अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस: मिलें उन महिलाओं से जिन्होंने 50 की उम्र में शुरु किया बिजनेस
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आज हम आपको उन महिलाओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने 50 की उम्र में आंत्रप्रेन्योरशिप में हाथ आजमाया और आज बड़ा मुनाफा कमा रही हैं.
आज, 8 मार्च, को दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) मनाया जा रहा है. नारी शक्ति को समर्पित यह दिन बेहद खास है. ऐसे में हम यहां आपको उन महिलाओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने 50 वर्ष की उम्र में आंत्रप्रेन्योरशिप में हाथ आजमाते हुए बिजनेस शुरु किए, और अपनी सफलता की इबारत की नई कहानी लिखी. इन महिलाओं ने वाकई यह साबित कर दिखाया कि उम्र महज एक संख्या है.
उम्र, भौगोलिक बाधायें या संसाधनों तक पहुंच का अभाव इन उत्कृष्टता हासिल करने वाली महिलाओं को अपने सपने पूरे करने से नहीं रोक पाया. उनकी अदम्य भावना हमारे पूरे समाज तथा युवा मन को खासतौर से प्रेरित करेगी, ताकि वे लैंगिक पूर्वाग्रहों को तोड़ सकें तथा लैंगिक असमानता और भेदभाव के खिलाफ खड़े हो सकें. इसके साथ ही इन महिलाओं की कहानियां, उन महिलाओं के प्रयासों को मान्यता देती हैं, जो आंत्रप्रेन्योर बनने के सपने संजो रही हैं.
ऊषा गुप्ता, फाउंडर, Pickled With Love
कोरोना काल में जिंदगी की जंग जीतकर वापस आयी ऊषा गुप्ता इन दिनों होममेड आचार और चटनी का कारोबार कर रही हैं और उससे होने वाले मुनाफे को गरीबों की मदद में खर्च कर देती हैं. उनका कहना है कि अब वह बाकी की बची हुई जिंदगी गरीब और जरूरतमंदों की सेवा में लगाएंगी.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की रहने वाली ऊषा गुप्ता ने. 87 वर्षीय यह बुजुर्ग अपने हौसले और अपनी समाजहितैषी कार्यों के चलते चर्चा में बनी हुई हैं. साल 2021 के जुलाई महीने में ऊषा ने घर पर ही आचार और चटनी बनाने का काम शुरू किया. जिसके बाद घर पर तैयार किए जाने वाले इन उत्पादों को वे सोशल मीडिया के माध्यम से देशभर के लोगों को बेच रही हैं.
कारोबार शुरू करने के एक महीने के अंदर ही उन्होंने 200 से ज्यादा बॉटल्स बेच लिए थे और इससे होने वाली कमाई को उन्होंने कोविड मरीजों व अन्य जरूरतमंदों के लिए दान कर दिया. ऊषा गुप्ता के पति यूपी सरकार में सरकारी इंजीनियर के पद पर अपनी सेवाएं दे चुके थे. वर्तमान में उनकी तीन बेटियां हैं, जो पेशे से डॉक्टर हैं और दिल्ली में रहती हैं.
कोविड की दूसरी लहर ऊषा पर मानो कहर बनकर टूट पड़ी हो. वे और उनके पति एक साथ महामारी के चपेट में आए थे. दोनों बुजुर्ग दंपति करीब एक महीने तक अस्पताल में भर्ती रहे. लेकिन, किसे पता था कि कुदरत को कुछ और ही मंजूर है. लंबे समय के बाद ऊषा तो ठीक हो गईं पर उनके जीवनसाथी ने उनका साथ हमेशा-हमेशा के लिए छोड़ दिया.
ऊषा कहती हैं, मेरी नातिन डॉ. राधिका बत्रा गरीबों की मदद के लिए एक एनजीओ चलाती हैं. मैंने उनसे बात की और अपनी इच्छा जाहीर की. तब मेरी नातिन ने ही आइडिया दिया कि आप अचार अच्छा बनाते हो तो क्यों न इसकी ही मार्केटिंग की जाए. इसकी कमाई से आप डोनेट भी कर देना और आपका मन भी लगा रहेगा.
उनका ये आइडिया मुझे भी काफी पसंद आया. हालांकि, इस उम्र में कड़ी मेहनत वाला काम करना मेरे लिए आसान नहीं था. लेकिन, सभी के सहयोग और बेटियों की हौसलाफ़जाई के बाद मैंने भी अपनी तरफ से पूरी कोशिश की. इस छोटे से बिजनेस का नाम Pickled With Love रखा गया. मार्केटिंग और रिसोर्सेज का काम नातिन ने ही संभाल लिया.
ऊषा गुप्ता ने अचार की मार्केटिंग से मिलने वाले पैसों से अब तक लगभग 65 हजार गरीबों को भोजन कराया है. उनके मुताबिक, इसके अलावा अभी भी हम देश के कई राज्यों में ऐसे लोगों की पहचान कर रहे हैं, जिन्हें मदद की जरूरत है, जो भूखे हैं. इस काम में कुछ बाहरी संस्थाएं भी हमारी मदद करती हैं.
हेमलता पाल, फाउंडर, Chachi Cross Stitch
देहरादून की रहने वाली 56 वर्षीय हेमलता पाल Chachi Cross Stitch की फाउंडर हैं, जोकि हैंडीक्राफ्ट्स का स्मॉल बिजनेस हैं. हेमलता ने अपने स्कूल के दिनों में क्रॉस स्टीचिंग सीखी थी लेकिन बाद में 50 की उम्र में इसे नए आयाम देते हुए बिजनेस का रूप दिया.
50 की उम्र पार करने के बाद हैंडीक्राफ्ट्स का स्मॉल बिजनेस शुरु करने वाली हेमलता पाल वे Chachi Cross Stitch की फाउंडर और क्रिएटर हैं.
हेमलता पाल ने अपने बिजनेस वेंचर Chachi Cross Stitch की शुरूआत के बारे में YourStory के साथ बातचीत में बताया, "मैंने अपने स्कूल के दिनों में क्रॉस स्टीचिंग सीखी थी और मुझे इस आर्ट से बेहद लगाव था. मुझे क्रॉस स्टीचिंग को लेकर जुनून था. लेकिन फिर बड़े होने पर शादी के बाद घर की जिम्मेदारियां निभाने और बेटी के लालन-पोषण में स्टीचिंग पीछे छूट गई."
उन्होंने आगे कहा, "इन सब के बावजूद मेरा क्रॉस स्टीचिंग के प्रति जुनून कभी कम नहीं हुआ. दो साल पहले लॉकडाउन के दिनों में जब मैं घर की सफाई कर रही थी तब मेरी भतीजी कीमी ने मेरे द्वारा क्रॉस स्टीचिंग से बनाया हुए लॉयन (शेर) देखा. फिर उन्होंने कहा कि 'चाची' आपने बहुत ही सुंदर और प्यारा लॉयन बनाया है. आप इसे (क्रॉस स्टीचिंग को) फिर से शुरू क्यों नहीं करती?"
फिर हेमलता को उनकी बेटी (वर्तमान में अमेरिका में रह रही है) और उनके पति, जोकि एक रिटायर्ड बैंकर हैं, ने उन्हें फिर से क्रॉस स्टीचिंग शुरू करने के लिए प्रेरित किया और उन्हें समर्थन दिया. उनकी भतीजी ने Instagram पर उनका अकाउंट बनाकर आर्टवर्क की तस्वीरें अपलोड की.
बहुत जल्द ही उन्हें लोगों से ऑर्डर मिलने शुरू हो गए और तब से पीछे मुड़कर नहीं देखा. उनकी भतीजी अपनी चाची के साथ मिलकर प्रोडक्ट्स की पैकेजिंग में भी हाथ बटाती है.
हेमलता पाल 'चाची' अपने प्रोडक्ट्स को InstaMojo के जरिए ऑनलाइन बेच रही है. उनके प्रोडक्ट्स की रेंज 150 रुपये से शुरू होकर 800 रुपये तक होती है, जोकि काफी किफायती है.
तत्कालीन केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने भी 'चाची' द्वारा बनाए गए क्रॉस स्टीच हैंडीक्राफ्ट्स की सराहना की है.
कोमल देवी, फाउंडर, Venica Herbals
कोमल देवी ने 56 वर्ष की उम्र में आयुर्वेदिक ब्रांड Venica Herbals की शुरुआत की, जो आयुष विभाग, तेलंगाना सरकार द्वारा लाइसेंस प्राप्त ऑर्गेनिक और प्रिजर्वेटिव-फ्री हेयर एंड स्कीन केयर प्रोडक्ट्स की एक रेंज प्रदान करता है.
हेयरकेयर ब्रांड Venica Herbals की फाउंडर के रूप में, कोमल को इन दिनों अपने ग्राहकों की जरूरतों और चिंताओं को संबोधित करते हुए पाया जा सकता है, या पत्रकारों द्वारा उनसे पूछे जाने वाले सवाल कि संभवतः उन्हें जीवन के इस पड़ाव में D2C ब्रांड शुरू करने के लिए किस बात ने प्रेरित किया, का जवाब देते पाया जा सकता है. "कई अन्य लोग भी यही सवाल पूछते हैं, 'आप अभी इस उम्र में बिजनेस क्यों कर रही हैं और और किसके लिए?' लेकिन यह मेरे लिए है. यह मेरा सपना है," कोमल फोन कॉल पर कहती हैं.
एक आयकर अधिकारी की बेटी कोमल ने 1987 में एक डॉक्टर से शादी की और अपने पति के साथ ईरान चली गई. ईरान में अपने छह साल के प्रवास के दौरान, उन्होंने अपने बच्चों की शिक्षा के लिए भारत लौटने से पहले कई सौंदर्य उपचार कोर्सेज लेने शुरू किए.
हालांकि, जीवन में एक विकट मोड़ तब आया जब उनके पति की एक कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई. खुद घर की जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने दूरदर्शन चैनल पर एंकरिंग और डबिंग करना शुरू किया, और 1990 तक कुछ टेलीफिल्मों, फीचर फिल्मों, मंच नाटकों और कई डॉक्यूमेंट्रीज में अभिनय किया.
1991 में, वह हैदराबाद में एक फारसी कॉस्मेटोलॉजिस्ट से मिलीं, जिनसे उन्होंने इलेक्ट्रोलिसिस, मोटापे के उपचार, एडवांस्ड हेयर एंड स्कीन थैरेपी में एडवांस्ड कोर्स सीखे.
अपने स्वयं के आउटलेट के साथ प्रयोग करने के लिए पर्याप्त आश्वस्त, उन्होंने Khubsoorat Obesity Electrolysis Beauty Clinic लॉन्च किया और 1997 में एक और ब्रांच शुरु की. जब उनके दोनों बेटे कॉर्पोरेट नौकरियों में सेट हो गए, तो वह कई बार कनाडा गईं, अपने बड़े बेटे से मिलने के लिए, और एक बार फिर आयुर्वेद के साथ-साथ अलग-अलग स्किल्स में ट्रेनिंग ली. उनके फॉर्मूले और समाधान उनके ग्राहकों को बहुत पसंद आए लेकिन Landmark Forum के पर्सनल डेवलपमेंट कोर्स ने उन्हें एक बिजनेस शुरू करने के लिए प्रेरित किया.
2015 में, जब कोमल ने वेनिका हर्बल्स शुरू करने का फैसला किया, तो वह स्वतंत्र होने में मदद करने के लिए अधिक से अधिक महिलाओं को रोजगार देने के लिए दृढ़ थी. 1 लाख रुपये के शुरुआती निवेश के साथ, कोमल ने लगभग 11 अलग-अलग आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स तैयार किए और उनकी मार्केटिंग की और बिजनेस में 15 लाख रुपये का निवेश किया. आज, एक D2C ब्रांड के रूप में, Venica Herbals के पास अपनी वेबसाइट और Amazon जैसे प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से FSSAI प्रमाणित प्रोडक्ट्स की एक रेंज है, जैसे हेयर ऑयल, हेयर पैक, मेंहदी, शुद्ध शिकाकाई, शुद्ध रीठा, हेयर शैम्पू, फेस वॉश, फेस पैक. वर्तमान में 15 लाख रुपये की वार्षिक बिक्री के साथ, कोमल ने बैंक से लगभग 7 लाख रुपये का वर्किंग कैपिटल लोन लिया है, और अब लगभग 10 से 12 लोगों को रोजगार दे रही है.
अर्चना सोनी, को-फाउंडर, Ashvatha
अर्चना सोनी ने 50 साल की उम्र में अपने बेटे डॉ उज्जवल सोनी के साथ मिलकर 'Ashvatha' की शुरुआत की. यह एक ऐसा ब्रांड है, जो पारंपरिक विधियों पर आधारित प्राकृतिक, हर्बल और आयुर्वेदिक उत्पादों को आधुनिक तरीके से पेश करता है.
अर्चना सोनी का जीवन करीब 25 सालों तक उनके परिवार और बच्चों की परवरिश के लिए समर्पित रहा. वह आयुर्वेद, अध्यात्म और एक हेल्थी लाइफ स्टाइल को मानने वाली महिला हैं. परिवार के सदस्यों और दोस्तों को स्वस्थ रखने के लिए इस दौरान बहुत से सुपरफूड्स और जड़ी-बूटियों के विभिन्न मिश्रणों के साथ प्रयोग किया.
दिल्ली में जन्मी और पली-बढ़ी अर्चना ने गणित में बीए किया है और शुरुआती दिनों में वह अपने पिता को उनके रेस्टोरेंट बिजनेस में मदद करती थीं. बाद में डॉक्टर पति से शादी के बाद वह पानीपत चली गईं.
अर्चना कहती हैं, “मेरे मोटिवेशन का जरिया मेरे परिवार को सबसे बढ़िया पोषक तत्व प्रदान करना और उन्हें स्वस्थ रखना था. मेरे बच्चे चूजी थे यानी वे बहुत सारी चीजें नहीं खाती थे. मुझे भी इसका एहसास था कि स्वास्थ्य लाभ के चक्कर में स्वाद से समझौता नहीं करना चाहिए, अन्यथा वे उन्हें कुछ दिनों में अस्वीकार कर देंगे. इसलिए मैंने बहुत सारे सुपरफूड्स को मिक्स कर कई सारे अलग आहार बना लिए. इन आहारों को रोजाना के फूड में शामिल करना आसान था क्योंकि स्वस्थ होने के साथ-साथ इनके स्वाद भी अच्छे थे."
अर्चना ने तीन साल तक इन उत्पादों को खासतौर से अपने दोस्तों और परिवार के लिए मुफ्त में बनाया. वह कहती हैं, "जब लोग हर महीने इन उत्पादों को पहले से अधिक मात्रा में मांगने के लिए मेरे पास आने लगे, तो तो मेरे बेटे डॉ. उज्ज्वल ने इसे एक अवसर के रूप में देखा और सुझाव दिया कि मैं इन उत्पादों को दुनिया के सामने उचित तरीके से लाऊं. मैं इसके लिए तैयार थी. शायद मुझे ऐसे मौके का हमेशा से इंतजार था और बस अपने बेटे के समर्थन से आखिरकार मुझे अपना पहला आंत्रप्रेन्योरशिप ब्रेक मिला."
उन्होंने 2020 में इस बिजनेस को Archna Foods के रूप में रजिस्टर किया और बिना किसी मार्केटिंग रणनीति के पहले दो महीनों में ही करीब 1.5 लाख रुपये की बिक्री की.
वह आगे कहती हैं, “हमें लोगों से जिस तरह की प्रतिक्रिया मिली और मेरे उत्साह को देखते हुए, मेरा बेटा उज्जवल इसमें को-फाउंडर के तौर पर शामिल हुआ. हमने दिसंबर 2020 में Ashvathaब्रांड नेम से अपने उत्पादों को दोबारा लॉन्च और रीपैकेज किया. कई बाजारों में सूचीबद्ध किया और अपना खुद का D2C स्टोर बनाया और अप्रैल 2021 में आखिरकार बिक्री शुरू की.”
फाउंडर्स ने Ashvatha के ई-कॉमर्स स्टोर और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना के लिए इस कंपनी को 5 लाख रुपये के निवेश के साथ शुरू किया. इसने पिछले साल अप्रैल में कामकाज शुरू किया और दिसंबर 2021 तक करीब 30 लाख रुपये का रेवेन्यू हासिल किया. इस साल कंपनी को 80 लाख रुपये के राजस्व की उम्मीद है.
रितु भंसाली, फाउंडर, EverythingMomMade
जयपुर की रहने वाली रितु भंसाली और उनकी दो बेटियां इंस्टाग्राम पर अपने घरेलू D2C सोशल कॉमर्स वेंचर EverythingMomMade – नैचुरल, प्रिजर्वेटिव फ्री पर्सनल ग्रूमिंग ब्रांड, के जरिए सफलता का स्वाद चख रही हैं.
49 वर्षीय रितु भंसाली, अपने जीवन के अधिकांश समय तक एक गृहिणी रही है और महामारी के बीच केवल एक साल पहले ही वे आंत्रप्रेन्योर बनीं थी. जयपुर की रहने वाली यह महिला आंत्रप्रेन्योर इंस्टाग्राम पर अपनी बेटियों की मदद से एक नैचुरल, प्रिजर्वेटिव फ्री स्कीन एण्ड हेयर केयर ब्रांड EverythingMomMade चलाती हैं.
सोशल कॉमर्स बिजनेस को प्लेटफॉर्म पर 16,000 से अधिक फॉलोअर्स की अपनी कॉम्यूनिटी से बहुत प्यार मिलता है. 1,000 से अधिक रिव्यू मिल चुके हैं, जिनमें से सभी ने रितु को बेहद खुशी दी है.
रितु की बड़ी बेटी दिवा कहती है, "यह एक गृहिणी है जो अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर जा रही है और इतने सारे लोगों तक पहुंच रही है. जब वे हमारे प्रोडक्ट्स का उपयोग करने के अपने एक्सपीरियंस शेयर करते हैं, और कमेंट करते हैं, तो हमारी मां बहुत भावुक हो जाती हैं. और हर बार जब वह एक अच्छा रिव्यू पढ़ती हैं, तो वह रोती हैं.”
दिवा का कहना है कि उनकी मां एमकॉम ग्रेजुएट हैं. लेकिन 90 के दशक की शुरुआत में, लोग उन महिलाओं पर भड़क जाते थे जो बाहर जाकर काम करती थीं, और उनकी पढ़ाई के बाद शादी करना पसंद किया जाता था.
दिवा YourStory को बताती है, “आज, घर में 360-डिग्री परिवर्तन है क्योंकि हमारी माँ एक आंत्रप्रेन्योर के रूप में अपनी नई-नई पहचान को जी रही है और बिजनेस के लिए एक के बाद एक कॉल और मीटिंग्स में व्यस्त हैं. ऐसा नहीं है कि हमें उसकी क्षमताओं पर संदेह है, लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि वह आर्थिक रूप से इतनी स्वतंत्र होंगी, बिजनेस चलाने की तो बात ही छोड़ दें.”
दिवा दो बेटियों में से सबसे साहसी हैं और लंदन, दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में आठ साल से घर से दूर रही है. लेकिन अब, उन्होंने अपनी माँ के बढ़ते बिजनेस को सपोर्ट करने के लिए एक पब्लिक रिलेशंस प्रोफेशनल के रूप में अपनी फुल-टाइम जॉब से फ्रीलांसिंग की ओर रुख किया है.
बेटियाँ अपनी माँ को लगभग सभी प्रकार की समस्याओं के लिए विभिन्न घरेलू उपचारों को नया करने और बिजनेस शुरू करने के लिए अपनी स्किल्स का उपयोग करने के लिए प्रेरित कर रही थीं. यह केवल महामारी के दौरान हुआ, जब उन्होंने इसकी शुरूआत की.
20,000 रुपये के शुरुआती निवेश से शुरू हुए इस ब्रांड का अब रेवेन्यू हर महीने लगभग 1.5 रुपये से 2 लाख रुपये के पार हो गया है.