हाइड्रोजन और हवा से चलने वाली बस, जानें क्या हैं इसके फायदे
भारत में मौसम परिवर्तन लक्ष्यों, स्वच्छ ऊर्जा के साथ-साथ स्वच्छ ऊर्जा को पूरा करने के प्रयास की दिशा में हाइड्रोजन ईंधन सेल वीकल को उपयोग में लाये जाने की शुरुआत की गई है.
जलवायु परिवर्तन के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए स्वच्छ ऊर्जा के प्रति पूरी दुनियाभर के देशों में ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा देने पर काम चल रहा है. इलेक्ट्रिक वीकल इसका एक प्रत्यक्ष उदाहरण है.
भारत में मौसम परिवर्तन लक्ष्यों, स्वच्छ ऊर्जा के साथ-साथ स्वच्छ ऊर्जा को पूरा करने के प्रयास की दिशा में हाइड्रोजन ईंधन सेल वीकल को उपयोग में लाये जाने की शुरुआत की गई है.
इसी सिलसिले में देश को पहली स्वदेशी हाइड्रोजन फ्यूल बस सड़क पर उतार दी गई है. पूणे में केपीआईटी-सीएसआईआर द्वारा विकसित एक हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस को अनवील कर दिया गया है, अब ये बस पुणे की सड़कों पर दौड़ लगाएगी.
क्या है ग्रीन हाइड्रोजन?
जब पानी से बिजली गुजारी जाती है तो हाइड्रोजन पैदा होती है. इस हाइड्रोजन का इस्तेमाल बहुत सारी चीजों को पावर देने में होता है. अगर हाइड्रोजन बनाने में इस्तेमाल होने वाली बिजली किसी रिन्यूएबल सोर्स से आती है, मतलब ऐसे सोर्स से आती है जिसमें बिजली बनाने में प्रदूषण नहीं होता है तो इस तरह बनी हाइड्रोजन को ग्रीन हाइड्रोजन कहा जाता है. ग्रीन हाइड्रोजन एक उत्कृष्ट स्वच्छ ऊर्जा वेक्टर है जो रिफाइनिंग उद्योग, उर्वरक उद्योग, इस्पात उद्योग, सीमेंट उद्योग और भारी कमर्शियल परिवहन क्षेत्र में डीकार्बोनाइजेशन को सक्षम बनाता है.
डीजल से चलने वाले भारी वीकल से 12-14 प्रतिशत CO2 उत्सर्जन होता है, जो वायु की स्वच्छता के लिए हानिकारक है. लंबी दूरी के मार्गों पर चलने वाली एक डीजल बस आमतौर पर सालाना 100 टन कार्बनडाइ ऑक्साइड का उत्सर्जन करती है और भारत में ऐसी दस लाख से अधिक बसें हैं. हाइड्रोजन ईंधन सेल वीकल इस क्षेत्र में ऑन-रोड कार्बन उत्सर्जन को खत्म करने के लिए शानदार साधन प्रदान कर सकते हैं.
‘हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस' (Hydrogen Fuel Cell Bus) एक ऐसी बस होगी जो इंधन के रूप में हाडड्रोजन और हवा का इस्तेमाल करेगी. इस बस को CSIR (काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च) और केपीआईटी (KPIT) लिमिटेड ने मिलकर डेवलप किया गया है. ईंधन सेल बस को शक्ति प्रदान करने में बिजली उत्पन्न करने के लिए हाइड्रोजन और वायु का उपयोग करता है और बस से केवल पानी का प्रवाह होता है इसलिए यह संभवतः परिवहन का सबसे पर्यावरण अनुकूल साधन है.
पर्यावरणवादी मानते हैं कि ग्रीन हाइड्रोजन एक ऐसा ऊर्जा स्रोत है जो जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को खत्म करने में मददगार साबित होगा और दुनिया को और गर्म होने से बचाएगा. आज हमारे द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली बिजली का ज्यादातर हिस्सा थर्मल एनर्जी प्लांट में पैदा होता है. बिजली पैदा करने की यह पूरी प्रक्रिया कोयले पर निर्भर होती है. ऐसे में हाइड्रोजन क्लीन एनर्जी का भंडार भविष्य की ऊर्जा जरूरतों के लिए काफी उम्मीद जगाती है.