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प्लाज्मा आधारित हरित कीटाणुनाशक से कोविड-19 जैसे संक्रामक रोगों के प्रसार पर लग सकती है लगाम: रिसर्च

शोध का आयोजन IASST की कोविड-19 परीक्षण और अनुसंधान सुविधा केंद्र में किया गया था, जो निदेशक प्रो. आशीष के. मुखर्जी के अनुसार अब तक 1.54 लाख से अधिक परीक्षण कर चुका है।

प्लाज्मा आधारित हरित कीटाणुनाशक से कोविड-19 जैसे संक्रामक रोगों के प्रसार पर लग सकती है लगाम: रिसर्च

Wednesday April 20, 2022 , 3 min Read

शोधकर्ताओं ने शीत वायुमंडलीय दबाव प्लाज्मा (CAP) की मदद से उत्पन्न प्लाज्मा-आधारित एक कीटाणुनाशक विकसित किया है जो कोविड-19 के लिए एक हरे रंग के परिशोधक के रूप में कार्य कर सकता है।

कोविड-19 महामारी ने एक परिशोधकों की तत्काल आवश्यकता पैदा कर दी है जो संपर्क के माध्यम से संक्रामक रोगों के प्रसार को सीमित कर सकता है। हालांकि, अधिकांश परिशोधकों में ऐसे रसायन होते हैं जो पर्यावरण के लिए खतरनाक हैं। इसी कारण शोधकर्ता हरित विकल्पों की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित हुए।

Plasma-based green disinfectants can limit spread of infectious diseases like COVID-19

सांकेतिक चित्र

असम के गुवाहाटी स्थित विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी उच्च अध्ययन संस्थान, भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत स्वायत्त संस्थान, के जीव विज्ञान और भौतिक विज्ञान प्रभागों के वैज्ञानिकों डॉ. कामची शंकरनारायणन, डॉ. मोजीबुर आर. खान और डॉ. एच. बाइलुंग की एक टीम ने प्रदर्शित किया है कि शीत वायुमंडलीय दबाव (CAP) द्वारा उत्पन्न प्लाज्मा में SARS-CoV-2 स्पाइक प्रोटीन को निष्क्रिय करने की क्षमता है, जो वायरल संक्रमण और बाद में कोविड -19 को प्रेरित करने के लिए मानव ACE2 रिसेप्टर यानी अभिग्राहक को जमा देता है अर्थात उसे जकड़ लेता है।

प्लाज्मा, पदार्थ की चौथी अवस्था है जो प्रयोगशाला में नियंत्रित परिस्थितियों में उत्पादित होने पर ब्रह्मांड का अधिकांश भाग बनाती है और इसे शीत वायुमंडलीय दबाव प्लाज्मा (CAP) कहा जाता है। वैज्ञानिकों ने एक उच्च वोल्टेज विद्युत क्षेत्र के माध्यम से हीलियम, ऑर्गन और वायु जैसे प्लाज्मा बनाने वाली गैसों को पास किया, जिसके कारण आयनों के मिश्रण के साथ एक स्थिर प्लाज्मा और अभिक्रिया कक्ष के भीतर CAP की एक गुलाबी चमक का उत्सर्जन करने वाले इलेक्ट्रॉनों का निर्माण होता है।

RSC (रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री) एडवांस के अंतर्राष्ट्रीय जर्नल में हाल ही में प्रकाशित इस शोध से पता चलता है कि प्लाज्मा में उत्पन्न अल्पकालिक अत्यधिक प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन और नाइट्रोजन प्रजातियां (ROS/RNS) ने CAP उपचार के 2 मिनट के भीतर SARS-CoV-2 स्पाइक प्रोटीन को पूरी तरह से निष्क्रिय कर देता है। RT-PCR विश्लेषण ने यह भी स्थापित किया है कि CAP SARS-CoV-2 वायरस के आरएनए को निष्क्रिय कर सकता है।

Plasma-based green disinfectants can limit spread of infectious diseases like COVID-19

शोधकर्ताओं ने बताया कि CAP, एक प्लाज्मा-आधारित कीटाणुशोधन विधि पर्यावरण की दृष्टि से खतरनाक रासायन-आधारित परिशोधन विधियों का एक बेहतर विकल्प है। शीत वायुमंडलीय प्लाज्मा पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित है, क्योंकि प्लाज्मा उपचार द्वारा पूरी परिशोधन प्रक्रिया के दौरान, कोई रासायनिक अपशिष्ट उत्पन्न नहीं होता है।

प्रमुख लेखक डॉ. कामची शंकरनारायणन और डॉ. एच. बाइलुंग ने कहा कि विभिन्न जीवाणु या कवक संक्रमणों के लिए कीटाणुशोधन विधि को आगे बढ़ाया जा सकता है।

शोध का आयोजन IASST की कोविड-19 परीक्षण और अनुसंधान सुविधा केंद्र में किया गया था, जो निदेशक प्रो. आशीष के. मुखर्जी के अनुसार अब तक 1.54 लाख से अधिक परीक्षण कर चुका है।


Edited by Ranjana Tripathi