टोक्यो ओलंपिक: लवलीना बोरगोहेन ने भारत के लिए पक्का किया एक और पदक, सेमीफाइनल में पहुँची
लवलीना बोरगोहेन ने एक पूर्व विश्व चैंपियन को हराने के बाद टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए दूसरा पदक पक्का कर लिया है, और यह हम सभी के लिए अत्यधिक गर्व की बात है।
जापान की राजधानी टोक्यो में खेले जा रहे ओलंपिक खेलों में भारतीय महिला बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने 69 किलो वर्ग में भारत के लिए दूसरा मेडल पक्का कर लिया है। लवलीना ने अपने क्वार्टरफाइनल मुकाबले में चीनी ताइपै की बॉक्सर नियेन चिन चेन को हराकर सेमीफाइनल में अपनी जगह बना ली है। भारतीय बॉक्सर ने चिन चेन के खिलाफ 4-1 से जीत दर्ज की।
लवलीना की जीत पर पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास और पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जी.किशन रेड्डी ने कहा कि, पूर्वोत्तर राज्यों में खेल तथा फिटनेस गतिविधियों के प्रति उत्साह होना एक सर्वविदित तथ्य है। यह बात मेरे पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (DoNER) मंत्री बनने से पहले ही इन खूबसूरत क्षेत्रों की मेरी यात्रा में स्पष्ट थी।
उन्होंने आगे कहा, "अब जब लवलीना बोरगोहेन ने एक पूर्व विश्व चैंपियन को हराने के बाद टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए दूसरा पदक पक्का कर दिया है, तो यह मेरे लिए अत्यधिक गर्व की बात है। मेरी तरह ही, यह न केवल असम के हर व्यक्ति के लिए बल्कि प्रत्येक भारतवासी के लिए आनंद का क्षण है।"
उन्होंने कहा कि असम के गोलाघाट जिले के बरो मुखिया गांव की एक युवती को टोक्यो ओलंपिक में पोडियम पर आते हुए देखना मुझे बहुत प्रसन्नता से भर देता है।
केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट किया कि, “#टोक्यो2020 में महिला वेल्टर वेट वर्ग के सेमीफाइनल में प्रवेश करने पर @LovlinaBorgohai को बधाई। उन्होंने कहा कि, #ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली असम की पहली महिला मुक्केबाज अब #टोक्यो2020 में भारत के लिए पदक हासिल करने वाली पहली मुक्केबाज बन गई हैं।
लवलीना की लगातार लड़ने की भावना और कभी न हारने वाला रवैया जगजाहिर है। हम में से कई लोगों ने लवलीना को लॉकडाउन के दौरान गैस सिलेंडर के साथ अभ्यास करते देखा होगा।
यह नारी शक्ति ही है जिसके बारे में प्रधानमंत्री लगातार चर्चा करते रहते हैं और चाहते हैं कि, हम इस उपलब्धि का उत्सव मनाएं। लवलीना का टोक्यो में सफर अगले सप्ताह सेमीफाइनल मुकाबले में जारी रहेगा। भारत लवलीना का उचित सम्मान करेगा और प्रत्येक व्यक्ति उसे अपने में से एक के रूप में मानेगा, क्योंकि उन्होंने लवलीना के प्रसिद्ध घूंसे देखे हैं। आज हम जश्न मनाएं क्योंकि, हमने अब तक जो दो पदक जीते हैं, वे दो अद्भुत लड़कियों की मेहनत का ही फल है, यह उपलब्धि उन दृढ़ महिलाओं के कारण हैं, जिन्होंने सभी बाधाओं का डटकर सामना किया।