इसके पहले किसी भी बिजनेस, उत्पाद और सेवा पर कई तरह के अलग-अलग टैक्स लगते थे, जैसकि एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, एडिशनल कस्टम ड्यूटी, सरचार्ज, राज्य स्तर पर लिया जाने वाला VAT इत्यादि. GST व्यवस्था लागू करने के साथ सरकार ने इन सब अलग-अलग प्रकार के टैक्स को खत्म कर दिया और सिर्फ एक ही टैक्स लिया जाने लगा. वह था GST. GST आने के साथ व्यापारियों के अलावा आम नागरिकों को भी काफी राहत मिली.
GST रजिस्ट्रेशन करवाना और GSTIN लेना क्यों जरूरी है?
यदि आपके बिजनेस का सालान टर्नओवर 40 लाख रुपए से कम है तो आपके लिए यह करवाना अनिवार्य नहीं है. लेकिन GST रजिस्ट्रेशन करवाने के कई सारे फायदे हैं.
1. GST रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद ही आप अपने बिजनेस के लिए जो कच्चा माल खरीद रहे हैं, उस पर इनपुट क्रेडिट टैक्स का लाभ ले सकते हैं.
2. जिन छोटे बिजनेस का टर्नओवर इतना कम है कि वह GST के दायरे में नहीं आता है, वह भी GST रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए GST टैक्स भर सकते हैं और अपना रिटर्न भरकर जमा किया हुआ अतिरिक्त पैसा वापस ले सकते हैं. यह बिलकुल वैसे ही है, जैसे हम इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं.
3. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का नियम है कि अगर कोई स्मॉल बिजनेस अपने व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए बिजनेस लोन लेना चाहता है तो उसके लिए GST रजिस्ट्रेशन और GSTIN नंबर अनिवार्य है. ऐसे में यदि कभी आपको बिजनेस लोन की आवश्यकता पड़ती है तो पहले से GST रजिस्ट्रेशन होना आपके लिए लाभकारी साबित होगा.
GSTIN क्या होता है
जब आप GST रजिस्ट्रेशन करवाते हैं तो आपको 15 अंको का एक नंबर मिलता है. इस नंबर को GSTIN कहा जाता है. इस नंबर के पहले दो अंक राज्य का कोड होते हैं. उसके बाद अगले 10 नंबर संबंधित व्यक्ति का PAN नंबर होता है. 13वां अंक बिजनेस रजिस्ट्रेशन की संख्या बताता है. 14वां अंक हर बार डिफॉल्ट रूप से Z होता है. अंत में 15वां अंक सबसे महत्वपूर्ण चेक कोड होता है.
जब GST नहीं था, जब केंद्र सरकार व्यापारियों को एक टैक्स आइडेंटिफिकेशन नंबर जारी करती थी, जिसे TIN नंबर कहते थे. कई बार कई बिलों पर आपने TIN नंबर लिखा देखा होगा. यही वह नंबर था, जिससे व्यापारियों के टैक्स के ब्यौरों की पहचान होती थी. GST आने के बाद TIN नंबर खत्म कर दिया गया.
GST रजिस्ट्रेशन कैसे करवाएं
GST रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया बहुत आसान है और सब सबकुछ ऑनलाइन होता है. रजिस्ट्रेशन मुफ्त है और इसके लिए कोई शुल्क नहीं लगता. यदि आप इंटरनेट सेवी नहीं हैं तो भारत सरकार के GST सेवा केंद्रों पर जाकर भी रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.
- ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने के लिए सबसे पहले इस वेबसाइट - https://www.gst.gov.in/ पर जाएं.
- वहां आपको सबसे ऊपर बाईं तरफ "Services" का बटन दिखेगा. उस पर क्लिक करें. फिर रजिस्ट्रेशन का बटन दिखेगा. उस पर क्लिक करने पर आपको "New Registration" का बटन मिलेगा. उस पर क्लिक करें.
- जैसे ही आप "New Registration" पर क्लिक करेंगे तो आपको एक फॉर्म मिलेगा. उस फॉर्म में पूछी गई जानकारियों को ध्यान से पढ़ें और सही-सही जानकारी फिल करें. फॉर्म के साथ अपना मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी देना न भूलें.
- एक बार फॉर्म सबमिट करने के बाद वेरीफिकेशन के लिए आपके दिए गए मोबाइल नंबर पर एक OTP आएगा. जैसे ही आप OTP एंटर करेंगे, आपको एक टेम्पररी (अस्थाई) रजिस्ट्रेशन नंबर मिलेगा.
- अब आपको मुख्य पेज पर वापस जाना है और टेम्पररी रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ दोबारा लॉगिन करना है और फॉर्म को वेरीफाई करना है.
- इस बार वह आपसे बैंक और बिजनेस से संबंधित जरूरी डॉक्यूमेंट देने के लिए कहेगा. यह डॉक्यूमेंट तत्काल जमा करना जरूरी नहीं है. इसके लिए आपको 15 दिन का समय मिलता है.
- 15 दिन के भीतर यह जानकारियां देने के बाद आपके मोबाइल पर एक ARN नंबर (Application reference number) आता है. उसके कुछ दिन बार एप्लीकेशन अप्रूव होने के बाद जीएसटी डिपार्टमेंट आपका GSTIN नंबर भेज देता है.
- GSTIN नंबर के साथ अस्थाई यूजर आई और पासवर्ड भी मिलता है, जो आप वेबसाइट पर जाकर बदल सकते हैं.
- इस तरह आपके GST रजिस्ट्रेशन और GSTIN नंबर मिलने की प्रक्रिया आसानी से पूरी हो जाती है.
GST रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट
- पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, पासपोर्ट, या ड्राइविंग लाइसेंस)
- कंपनी का पैन कार्ड
- कंपनी मालिक या मालिकों की पासपोर्ट साइज फोटो
- एलएलपी (limited liability partnership), ओपीसी (One person company) और प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों के लिए एसोसिएशन का सर्टिफिकेट, बैंक डीटेल्स (पासबुक, ट्रांजैक्शन डीटेल्स, कैंसिल्ड चेक आदि)
- पार्टनरशिप फर्म होने की स्थिति में पार्टनरशिप डीड
Edited by Manisha Pandey