मिलें माउंट अन्नपूर्णा फतह करने वाली देश की पहली बेटी से, राष्ट्रपति के हाथों मिला राष्ट्रीय सम्मान
प्रियंका मोहिते को पर्वतारोहण के क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान के लिए बीते साल 13 नवंबर को तेनजिंग नोर्गे एडवेंचर अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। प्रियंका को यह अवार्ड राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के हाथों मिला था।
देश की बेटियाँ लगातार विश्व पटल पर अपना और देश का नाम रोशन कर रही हैं और बात अगर पर्वतारोहण की हो तो प्रियंका मोहिते के बिना यह सूची अधूरी है। प्रियंका आज पर्वतारोहण में देश का जाना-माना नाम हैं, जो बीते कई सालों से पर्वतारोहण में लगातार कीर्तिमान स्थापित करते हुए लड़कियों समेत सभी युवाओं के लिए भी प्रेरणास्रोत बन चुकी हैं।
मालूम हो कि साल 2021 में माउंट अन्नपूर्णा को फतह करने वाली पहली भारतीय महिला होने के साथ ही प्रियंका दुनिया भर की तमाम चोटियों को भी फतह कर चुकी हैं।
नाम हैं कई रिकॉर्ड
28 वर्षीय प्रियंका तब चर्चा में आईं जब उन्होंने दुनिया की 10वीं सबसे ऊंची चोटी माउंट अन्नपूर्णा को फतह किया था। इसी के साथ प्रियंका के नाम माउंट मकालू को फतह करने वाली पहली भारतीय महिला होने का भी रिकॉर्ड है। प्रियंका ने यह रिकॉर्ड अपने नाम साल 2019 में किया था।
मालूम हो कि माउंट मकालू दुनिया की 5वीं सबसे ऊंची चोटी है, जिसकी ऊंचाई 8 हज़ार 463 मीटर है। महाराष्ट्र के सतारा से आने वाली प्रियंका मोहिते बचपन में ही पर्वतारोही बनने का सपना देखा था। पहली कक्षा में ही उन्होंने अपने भविष्य के लिए पर्वतारोहण का चुनाव कर लिया था।
प्रियंका ने साल 2013 में महज 21 साल की उम्र में दुनिया की सबसे ऊंची छोटी माउंट एवरेस्ट को फतह किया था। गौरतलब है कि ये कारनामा कर वे ऐसा करने वाली भारत की तीसरी सबसे युवा पर्वतारोही बन गईं थीं। साल 2018 में प्रियंका ने माउंट ल्होत्से भी फतह किया।
मुश्किलों को किया पार
पर्वतारोहण कतई आसान नहीं है और इस क्षेत्र में किसी भी पर्वतारोही के लिए हर पल चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना पड़ता है। मीडिया के अनुसार, प्रियंका ने भी पर्वतारोहण के करियर के दौरान कई कठिन चुनौतियों का सामना किया है, जिसमें नेपाल में साल 2015 में भूकंप त्रासदी भी शामिल है।
इस भूकंप की घटना में प्रियंका बाल-बाल बची थीं, हालांकि इन चुनौतियों के बावजूद प्रियंका का हौसला रत्ती भर भी कम नहीं हुआ है, बल्कि वे अपने इस पैशन को लेकर पहले से और भी अधिक मजबूती के साथ आगे आई हैं।
मीडिया से बात करते हुए प्रियंका ने बताया था कि उन्होंने ट्रेनिंग के जरिये पर्वतारोहण की तकनीकों को मजबूत किया है और वे और उनके अन्य साथी भी हिमस्खलन जैसी घटनाओं के लिए तैयार रहते हैं। प्रियंका के अनुसार यह सिर्फ सही मानसिकता और किसी भी मुश्किल से बाहर निकलने का तरीका जानने भर की बात है।
राष्ट्रपति के हाथों सम्मान
प्रियंका को पर्वतारोहण के क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान के लिए बीते साल 13 नवंबर को तेनजिंग नोर्गे एडवेंचर अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। प्रियंका को यह अवार्ड राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के हाथों मिला था। इसी के साथ साल 2017-2018 के लिए प्रियंका को महाराष्ट्र सरकार ने शिव छत्रपति राज्य पुरस्कार से भी सम्मानित किया था।
Edited by रविकांत पारीक