भारत 2035 तक अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की राह पर, 2040 तक चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्री: ISRO
चंद्रयान-3 मिशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी वीरमुथुवेल ने कहा, "पीएम मोदी और ISRO अध्यक्ष पहले ही कह चुके हैं कि 2040 तक हमारे पास चंद्रमा पर भारतीय अंतरिक्ष यात्री होना चाहिए और 2035 तक हमारा अंतरिक्ष स्टेशन भी होना चाहिए. ये बहुत महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं और हम इस दिशा में काम कर रहे हैं."
इसरो (ISRO) के चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) मिशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी वीरमुथुवेल ने कहा कि 2035 तक अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन बनाने और 2040 तक चंद्रमा पर भारतीय अंतरिक्ष यात्री को भेजने की भारत की महत्वाकांक्षी योजना सही दिशा में आगे बढ़ रही है.
उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इसरो के अध्यक्ष पहले ही कह चुके हैं कि 2040 तक हमारे पास चंद्रमा पर भारतीय अंतरिक्ष यात्री होना चाहिए और 2035 तक हमारा अंतरिक्ष स्टेशन भी होना चाहिए. ये बहुत महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं जो इसरो ने शुरू की हैं और हम इस दिशा में काम कर रहे हैं."
चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान के प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) को पृथ्वी की कक्षा में वापस लाने में इसरो की सफलता पर वीरमुथुवेल ने कहा, “जहां तक चंद्रयान-3 का सवाल है, लैंडर और रोवर मिशन ने सफलतापूर्वक एक चंद्र दिवस पूरा किया है."
इसरो वैज्ञानिक ने कहा, "हमने सफलतापूर्वक हॉप ऑन प्रयोग पूरा किया जिसमें हमने उसी इंजन का उपयोग किया जहां हम उतरे थे और फिर से हमने एक पृथ्वी दिवस के लिए पेलोड का संचालन किया."
प्रोपल्शन मॉड्यूल, जिसे चंद्रमा के चारों ओर परिक्रमा करनी थी, ने सभी मिशन उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया है.
उन्होंने कहा, "हम प्रोपल्शन मॉड्यूल को पृथ्वी की कक्षा में वापस ले आए क्योंकि हमें प्रोपल्शन मॉड्यूल में कुछ प्रणोदक उपलब्ध थे और हमने इसे चंद्रमा की कक्षा से पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक लाकर अपनी क्षमता प्रदर्शित की है."