देश के कॉरपोरेट इतिहास के सबसे बड़े विलय सौदे को NCLT ने दी मंजूरी, जानिए क्या है सौदा
भारत की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड देश के सबसे बड़े निजी ऋणदाता एचडीएफसी बैंक के साथ विलय कर एक दिग्गज बैंक बनने जा रही है.
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने 17 मार्च को एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के विलय को मंजूरी दे दी. यह कॉरपोरेट इतिहास में सबसे बड़ा विलय है.
भारत की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड देश के सबसे बड़े निजी ऋणदाता एचडीएफसी बैंक के साथ विलय कर एक दिग्गज बैंक बनने जा रही है.
एचडीएफसी लिमिटेड को पहले ही भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी), पीएफआरडीए और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के साथ-साथ भारत के स्टॉक एक्सचेंज बीएसई और एनएसई से मंजूरी मिल चुकी है.
ट्रिब्यूनल ने इससे पहले प्रस्तावित विलय के लिए मंजूरी प्राप्त करने के लिए शेयरधारकों की बैठक आयोजित करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी थी.
इस बीच, बीएसई पर आज देर से कारोबार के दौरान एचडीएफसी लिमिटेड और एचडीएफसी बैंक के शेयर क्रमश: 1.7 प्रतिशत बढ़कर 2,575.95 रुपये और 1,578.20 रुपये पर कारोबार कर रहे थे. एचडीएफसी-एचडीएफसी बैंक का विलय वित्त वर्ष 2024 की दूसरी या तीसरी तिमाही तक पूरा होने की उम्मीद है.
बता दें कि, अप्रैल में देश की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड ने निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक में विलय की घोषणा की थी. पहले चरण में एचडीएफसी इन्वेस्टमेंट्स और एचडीएफसी होल्डिंग्स का विलय एचडीएफसी लिमिटेड में किया जाएगा. फिर दूसरे चरण में उस एकीकृत कंपनी का एचडीएफसी बैंक में विलय कर दिया जाएगा.
इसमें कहा गया था कि करीब 40 अरब डॉलर के इस अधिग्रहण सौदे से वित्तीय सेवा क्षेत्र की एक बड़ी कंपनी अस्तित्व में आएगी. प्रस्तावित इकाई का संयुक्त रूप से संपत्ति आधार करीब 18 लाख करोड़ रुपये होगा.
एक बार सौदा प्रभावी होने के बाद, एचडीएफसी बैंक सार्वजनिक शेयरधारकों के स्वामित्व में 100 प्रतिशत होगा, और एचडीएफसी के मौजूदा शेयरधारक बैंक के 41 प्रतिशत के मालिक होंगे. प्रत्येक एचडीएफसी शेयरधारक को प्रत्येक 25 शेयरों के लिए एचडीएफसी बैंक के 42 शेयर मिलेंगे.
Edited by Vishal Jaiswal