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गैर-डेवलपर्स को बिना किसी कोडिंग के AI और मशीन लर्निंग प्लेटफॉर्म बनाने में मदद कर रहा है NIT भोपाल के पूर्व छात्रों का स्टार्टअप

गैर-डेवलपर्स को बिना किसी कोडिंग के AI और मशीन लर्निंग प्लेटफॉर्म बनाने में मदद कर रहा है NIT भोपाल के पूर्व छात्रों का स्टार्टअप

Friday August 23, 2019 , 6 min Read

जैसे-जैसे दुनिया स्वचालन (automation) की ओर बढ़ रही है वैसे-वैसे उद्योग और कॉर्पोरेट अपनी कार्य प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए नई-नई तकनीकों को अपना रहे हैं। हालांकि विडंबना यह है कि डेटा विश्लेषक के कई ऐसे कार्य हैं जो अभी तक स्वचालित नहीं हैं। इसी समस्या को हल करने का जिम्मा कैलाश अहिरवार और राहुल विश्वकर्मा ने लिया। दोनों अपने एनआईटी भोपाल के दिनों से दोस्त हैं, इस जोड़ी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) को जनता तक पहुंचाने के लिए 2015 में बेंगलुरु में मेट लैब्स (Mate Labs) की शुरुआत की।



मेट लैब्स

मेट लैब्स टीम



प्लेटफॉर्म Mateverse (Matelabs Innovations Private Limited) मशीन सीखने और डेटा साइंस मॉडल को बिल्ड करने लिए एंड-टू-एंड ऑटोमेशन ऑफर करता है, विशेष रूप से गैर-डेवलपर्स के लिए। मार्च 2018 तक, इसके प्रोडक्ट पर 15,000 साइनअप थे जिनमें 22 प्रतिशत से अधिक यूजर्स सी-सूट से संबंधित थे।


जर्नी

कैलाश और राहुल बताते हैं कि उनकी हमेशा से तकनीक और गणित में रुचि रही है और यही वजह है कि वे मशीन लर्निंग की तरफ गए। राहुल कहते हैं, “हमने संगठनों के लिए एआई और एमएल-संबंधित प्रोजेक्ट्स पर पढ़ना और काम करना शुरू किया। इन प्रोजेक्ट्स पर काम करते हुए, हमने महसूस किया कि बड़ी संख्या में कॉरपोरेट या तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अपनाने के बारे में अनिश्चित थे या फिर वे इस प्रक्रिया को जटिल और थकाऊ मानते थे।” 


गैर-टेक्नोलॉजी कंपनियां और संसाधनों की कमी वाले उद्यम जो तेजी से ट्रांसफॉर्म होना चाहते थे उनके लिए यह बिल्कुल नया था। हालांकि ये कंपनियां उत्सुक थीं, लेकिन पूरी प्रक्रिया कठिन लग रही थी।


राहुल कहते हैं,


"यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण पल था। हमें अहसास हुआ कि यह एक बड़ा उद्योग है जिसे जल्दी, कॉस्ट इफेक्टिव और आसानी से लागू होने वाले एआई और एमएल एप्लिकेशन की जरूरत थी।"


यह काम किस प्रकार करता है?

Mateverse का उपयोग करके, डेटा विश्लेषक किसी भी कोड को लिखे बिना मशीन लर्निंग मॉडल बना सकते हैं। टीम के अनुसार, इससे किसी भी सलूशन के डेवलपमेंट में लगने वाले 90 प्रतिशत समय में कटौती करने में मदद मिलेगी। राहुल कहते हैं कि यह गैर-डेटा वैज्ञानिकों को विश्लेषणात्मक मॉडल डेवलप करने और बिल्ड करने में सक्षम बनाता है।


राहुल कहते हैं,


“हमारे प्रोडक्ट Mateverse का इस्तेमाल CXO और VPs, डेटा एनालिटिक्स फर्मों, विश्लेषकों और फॉर्च्यून 500 कंपनियों सहित सभी क्षेत्रों के डेटा वैज्ञानिकों द्वारा किया जाता है। हमारी एक तरह की पेशकश हमें उन ग्राहकों को टारगेट करने में सक्षम बनाती है जो पहले इस स्पेस पर निर्भर नहीं थे। हमने इस प्लेटफॉर्म का निर्माण लोगों को आसानी से समझ आ जाने वाली टेक्नोलजी के माध्यम से किया है, जो ऑटोमेशन को संभव बनाती है।” 


यह बताते हुए कि उत्पाद कैसे काम करता है, वे कहते हैं कि डेटा साइंस मॉडल के लाइफ साइकिल में डेटा अंतर्ग्रहण (data ingestion), डेटा प्रेपरेशन, डेटा प्री-प्रोसेसिंग, डेटा क्लीनिंग, फीचर इंजीनियरिंग, मॉडल ट्रेनिंग और डिप्लॉयमेंट शामिल है। Mateverse के स्वामित्व वाले एल्गोरिदम पूर्वानुमानात्मक विश्लेषण मॉडल (predictive analysis model) के लाइफ साइकिल को कवर करते हैं। 


प्लेटफॉर्म एक साधारण ड्रैग एंड ड्रॉप मॉडल की तरह काम करता है। एक बार जब आप डेटाबेस को इंटीग्रेट करते हैं और डेटा प्रेपरेशन स्टेप पर जाते हैं, तब आप डेटा सेट को बिल्ड करने के लिए डेटाबेस में मौजूदा डेटा टेबल्स का उपयोग कर सकते हैं।


राहुल बताते हैं, “जब भी आप एक मशीन लर्निंग मॉडल बिल्ड कर रहे होते हैं, तो उसकी विशेषताएं (attributes) कई मॉडल में फैली होती हैं, और आपको उन विशेषताओं को एक स्थान पर लाने की आवश्यकता होती है। आप क्या करतें हैं कि आप कई टेबल्स तैयार करते हैं एक हाइब्रिड डेटा सेट बनाते हैं, और आप डेटा क्लीनिंग, डेटा प्री-प्रोसेसिंग और अन्य मैनुअल डिस्क्स करते हैं। Mateverse के साथ, एक बार जब आप डेटा अपलोड करते हैं, तो आपको कुछ ही मिनटों में एक प्रशिक्षित मशीन लर्निंग मॉडल मिलता है।” 


संक्षेप में कहें तो जो काम पहले नौ से 15 महीने में कहीं होता था, अब केवल तीन सप्ताह में होता है। Mateverse के माध्यम से, टीमें एमएल और डीप लर्निंग मॉडल्स को प्रशिक्षित करने के लिए व्यवसायों और उपकरणों से लैस संगठनों को बढ़ाने में सक्षम हैं।


चैलेंजेस और नंबर्स

टीम के लिए, एक बड़ी चुनौती "डेमोक्रेटाइजिंग एमएल" के ढांचे को स्थापित करना था। राहुल और कैलाश के अनुसार, जब उन्होंने मेट लैब्स पर काम करना शुरू किया, तो बाजार में कोई भी ऐसा शख्स नहीं था जो आम जनता के लिए मशीन लर्निग लाने की कोशिश कर रहा हो।


राहुल कहते हैं, “मामूली संसाधनों के साथ, हमने अल्फा से बीटा तक कदम बढ़ाया और अब V1.0 ध्यान से सीख रहे हैं और समय-समय पर अपने खुद के युजर्स से लगातार इसकी पुनरावृत्ति कर रहे हैं। अब हमारे पास इस पूरे ईकोसिस्टम में उपलब्ध सबसे कंपलीट सलूशन में से एक है।” 


मार्च 2018 तक, इसने एंजेल इन्वेस्टर्स से 550,000 डॉलर जुटाए। जनवरी 2019 में, टीम ने पेटेंट के लिए आवेदन भी किया है। साथ ही Mateverse का पूर्ण विकसित उद्यम संस्करण भी जारी किया है।


राहुल कहते हैं, ''पिछले चार महीनों में, हमने फार्मास्युटिकल, एसएएएस, एफएमसीजी, आदि जैसे क्षेत्रों में छह उद्यमों को अपने साथ जोड़ा है। टीम SaaS-based बिजनेस मॉडल को फॉलो करती है जहां क्लाइंट कम्प्यूटेशनल यूसेज या लाइसेंस यूसेज के आधार पर टीम के साथ इंगेज होते हैं।


राहुल बताते हैं, “एक बार जब हम किसी क्लाइंट की पहचान कर लेते हैं और उसकी व्यावसायिक जरूरत को समझ लेते हैं, तो हम एक लॉन्ग टर्म पार्टनरशिप में जाने से पहले 15 दिन के पायलट पर काम करते हैं। पायलट फेस दोनों पार्टीज के लिए अनुमान लगाने, कोर्स करेक्ट, और हमारे लक्ष्य को बेहतर समझने के लिए फायदेमंद होता है।” टीम 20,000 डॉलर से 200,000 डॉलर के बीच एनुअल कॉन्ट्रैक्ट मॉडल को फॉलो करती है।


सेक्टर और भविष्य की योजनाएं

डू-इट-योरसेल्फ मॉडल AI में तेजी से बढ़ रहे हैं। Jubi.Ai जैसे स्टार्टअप हैं, जो ऑनसाइट कस्टमर इंगेजमेंट और बॉट की मदद से सेल्स और कस्टमर सर्विस को ऑटोमेट करता है। एक्शनेबल साइंस भी है, जो AI- पावर्ड "वर्चुअल लोगों" का निर्माण करता है, जो एंटरप्राइज सपोर्ट टीमों के लिए प्रोडक्टिविटी में सुधार, ग्राहकों के अनुभव को बढ़ाने, कर्मचारियों की संतुष्टि बढ़ाने और कम लागत को आसान बनाता है।


लेकिन मेट लैब्स डेटा विश्लेषण प्रक्रिया को स्वचालित करने पर केंद्रित है। भविष्य में, ईकोसिस्टम के स्तर पर एमएल के लोकतंत्रीकरण के अलावा, स्टार्टअप अपने टारगेट बाजार का विस्तार करना चाहता है और एआई / एमएल बाजार का एक बड़े हिस्से को कब्जाना चाहता है। वे अधिक लोगों को काम पर रखने और टीम की ताकत बढ़ाने की योजना भी बना रहे हैं।


स्टार्टअप को हाल ही में अपनी अनूठी पेशकश के लिए भी पहचाना गया था। जिसके बारे में बोलते हुए, राहुल कहते हैं:


“हम गूगल डेमो डे एशिया 2019 में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुने जाने वाले एकमात्र भारतीय स्टार्टअप हैं। कुछ ही हफ्तों में, हम दुनिया के कुछ सर्वश्रेष्ठ उद्यमी लोगों के साथ बातचीत और नेटवर्किंग के लिए तत्पर रहेंगे।"