ऑनलाइन गेमिंग और कैसिनो पर देना होगा 28% GST, क्या बोली गेमिंग कंपनियां?
ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने मंगलवार को कहा कि 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने के फैसले से नए गेम में निवेश करने की उनकी क्षमता सीमित होने के साथ नकद प्रवाह और कारोबार विस्तार पर भी असर पड़ेगा.
जीएसटी काउंसिल (GST council meeting) की 50वीं बैठक मंगलवार को नई दिल्ली में हुई. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बैठक की अध्यक्षता की. जीएसटी काउंसिल ऑनलाइन गेमिंग, घुड़दौड़ और कैसिनो की फुल वैल्यू पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने पर सहमत हो गई है. साथ ही अब सिनेमाहॉल में खाना सस्ता होगा. जीएसटी काउंसिल ने सिनेमाहॉल में खाने-पीने के सामान पर जीएसटी कटौती का फैसला लिया है. वहीं, कैंसर की दवाओं पर भी जीएसटी नहीं लगेगा.
केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद मीडिया को ब्रीफिंग दी. उन्होंने बताया कि अब ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और घुड़दौड़ में दांव पर लगाई जाने वाली कुल रकम पर 28 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाने का सोमवार को फैसला किया गया. जीओएम को इस पर विचार करना था कि इन तीनों गतिविधियों में दांव पर लगने वाली समूची राशि पर कर लगाया जाए या सकल गेमिंग राजस्व या सिर्फ मंच की तरफ से वसूले जाने वाले शुल्क पर कर लगाया जाए. ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर कर लगाते समय इस आधार पर कोई फर्क नहीं किया जाएगा कि यह कौशल आधारित खेल है या संयोग पर आधारित.
परिषद ने जीएसटी से संबंधित विवादों के निपटान के लिए सभी राज्यों में अपीलीय न्यायाधिकरणों के गठन से संबंधित नियमों एवं शर्तों को मंजूरी दी है. देश भर में करीब 50 न्यायाधिकरण गठित किए जाएंगे और अगले चार-छह महीनों में ये काम करना शुरू कर देंगे.
ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने मंगलवार को कहा कि 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने के फैसले से नए गेम में निवेश करने की उनकी क्षमता सीमित होने के साथ नकद प्रवाह और कारोबार विस्तार पर भी असर पड़ेगा.
ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने सरकार और जीएसटी परिषद से 28 प्रतिशत के बजाय 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने का अनुरोध किया था.
Kick Games Studios Pvt Ltd के मैनेजमेंट ने कहा, "कौशल और अवसर के खेल के बीच अंतर किए बिना ऑनलाइन गेम पर 28% जीएसटी लगाने का जीएसटी परिषद का निर्णय भारत में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग की वृद्धि और स्थिरता के लिए एक गंभीर खतरा है. ये प्रतिगामी उपाय वर्षों से स्थापित कानूनी मिसालों की अवहेलना करते हैं और ऑनलाइन गेमिंग को जुआ गतिविधियों के साथ अन्यायपूर्ण तरीके से जोड़ते हैं और रियल-मनी गेमिंग सेगमेंट के विकास पर नकारात्मक प्रभाव डालेंगे, जो 2022 में भारत के गेमिंग क्षेत्र के राजस्व का 77% था."
IndiaPlays के सीईओ आदित्य शाह ने कहा, "28 प्रतिशत कर लगाने से गेमिंग उद्योग के लिए चुनौतियां बढ़ जाएंगी. ऊंचे कर का बोझ कंपनियों के नकद प्रवाह को प्रभावित करेगा जिससे नवाचार, अनुसंधान और व्यापार विस्तार में निवेश करने की उनकी क्षमता भी सीमित हो जाएगी."
नजारा, गेम्सक्राफ्ट, जुपी और विंजो जैसी गेमिंग कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (AIGF) ने कहा कि जीएसटी परिषद का यह फैसला असंवैधानिक और तर्कहीन है.