ONDC ने डिजिटल कॉमर्स समाधानों को आगे बढ़ाने की दिशा में राष्ट्रव्यापी पहल ‘बिल्ड फॉर भारत’ की घोषणा की
इस पहल में विभिन्न स्टार्ट-अप, कंपनियों और कॉलेजों से 2 लाख से ज्यादा प्रतिभागियों के हिस्सा लेने की उम्मीद है.
गूगल क्लाउड इंडिया, एंटलर इन इंडिया, पेटीएम, प्रोटीन और स्टार्टअप इंडिया के सहयोग से, ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) ने ‘बिल्ड फॉर भारत’ पहल की घोषणा की है. इस पहल का उद्देश्य डिजिटल कॉमर्स में विविध चुनौतियों से निपटते हुए, इस क्षेत्र में व्यावहारिक समाधान विकसित करने के लिए औद्योगिक नवाचार को बढ़ावा देना है.
‘बिल्ड फॉर भारत’ का इरादा स्टार्टअप्स, कंपनियों और कॉलेजों से आने वाले 2 लाख से अधिक प्रतिभागियों की अपेक्षित भागीदारी के साथ भारत की तकनीकी और उद्यमशीलता क्षमता का लाभ उठाना है. भागीदारी और इकोसिस्टम-संचालित फ्रेमवर्क को प्राथमिकता देते हुए, यह पहल शीर्ष विशेषज्ञों, लीडर्स, वीसी और इनक्यूबेटर्स के साथ 50+ शहरों में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की गई है.
इस पहल को शुरू करने के लिए, 4 दिसंबर को एक कार्यक्रम किया गया, जिसमें प्रतिभागियों के समक्ष समस्या विवरणों का अनावरण किया गया और पंजीकरण का आमंत्रण दिया गया. रिटेल, मोबिलिटी, एफ एंड बी, वित्तीय सेवाओं और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों को कवर करते हुए, इस पहल को निम्नलिखित तीन अलग-अलग परिणाम देने के लिए डिज़ाइन किया गया है:
कैटेगरी 1 - 'नेक्स्टजेन वेंचर्स' को ओएनडीसी पर उद्यम निर्माण की प्रक्रिया को तेज़ करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. कई विचारों को समझने वाले आकांक्षी संस्थापक हो या फिर किसी विचार पर काम करने वाली शुरुआती चरण की संस्थापक टीम्स, दोनों के लिए ही खुला, यह ट्रैक पूंजी जुटाने, लॉन्च करने, कंपनियों को बढ़ाने, और नए व्यवसायों को विकसित करने का मार्ग प्रदान करता है.
कैटेगरी 2 में प्रसार करने योग्य समाधान शामिल हैं और इसमें छात्रों सहित उन संगठनों या व्यक्तियों से भागीदारी को आमंत्रित किया जाता है, जिनका फोकस नेटवर्क प्रतिभागियों द्वारा सामना की जाने वाली समस्याओं को हल करने पर होता है.
कैटेगरी 3 में फाउंडेशन समाधान शामिल हैं, जो विशेष रूप से कॉलेज के विद्यार्थियों (18+) के लिए है, ताकि एनपी द्वारा सामना की जाने वाली समस्याओं के लिए प्रूफ आॅफ कॉन्सेप्ट को पहचाना जा सके.
'नेक्स्टजेन वेंचर्स' में कैटेगरी 1 के विजेताओं को एंटलर इन इंडिया से विशेष अवसरों और उद्योग के दिग्गजों से मार्गदर्शन का लाभ मिलेगा. उन्हें 5 करोड़ रुपये तक का इक्विटी-मुक्त अनुदान पाने का मौका मिलेगा. जीतने वाली टीमों को एंटलर रेज़ीडेंसी में शामिल होने का अवसर भी मिलेगा, जिससे संभावित वीसी फंडिंग के रास्ते खुल जाएंगे. यह रेज़ीडेंसी कार्यक्रम न केवल पूंजी पेश करता है बल्कि नवसंस्थापकों के लिए एक मंच के रूप में भी कार्य करता है, जहां वे अपने विचारों को अनुमोदित करवा सकते हैं, अपनी टीम बना सकते हैं, और अपनी कंपनियों को लॉन्च कर सकते व उनका प्रसार कर सकते हैं. इसके अलावा, गूगल इंडिया शॉर्टलिस्ट की गई टीमों को मूल्यवान तकनीकी मार्गदर्शन के साथ क्लाउड क्रेडिट प्रदान करेगा.
कैटेगरी 2 के पात्र विजेताओं को शॉर्टलिस्ट की गई टीमों और पात्र विजेता स्टार्टअप के लिए गूगल क्लाउड इंडिया से क्लाउड क्रेडिट मिलने की उम्मीद है.
कैटेगरी 3 के विजेताओं को गूगल क्लाउड इंडिया के योगदान से लाभ मिलता है, जिसमें शॉर्टलिस्ट की गई टीमों के लिए क्लाउड क्रेडिट और पात्र विजेता स्टार्टअप के लिए क्रेडिट भी शामिल है.
ओएनडीसी के एमडी और सीईओ टी कोशी ने कहा, “हम भारत के तेज़ी से बढ़ते डिजिटल कॉमर्स इकोसिस्टम के लिए अभिनव समाधान बनाने पर केंद्रित इस राष्ट्रव्यापी पहल को आयोजित करने को लेकर उत्साहित हैं. 'बिल्ड फॉर भारत' जैसी पहलें सार्थक प्रभाव डालने के लिए भारत के स्टार्टअप और छात्र समुदाय की प्रतिभा और क्षमता को सामने लाएंगी. अनुदान, निवेश और मान्यता के माध्यम से, हम सर्वोत्तम विचारों को स्थायी व्यवसायों में परिवर्तित करने की उम्मीद करते हैं.”
गूगल क्लाउड इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर बिक्रम सिंह बेदी ने कहा, “गूगल क्लाउड भारत की उद्यमशील ऊर्जा और तकनीकी क्षमताओं के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है. यह 'बिल्ड फॉर भारत' पहल, प्रसार योग्य समाधान विकसित करने का मंच देती है, जिससे डिजिटल इकोसिस्टम को बड़े पैमाने पर बदला जा सकता है. छात्रों, स्टार्टअप और व्यवसायों को एक साथ लाकर, हमारा लक्ष्य एक समावेशी डिजिटल इकॉनमी की दिशा में सहयोग और नवाचार को बढ़ावा देना है.”
एंटलर इन इंडिया के पार्टनर और सह-संस्थापक, नितिन शर्मा ने कहा, “एंटलर में, हम ओएनडीसी की गेम-चेंजिंग क्षमता पर बहुत गहराई से शोध करने वाले शुरुआती वीसी में से एक थे, और हमने खुद से पूछा कि क्या यह डिजिटल कॉमर्स पर वैसा ही असर डाल सकता है, जैसा कि यूपीआई ने भुगतान के क्षेत्र में किया. ई-कॉमर्स के लिए केवल बिट्स ही नहीं, बल्कि मूविंग एटम्स की भी आवश्यकता होती है, और बड़ी संख्या में छोटी कंपनियों का समूहन भी आवश्यक होता है. कॉमर्स को पुनर्कल्पित करने और उसे एकजुट करने की दिशा में ओएनडीसी का विज़न व्यापक है और हम इस क्षेत्र में और अधिक निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. 'बिल्ड फॉर भारत' पहल के माध्यम से, हम उच्च क्षमता वाले भारतीय संस्थापकों को ओएनडीसी पर निर्माण करने के लिए संसाधनों, विशेषज्ञ नेटवर्क, समुदाय और पूंजी से सक्षम बनाना चाहते हैं..
पेटीएम के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट सुधांशु गुप्ता ने कहा, “ओएनडीसी के लिए एक क्रेता और विक्रेता नेटवर्क भागीदार के रूप में, हमारा मिशन देश में हर विक्रेता और क्रेता तक ई-कॉमर्स की शक्ति को पहुंचाना है. पेटीएम से ओएनडीसी नेटवर्क ने मूल्य निर्धारण और उपलब्धता के माध्यम से इंटर-पोर्टेबल नेटवर्क की क्षमता का लाभ उठाकर उपयोगकर्ताओं के बीच बड़े पैमाने पर लोकप्रियता हासिल की है. हम 'बिल्ड फॉर भारत' पहल का हिस्सा बनने को लेकर काफी उत्साहित हैं, जिसका उद्देश्य डिजिटल कॉमर्स परिदृश्य में नवाचार को बढ़ावा देना और विविध चुनौतियों का समाधान करना है. यह अखिल भारतीय पहल देश के सर्वश्रेष्ठ दिमागों को एक साथ लाएगी, जो भारत में डिजिटल कॉमर्स के भविष्य को आकार देने के लिए नवीन विचारों को बढ़ावा देंगे.”
प्रोटीन ईजीओवी टेक्नोलजीज़ के एमडी और सीईओ, सुरेश सेठी ने कहा, “'बिल्ड फॉर भारत' भारत की तकनीकी और उद्यमशील क्षमताओं को उजागर करने हेतु छात्रों, स्टार्टअप और व्यवसायों को साथ लाने वाली शानदार पहल है. देश के लिए डीपीआई बनाने में प्रवर्तक के रूप में, हमें इस सामूहिक प्रयास का हिस्सा बनकर खुशी हो रही है, जो तकनीक के माध्यम से आबादी के बीच डिजिटल, सोशल और वित्तीय समावेशन को बढ़ाने में सक्षम बनने के हमारे मिशन को आगे बढ़ाने में मदद करता है.”