उत्तर प्रदेश में बनेगी नई स्टार्टअप नीति, स्टार्टअप फंड के लिये प्रदेश सरकार-सिडबी के बीच समझौता
लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए एक नई स्टार्टअप नीति प्रदेश में बने जिससे प्रदेश का युवा जुड़ सके और रोजगार की संभावनाओं को बल मिल सके।
इसी क्रम में प्रदेश सरकार और सिडबी के बीच सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये। जिसमें उत्तर प्रदेश स्टार्टअप फंड के लिये सिडबी को 15 करोड़ रुपये की पहली किस्त सौंपी गई।
एक सरकारी बयान के अनुसार बुधवार को मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इस समय बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार और श्रमिक उत्तर प्रदेश में आए हैं। हमें उनके कौशल के अनुसार उन्हें रोजगार उपलब्ध कराना होगा। इससे न सिर्फ उनकी समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि उनकी ऊर्जा और प्रतिभा का लाभ उत्तर प्रदेश के माध्यम से पूरे देश को भी मिलेगा।
उन्होंने कहा कि हमारी नीयत नेक है, लेकिन नीयत के साथ-साथ निर्णय लेने की क्षमता को भी गति देनी होगी, तभी हम लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी अच्छे कार्य को तीव्रता के साथ आगे बढ़ाने के लिए समय पर निर्णय लेना अति आवश्यक होता है, वरना एक बड़ा वर्ग योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाता है। यदि समय पर सही निर्णय लेकर कार्य प्रारंभ कर दिए जाएं तो बहुत सारे लोगों के जीवन को एक नई दिशा दी जा सकती है।
योगी ने कहा कि हमारी नई स्टार्टअप नीति आ रही है और इस नई नीति के तहत हम अपने अधिक से अधिक युवाओं को अपना स्टार्ट अप लगाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि एमएसएमई के लिए भारत सरकार ने जिस नए पैकेज की घोषणा की है, उसके तहत प्रदेश के एमएसएमई विभाग ने पहले कार्रवाई को आगे बढ़ाया है। जिसके तहत एक बड़ा ऑनलाइन लोन मेला आयोजित कर उद्यमियों को लोन देने की कार्यवाही को संपन्न किया जा चुका है। इसी तरह से कई और अन्य कार्यों को भी हमने आगे बढ़ाया है।
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि सिडबी के साथ जो आदान-प्रदान और समझौता ज्ञापन प्रदेश में आज स्थापित हो रहा है, निश्चित रूप से उससे स्टार्टअप की स्थापना में गति आयेगी और स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा। उत्तर प्रदेश में तमाम संभावनाएं हैं, यहां के युवाओं के पास नई सोच, विचार और अवधारणायें हैं, लेकिन उनका उपयोग अब तक नहीं किया गया था। वर्तमान सरकार ने इस विषय पर ध्यान दिया है।
Edited by रविकांत पारीक