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2020-21 में लड़कों से ज्‍यादा लड़कियों ने लिए कॉलेज में एडमिशन- स्‍टडी

भारत के विश्‍वविद्यालयों में उच्‍च शिक्षा के लिए दाखिला लेने वाली लड़कियों ने लड़कों को पीछे छोड़ा.

2020-21 में लड़कों से ज्‍यादा लड़कियों ने लिए कॉलेज में एडमिशन- स्‍टडी

Monday January 30, 2023 , 3 min Read

पूरी दुनिया में स्‍त्री-शिक्षा का इतिहास बमुश्किल 100 साल पुराना है और भारत में तो बस 70 बरस पुराना. आजादी के समय भारत में स्‍त्री साक्षरता की दर महज 5 फीसदी थी और 5 फीसदी महिलाएं भी समाज के आर्थिक और सामाजिक रूप से उच्‍च तबके से ताल्‍लुक रखती थीं.

ज्‍यादा पुरानी बात नहीं, जब दुनिया की सबसे नामी यूनिवर्सिटियां भी महिलाओं को अपने यहां एडमिशन नहीं देती थीं और देती भीं तो उन्‍हें डिग्री नहीं दी जाती थी. विश्‍व प्रसिद्ध कैंब्रिज यूनिवर्सिटी ने महिलाओं को विज्ञान और कानून की डिग्री देने की शुरुआत आज से महज 75 साल पहले की थी.

जिस रेस में महिलाओं की भागीदारी का इतिहास ही इतना छोटा हो, उस रेस में अगर महिलाएं 7 दशक से भी कम समय में पुरुषों को पछाड़कर आगे निकल जाएं तो कल्‍पना की जा सकती है कि वो कितना दम लगाकर दौड़ी होंगी.

स्‍कूली स्‍तर की बोर्ड परीक्षाओं में लड़कियों के अव्‍वल आने की खबर तो हर साल ही आती है, लेकिन ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजूकेशन (All India Survey on Higher Education), (AISHE) की यह रिपोर्ट बता रही है कि भारत में वर्ष 2020-21 में हायर एजूकेशन में जाने वाली लड़कियों की सख्‍ंया ने लड़कों को मात दे दी है.

सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक उस वर्ष में ग्रॉस इनरोलमेंट रेशियो (GER) यानी महिला सकल नामांकन अनुपात ने पुरुष जीईआर को जेंडर पैरिटी इंडेक्‍स (लिंग समानता सूचकांक) में पीछे छोड़ दिया है. महिलाओं का GER पुरुष GER के मुकाबले 2017-18 के 1 सूचकांक से बढ़कर 2020-21 में 1.05 हो गया है.

जहां वर्ष 2019-20 में 1.88 करोड़ लड़कियों ने हायर एजूकेशन में दाखिला लिया था, वहीं वर्ष 2020-21 में यह संख्‍या बढ़कर से 2.01 करोड़ हो गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल नामांकन में महिला नामांकन का प्रतिशत 2014-15 के 45 फीसदी से बढ़कर 2020-21 में 49 फीसदी हो गया है. यानी रिपोर्ट के मुताबिक महिला नामांकन में तकरीबन 44 लाख (28 फीसदी) की बढ़ोतरी हुई है.

अब अगर राज्‍यवार इन नतीजों की बात करें तो महिलाओं की शिक्षा के मामले में उत्‍तर पूर्व के राज्‍य सबसे आगे हैं. हालांकि इन राज्‍यों में कॉलेज में महिलाओं की संख्‍या का अनुपात वर्ष 2018-19 से ही लगातार बढ़ रहा है.

वर्ष 2020-21 में उत्तर पूर्व के राज्यों में महिला स्‍टूडेंट्स की संख्‍या 6.14 लाख रही. वहीं 5.92 लाख पुरुषों ने हायर एजूकेशन में दाखिला लिया. अगर अनुपात के लिहाज से देखा जाए तो उत्‍तर पूर्व के राज्‍यों के विश्‍वविद्यालयों में प्रत्‍येक 100 लड़कों पर 104 लड़कियां कॉलेज में एडमिशन ले रही हैं.

इसके अलावा रिपोर्ट के मुताबिक भारत के अन्‍य राज्‍यों जैसे उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान में भी छात्राओं के इनरोलमेंट के अनुपात में इजाफा हुआ है.  


Edited by Manisha Pandey