क्या ट्विटर को एक राजनीतिक मंच बनाने की तैयारी में हैं मस्क, क्या होगा असर?
दुनिया के सबसे रईस शख्स एलन मस्क ने सोमवार को वोटर्स से रिपब्लिकन को वोट देने की अपील की है. इसके अलावा पिछले कई दिनों से ये कहते देखे जा रहे हैं कि वो ट्विटर के जरिए दुनिया भर के विवादों को सुलझाना चाहते हैं. उनका ये बयान लोगों के बीच कई तरह की शंका पैदा कर रहा है.
ट्विटर को खरीदने के बाद से एलन मस्क के मंसूबे थोड़े राजनीतिक नजर आ रहे हैं. उन्होंने सोमवार को वोटर्स को अमेरिका में मिडटर्म इलेक्शन में यूएस कांग्रेस के लिए रिपब्लिकन कैंडिडेट्स को वोट देने की अपील की है.
मस्क ने ट्विटर पर कहा, 'खुले दिमाग से वोट करने वाले लोगों के लिएः साझा शक्ति दोनों दलों की सबसे खराब ज्यादतियों पर अंकुश लगाती है. फिलहाल राष्ट्रपति पद पर डेमोक्रेटिक के लोग हैं. इसलिए मैं रिपब्लिकन कांग्रेस के लिए मतदान करने की सलाह देता हूं.'
मस्क का बयान ऐसे समय में आया है जब कयास लग रहे थे कि मस्क, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का ट्विटर अकाउंट अनलॉक कर सकते हैं. ट्रंप का अकाउंट यूएस कैपिटल में दंगे भड़काने के संबंध में ट्विटर ने 2021 में बैन किया था.
मस्क ने हाल में कहा था कि सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर ‘कंटेंट मॉडरेशन’ (ऑनलाइन सामग्री की निगरानी और छंटनी की प्रक्रिया) काउंसिल का गठन करेगी और काउंसिल की मंजूरी के बाद ही कंटेंट संबंधी या अकाउंट रिस्टोर किए जाने के बारे में कोई फैसला लिया जाएगा.
इतना ही नहीं दुनिया के सबसे रईस शख्स एलन मस्क पिछले कई दिनों से ये कहते देखे जा रहे हैं कि ट्विटर के जरिए दुनिया भर के विवादों को सुलझाना चाहते हैं. उनका ये बयान लोगों के बीच कई तरह की शंका पैदा कर रहा है.
कुछ समय पहले ही मस्क ने यूक्रेन और ताइवान के मसले पर पोस्ट किया था जिस पर कई सवाल भी उठाए गए. उनके बारे में सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवालों में से एक है कि- असल में उनकी पॉलिटिकल फिलॉसॉफी क्या है और वो दुनिया को कैसा देखना चाहते हैं?
अब सवाल ये उठता है कि अगर ट्विटर आधिकारिक तौर पर राजनीतिक मंच बन जाता है तो इसके क्या असर होंगें? कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर एलेक्जेंड्रा सिरोन एक मीडिया प्लैटफॉर्म को बताती हैं कि मस्क की एक ट्रोलर की इमेज है, ऐसा शख्स ऑनलाइन जो भी बयान देता है उसे गंभीरता से देखा जाना चाहिए.
संवेदनशील और भड़काऊ कंटेंट और डिसइंफॉर्मेशन के वायरल होने की ज्यादा संभावना होती है. इसलिए उनके स्टेटमेंट्स का पब्लिक ओपिनियन या फाइनैंशियल मार्केट्स पर असर पड़ने की बहुत संभावना है.
उनके सोशल मीडिया पोस्ट से इस बात का कुछ हद तक अंदाजा लगाया जा सकता है कि वो असल में दुनिया के बारे में क्या सोचते हैं. या फिर उन्हें अटेंंशन पसंद है. वजह जो भी है इतना तो तय है कि उनक पोस्ट बेतुके नहीं होते उनके पीछे कोई ना स्ट्रैटजी या एजेंडा होता है.
मस्क के ट्विटर खरीदने के बाद इस बात की संभावना और बढ़ गई है. क्योंकि सोशल मीडिया से चुनावों को प्रभावित करने का ये कोई नया मामला नहीं है. 2016 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में फेसबुक पर वोटरों को भ्रमित करने का आरोप लगा था. उस चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति चुने गए थे.
Edited by Upasana