Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
ADVERTISEMENT
Advertise with us

जम्मू-कश्मीर के सरकारी स्कूल के सहायक शिक्षकों ने खुद के पैसों से शुरू किया स्मार्ट क्लासरूम

जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले के घोर्दी में सरकारी स्कूल के सहायक शिक्षकों ने निजी स्कूलों की तरह स्मार्ट क्लासरूम शुरू किया है।

जम्मू-कश्मीर के सरकारी स्कूल के सहायक शिक्षकों ने खुद के पैसों से शुरू किया स्मार्ट क्लासरूम

Wednesday April 14, 2021 , 3 min Read

"हाल ही में जम्मू-कश्मीर के उधमपुर के सरकारी स्कूल के सहायक शिक्षकों ने स्मार्ट क्लासरूम शुरू किया है। यह स्मार्ट कक्षाएं न केवल अत्यधिक भुगतान वाले निजी स्कूलों की तरह शिक्षा को बदल रही हैं, बल्कि यह जम्मू और कश्मीर के पिछड़े और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित सरकारी स्कूलों में धीरे-धीरे प्रवेश कर रही हैं।"

ि

फोटो साभार: ANI

कोविड-19 महामारी ने शिक्षा क्षेत्र को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। बीमारी के प्रकोप के बीच, कई स्कूलों को एक संशोधित पाठ्यक्रम के साथ अपनी कक्षाओं का संचालन करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्मों की ओर रुख करना पड़ा। ऐसे में शिक्षकों और छात्रों को ऑनलाइन लर्निंग और स्मार्ट क्लासरूम्स की और रूख करना पड़ा।


हाल ही में जम्मू-कश्मीर के उधमपुर के सरकारी स्कूल के सहायक शिक्षकों ने स्मार्ट क्लासरूम शुरू किया है। यह स्मार्ट कक्षाएं न केवल अत्यधिक भुगतान वाले निजी स्कूलों की तरह शिक्षा को बदल रही हैं, बल्कि यह जम्मू और कश्मीर के पिछड़े और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित सरकारी स्कूलों में धीरे-धीरे प्रवेश कर रही हैं।


उधमपुर जिले के घोर्दी क्षेत्र के सरकारी कन्या मध्य विद्यालय में शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के पास अब सीखने की ऑडियोविजुअल सुविधा है, जिसे स्मार्ट क्लास के रूप में भी जाना जाता है।

इन स्मार्ट क्लासेज का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्र से आने वाले छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है।


समाचार ऐजेंसी एएनआई से बात करते हुए एक शिक्षक ने कहा,

''यह क्षेत्र शिक्षा में पिछड़ा है। ज्यादातर लोग गरीब हैं। हमने तय किया कि हम मिलकर पैसा इकट्ठा करके इसी स्कूल में निजी स्कूलों की तरह स्मार्ट क्लासरूम शुरू करें।''


यह पहल सरकारी स्कूल के सहायक शिक्षकों द्वारा की गई थी; उन्होंने इस विचार को जमीनी हकीकत में लाने के लिए खुद के पैसों का योगदान दिया और स्कूल के फंड से भी एक चैक लिया। छात्रों ने जिले में शिक्षा प्रणाली को बढ़ाने वाले संशोधन पर प्रसन्नता व्यक्त की।


आपको बता दें कि स्कूल में सभी COVID प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है। शिक्षक और छात्र मास्क पहनते हैं, हाथ साफ करते हैं और स्कूल में सामाजिक दूरी भी सुनिश्चित की जाती है।


कुछ ऐसी ही कहानी मुनीर आलम की भी है। जम्मू और कश्मीर में छात्रों को ऑनलाइन क्लासिज़ में भाग लेने में जब मुश्किल हुई तब छात्रों की मदद करने के लिए आगे आए। अपने कोचिंग संस्थान में, मुनीर कश्मीर के विभिन्न हिस्सों से, कक्षा 11 और 12 के लगभग 80 छात्रों को पढ़ाते थे। राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के साथ, उन्हें कश्मीर में नेटवर्क की खराब कनेक्टिविटी के कारण कक्षाएं लेने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, और तब मुनीर ने खुली हवा में अपनी कक्षाएं आयोजित करनी शुरू कर दीं।


Edited by Ranjana Tripathi