जब देश का युवा आकाश छूने को तैयार है, तो फिर हमारा देश कैसे पीछे रह सकता है - 'मन की बात' में बोले पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आप अपने मासिक रेडिया प्रोग्राम 'मन की बात' के जरिए जनता को संबोधित किया. इस प्रोग्राम का यह 90वां एपिसोड था. इस दौरान पीएम पीएम मोदी ने साल 1975 की इमरजेंसी, खेलों, रीसाइक्लिंग समेत अन्य मुद्दों पर बात की. लेकिन सबसे अहम मुद्दा रहा — स्पेस सेक्टर (Space Sector) और स्पेसटेक स्टार्टअप्स (Spacetech Startups).
पीएम मोदी ने कहा, "आज हमारा भारत जब इतने सारे क्षेत्रों में सफलता का आकाश छू रहा है, तो आकाश, या अन्तरिक्ष, इससे अछूता कैसे रह सकता है! बीते कुछ समय में हमारे देश में स्पेस सेक्टर से जुड़े कई बड़े काम हुए हैं. देश की इन्हीं उपलब्धियों में से एक है In-Space नाम की एजेंसी का निर्माण. एक ऐसी एजेंसी, जो स्पेस सेक्टर में, भारत के प्राइवेट सेक्टर के लिए नए अवसरों को प्रमोट कर रही है."
उन्होंने आगे कहा, "इस शुरुआत ने हमारे देश के युवाओं को विशेष रूप से आकर्षित किया है. मुझे बहुत से नौजवानों से इससे जुड़े संदेश भी मिले हैं. कुछ दिन पहले जब मैं In-Space के हेडक्वार्टर का लोकार्पण करने के लिए गया था, तो मैंने कई युवा स्टार्टअप्स के आइडियाज और उत्साह को देखा. मैंने उनसे काफी देर तक बातचीत भी की. आप भी जब इनके बारे में जानेंगे तो हैरान हुए बिना नहीं रह पाएँगे, जैसे कि, स्पेस स्टार्टअप्स की संख्या और निरंतर बढ़ोतरी को ही ले लीजिये. आज से कुछ साल पहले तक हमारे देश में, स्पेस सेक्टर में, स्टार्टअप्स के बारे में, कोई सोचता तक नहीं था. आज इनकी संख्या सौ से भी ज्यादा है. ये सभी स्टार्टअप्स ऐसे-ऐसे आइडिया पर काम कर रहे हैं, जिनके बारे में पहले या तो सोचा ही नहीं जाता था, या फिर प्राइवेट सेक्टर के लिए असंभव माना जाता था."
पीएम मोदी ने चेन्नई और हैदराबाद के दो स्टार्टअप्स – अग्निकुल (
) और स्काईरूट ( ) का जिक्र करते हुए कहा, "ये स्टार्टअप्स ऐसे लॉन्च व्हीकल (launch vehicles) बना रहे हैं जो अन्तरिक्ष में छोटे पेलोड्स लेकर जायेंगे. इससे स्पेस लॉन्चिंग की कीमत बहुत कम होने का अनुमान है. ऐसे ही हैदराबाद का एक और स्टार्टअप है. यह सैटेलाइट डिप्लोयर और सैटेलाइट्स (satellites) के लिए हाई टेक्नोलॉजी सोलर पैनल पर काम कर रहा है."उन्होंने आगे कहा, "मैं एक और स्पेस स्टार्टअप दिगंतरा (
) के तनवीर अहमद से भी मिला था, जो स्पेस के कचरे को मैप करने का प्रयास कर रहे हैं. मैंने उन्हें एक चैलेंज भी दिया है, कि वो ऐसी टेक्नोलॉजी पर काम करें जिससे स्पेस के कचरे का समाधान निकाला जा सके. Digantara और Dhruva Space दोनों ही 30 जून को इसरो (ISRO) के लॉन्च व्हीकल से अपना पहला लॉन्च करने जा रहे हैं. इसी तरह, बेंगलुरु के एक स्पेस स्टार्टअप की फाउंडर नेहा भी एक कमाल के आइडिया पर काम कर रही हैं. यह स्टार्टअप ऐसे फ्लैट एंटीना (Flat Antenna) बना रहा है जो न केवल छोटे होंगे, बल्कि उनकी लागत भी काफी कम होगी. इस टेक्नोलॉजी की डिमांड पूरी दुनिया में हो सकती है."पीएम मोदी ने कहा, "In-Space के प्रोग्राम में, मैं, मेहसाणा की स्कूली छात्रा तन्वी पटेल से भी मिला था. वो एक बहुत ही छोटे सैटेलाइट पर काम कर रही है, जो अगले कुछ महीनों में स्पेस में लॉन्च होने जा रहा है. तन्वी ने मुझे गुजराती में बड़ी सरलता से अपने काम के बारे में बताया था. तन्वी की तरह ही देश के करीब साढ़े सात सौ स्कूली छात्र, अमृत महोत्सव (Amrit Mahotsav) में ऐसे ही 75 सैटेलाइट्स पर काम कर रहे हैं, और भी खुशी की बात है, कि, इनमें से ज्यादातर छात्र देश के छोटे शहरों से हैं.
उन्होंने कहा, "ये वही युवा हैं, जिनके मन में आज से कुछ साल पहले स्पेस सेक्टर की छवि किसी सीक्रेट मिशन जैसी होती थी, लेकिन, देश ने स्पेस रिफॉर्म्स (Space Reforms) किए, और वही युवा अब अपने सैटेलाइट्स लॉन्च कर रहे हैं. जब देश का युवा आकाश छूने को तैयार है, तो फिर हमारा देश कैसे पीछे रह सकता है?"
अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना महामारी को लेकर सचेत रहने की सलाह दी. उन्होंने कहा, हमें, कोरोना के खिलाफ सावधानी का भी ध्यान रखना है. हाँलाकि, संतोष की बात है कि आज देश के पास वैक्सीन का व्यापक सुरक्षा कवच मौजूद है. हम 200 करोड़ वैक्सीन डोज़ के करीब पहुँच गए हैं. देश में तेजी से precaution dose भी लगाई जा रही है. अगर आपकी second dose के बाद precaution dose का समय हो गया है, तो आप, ये तीसरी डोज जरुर लें. अपने परिवार के लोगों को, ख़ासकर बुजुर्गों को भी precaution dose लगवाएँ. हमें हाथों की सफाई और मास्क जैसी जरुरी सावधानी भी बरतनी ही है. हमें बारिश के मौसम में आस-पास गन्दगी से होने वाली बीमारियों से भी आगाह रहना है. आप सब सजग रहिए, स्वस्थ रहिए और ऐसी ही ऊर्जा से आगे बढ़ते रहिए."