इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को पेटेंट फाइल करने में मदद करेगा Samsung का यह प्रोग्राम
सैमसंग प्रिज्म प्रोगाम को 2020 में शुरू किया गया था और पिछले दो वर्षों में, इस प्रोग्राम के तहत इंजीनियरिंग के 4,500 से अधिक छात्रों और 1,000 प्रोफेसरों ने सैमसंग रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट-बेंगलुरु (SRI-B) के इंजीनियरों के साथ मिलकर लाइव प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक पूरे किए हैं.
डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांड सैमसंग, 2025 तक अपने खास इंडस्ट्री-एकेडमिया प्रोग्राम सैमसंग प्रिज्म (स्टूडेंट को तैयार और प्रेरित करना) को भारत के 70 इंजीनियरिंग कॉलेजों तक पहुंचाने जा रहा है.
इस प्रोग्राम का उद्देश्य भारत के इनोवेशन ईको सिस्टम को प्रोत्साहित करना और छात्रों को इंडस्ट्री के लिए तैयार करना है. यह प्रोग्राम इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स को अत्याधुनिक डोमेन जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग और आईओटी (IoT) में पेटेंट फाइल करने और तकनीकी पेपर प्रकाशित करने के लिए प्रेरित करने में काफी सफल रहा है.
सैमसंग प्रिज्म प्रोगाम को 2020 में शुरू किया गया था और पिछले दो वर्षों में, इस प्रोग्राम के तहत इंजीनियरिंग के 4,500 से अधिक छात्रों और 1,000 प्रोफेसरों ने सैमसंग रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट-बेंगलुरु (SRI-B) के इंजीनियरों के साथ मिलकर लाइव प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक पूरे किए हैं.
अब तक, स्टूडेंट्स और प्रोफेसर की टीमों ने SRI-B के इंजीनियरों के साथ मिलकर कई पेटेंट दायर किए हैं और कई रिसर्च पेपर प्रकाशित किए हैं. इस प्रोग्राम के तहत, SRI-B इंजीनियरिंग कॉलेजों के स्टूडेंट्स और टीचर्स के साथ मिलकर काम करता है, यह उन्हें रिसर्च के साथ-साथ डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (वर्कलेट) प्रदान करता है. जिसे चार से छह महीने में पूरा करना होता है.
स्टूडेंट्स और प्रोफेसरों की टीम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (विजन टेक सहित), मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और कनेक्टेड डिवाइसेस और 5जी नेटवर्क जैसे अत्याधुनिक तकनीकी क्षेत्रों में लाइव आरएंडडी प्रोजेक्ट पर काम करती हैं. इससे छात्रों में उद्योग की जरूरतों के अनुरूप क्षमताओं का निर्माण करने में मदद मिली है.
भारत सरकार की नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) रैंकिंग में टॉप प्रोजीशन हासिल करने वाले देशभर के इंजीनियरिंग कॉलेजों के स्टूडेंट्स ने अब तक इस प्रोग्राम में हिस्सा लिया है.
प्रिज्म प्रोग्राम के साथ, सैमसंग भारत में भविष्य के इनोवेटर्स के स्किल्ड वर्कफोर्स का निर्माण करना चाहता है. प्रोजेक्ट के पूरा होने पर सभी छात्रों को SRI-B द्वारा सर्टिफिकेट दिया जाता है. अब तक 300 से अधिक टीमों को उनके असाधारण काम के लिए मान्यता प्रदान की गई है और उन्हें पुरस्कृत भी किया गया है.
तीन छात्रों और एक प्रोफेसर की टीम प्रत्येक प्रोजेक्ट को हाथ में लेती है. यहां SRI-B के एक मेंटर भी होते हैं जो टीम का मार्गदर्शन करते हैं, उन्हें प्रशिक्षित करते हैं और नियमित रूप से समीक्षा करते हैं.
प्रत्येक इंजीनियरिंग कॉलेज में कई टीमें होती हैं और छात्रों का चयन SRI-B द्वारा आयोजित एक परीक्षा के आधार पर किया जाता है. प्रिज्म प्रोग्राम में भाग लेने वाले छात्रों ने कहा कि सहयोगी वातावरण हमारे लिए बहुत मददगार रहा है.
कार्यक्रम के माध्यम से, उन्हें चुनौतीपूर्ण समस्याओं पर काम करने और उद्योग की बड़ी कंपनियों के कामकाज से जुड़ी बहुमूल्य जानकारी प्राप्त करने में मदद मिली है. प्रोफेसरों ने कहा कि कार्यक्रम ने उन्हें अपने तकनीकी कौशल को और बेहतर बनाने और उद्योग से जुड़ा व्यावहारिक अनुभव हासिल करने में मदद की है.
कोरिया के बाहर सैमसंग की सबसे बड़ी आरएंडडी इकाई SRI-B है. यह सेंटर कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल, मल्टीमीडिया (कैमरा सॉल्यूशन सहित), AD टेक, डेटा इंटेलिजेंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और आईओटी पर केंद्रित है. केंद्र ने प्रोडक्ट मैनेजमेंट और UX डिजाइन थिंकिंग के माध्यम से सीओई में पूर्ण विशेषज्ञता हासिल की है.
आरएंडडी सेंटर का मुख्य उद्देश्य अनूठे समाधान तैयार कर और ग्राहकों को बेहतरीन फीचर प्रदान करते हुए ग्लोबल प्रोडक्ट को भारतीय बाजार के अनुरूप बदलना और समाधान विकसित करना है. अब तक, आरएंडडी सेंटर ने भारत में 3,500 से अधिक पेटेंट और वैश्विक स्तर पर 7,500 से अधिक पेटेंट दायर किए हैं.
Edited by Vishal Jaiswal