2 लाख के निवेश से 3 लाख का मुनाफा! कर्नाटक के इस शख्स को पीले तरबूज की खेती से हुआ फायदा
कर्नाटक के कलाबुरगी में कोरल्ली गांव के निवासी बसवराज ने पीले तरबूजों की खेती की है।
तरबूज ग्रीष्म ऋतु का फल है। यह बाहर से हरे रंग के होते हैं, परन्तु अंदर से लाल और पानी से भरपूर व मीठे होते हैं। इनकी फ़सल आमतौर पर गर्मी में तैयार होती है। पारंपरिक रूप से इन्हें गर्मी में खाना अच्छा माना जाता है क्योंकि यह शरीर में पानी की कमी को पूरा करते हैं।
तरबूज में लगभग 97% पानी होता है यह शरीर में ग्लूकोज की मात्रा को पूरा करता है। तरबूज रक्तचाप को संतुलित रखता है और कई बीमारियाँ दूर करता है। हिन्दी की उपभाषाओं में इसे मतीरा (राजस्थान के कुछ भागों में) और हदवाना (हरियाणा के कुछ भागों में) भी कहा जाता है।
तरबूज की खेती राजस्थान, गुजरात ,महाराष्ट्र ,आंध्र प्रदेश के साथ ही उत्तर प्रदेश में भी बड़े पैमाने पर की जा रही है।
लेकिन हाल ही में कर्नाटक में एक शख्स ने पीले तरबूज की खेती की है और न सिर्फ खेती की बल्कि इस खास किस्म की खेती से उसने बड़ा मुनाफा भी कमाया है।
यह शख्स कर्नाटक के कलाबुरगी में कोरल्ली गांव का निवासी है। इनका नाम बसवराज है और यह ग्रेजुएट भी हैं।
बसवराज ने पीले तरबूजों की खेती करने के बारे में बताते हुए समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ”ये लाल तरबूजों से ज्यादा मीठे होते हैं।मैंने इस तरबूज की खेती में 2 लाख रुपये का निवेश किया था और मुझे 3 लाख रुपये से अधिक का लाभ हुआ है। हमें खेती में विविधता लानी चाहिए।”