नेशनल टेक्नोलॉजी डे: जानिए क्या है इसका इतिहास, महत्व और यह क्यों मनाया जाता है?
भारत में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (National Technology Day) हर साल 11 मई को साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की उपलब्धियों को मनाने के लिए मनाया जाता है. आज 11 मई को, देश अपना 32वां राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मना रहा है जो कि उपमहाद्वीप की तकनीकी प्रगति की याद दिलाता है.
इस दिन 1998 में जब भारत ने राजस्थान में पोखरण टेस्ट रेंज में शक्ति-I परमाणु मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, तब इसकी सफलता का क्षण था. ऑपरेशन का नेतृत्व दिवंगत राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने किया था. अगले दिनों में, देश ने ऑपरेशन शक्ति पहल के तहत कुछ और परमाणु परीक्षण सफलतापूर्वक किए. इन परीक्षणों के बाद, दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत को एक परमाणु राज्य घोषित किया, जो परमाणु शक्ति वाले देशों में शामिल होने वाला छठा देश बन गया.
इसी दिन (11 मई) को भारत ने अपने पहले स्वदेशी विमान 'हंसा-3’ का परीक्षण किया जिसे राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशाला द्वारा डिजाइन किया गया था जिसने कर्नाटक के बेंगलुरु में उड़ान भरी थी. हल्के दो-सीटर विमान को पायलट प्रशिक्षण, निगरानी और अन्य टोही उद्देश्यों के लिए बनाया गया था.
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने भारत की सतह से हवा में मार करने वाली त्रिशूल मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण भी आज ही के दिन किया था. इसके सफल परीक्षण के बाद मिसाइल को भारतीय सेना और एयरफोर्स में जोड़ा गया और यह भारत के एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में आया. इन सभी तकनीकी प्रगति को एक ही दिन में पूरा होने के साथ, भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (नेशनल टेक्नोलॉजी डे) के रूप में घोषित किया.