बिल्डर्स के ऑफर्स सुनकर फ्लैट खरीदने जा रहे हैं? पेमेंट करने से पहले इन चीजों की जांच पड़ताल जरूर कर लें
अगर आपने उनके अंडर कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स में निवेश किया तो कई तरह के आकर्षक डील, डिस्काउंट और मुफ्त की चीजें मिलेंगी. हालांकि, इनमें से ज्यादा ऑफर सिर्फ आपको राजी करने के लिए होते हैं. एक बार एडवांस बुकिंग मिलने के बाद आपको ठगा हुआ महसूस हो सकता है.
अगर आप अपार्टमेंट खरीदने की प्लानिंग कर रहे होंगे तो यकीनन आपको भी डिवेलपर्स की तरफ से तरह तरह के ऑफर्स सुनने को मिलते होंगे. जैसे कि अगर आपने उनके अंडर कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स में निवेश किया तो कई तरह के आकर्षक डील, डिस्काउंट और मुफ्त की चीजें मिलेंगी. हालांकि, इनमें से ज्यादा ऑफर सिर्फ आपको राजी करने के लिए होते हैं. एक बार एडवांस बुकिंग मिलने के बाद आपको ठगा हुआ महसूस हो सकता है.
फ्री पार्किंग स्पेस
पार्किंग स्पेस कोई मुफ्त में देने वाली चीज नहीं है. 2010 में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के मुताबिक और बल्कि रियल एस्टेट ऐक्ट रेरा 2016 के मुताबिक ओपन पार्किंग की जगहों को कॉमन एरिया की तरह गिना जाता है. ये जगहें सभी स्टेकहोल्डर यानी घर खरीदार के लिए उपलब्ध होती हैं. कोई भी डिवेलपर इसे फ्री में ऑफर नहीं कर सकता.
हां, अगर तीन दीवारों, एक छत और शटर के साथ अगर कोई जगह मुफ्त पार्किंग की तरह ऑफर की जा रही है तो उसे माना जा सकता है. इसके अलावा अक्सर पार्किंग स्पेस को डील के अंदर ओपन स्पेसेज या लो फ्लोर एरिया रेशियो जैसे टर्म्स के साथ लिखा गया हो. इसलिए आपका फाइनल प्रोजेक्ट बनने के बाद आपकी उम्मीद से अलग हो सकता है.
एक और तरीका है जिससे बिल्डर फ्री पार्किंग स्पेस के नाम पर आपको बुद्धु बना सकते हैं. आपसे बिल्डिंग की ऊंचाई बताई जाएगी, लेकिन ये नहीं बताया जाएगा कि उसमें कितने फ्लोर होंगे. इसलिए एक्स्ट्रा फ्लैट बनाने के चक्कर में बिल्डर्स सीलिंग की हाईट कम कर देते हैं.
हालांकि BBA में इसकी जानकारी दी जाती है लेकिन कई खरीदार ये नहीं समझ पाते कि जितने ज्यादा फ्लैट बनेंगे उससे आपका ओपन स्पेस कम होगा क्योंकि उसी हिस्से में से पार्किंग के लिए जगह निकाली जाएगी. इतना ही नहीं, जितने बाकी अमेनेटीज के लिए जितनी जगह का वादा किया गया होगा वो भी नहीं बचेगी.
5 पर्सेंट देकर बुकिंग और घर मिलने के बाद EMI
डिवेलपर्स घर खरीदार को कहते हैं कि प्रॉपर्टी का 5-20 पर्सेंट देकर ही आप बुकिंग कर सकते हैं. प्रॉपर्टी मिलने के बाद ही ईएमआई शुरू होगा. हालांकि, ऐसे ऑफर्स अक्सर टाइम लिमिट के साथ आते हैं. जैसे कि आपको 2 साल या कुछ महीनों में पजेशन दे दिया जाएगा. बतौर खरीदार आपको देखना होगा कि अगर प्रोजेक्ट तय समय से ज्यादा खिंचता है तो उस समय में क्या करेंगे.
RERA नियमों के मुताबिक बिल्डर कोई वाजिब वजह देकर प्रोजेक्ट की तारीख खिसका सकते हैं. हालांकि बिल्डर (बिल्डर-बायर-अग्रीमेंट) के तहत प्रॉपर्टी के लिए पे करने को कह सकते हैं अगर आप नहीं पे करते हैं तो अग्रीमेंट के तहत पेनाल्टी भी लगा सकते हैं.
ये भी चेक कर लें कि अगर प्रोजेक्ट देर होता है और आप अपना शुरुआती निवेश वापस चाहते हैं तो उसके लिए क्या प्रक्रिया होगी. ऐसे ऑफर्स में एक और लूपहोल होता है. इस तरह की डील आपको कंस्ट्रक्शन लिंक्ड प्लान के मुकाबले महंगी पड़ती है.
0% इंटरेस्ट रेट पर होम लोन
सुनने में तो ये बेहद आकर्षक डील लगती है. लेकिन बिल्डर्स अक्सर ये डील शुरुआती 10-50 खरीदारों को देते हैं या फिर एक सीमित समय के लिए.
इस ऑफर को दे रहे एक बिल्डर्स ऑफिस ने कहा कि यह ऑफर सिर्फ 6 महीने के लिए देते हैं, उसके बाद मार्केट में मौजूदा रेट के हिसाब से ईएमआई शुरू हो जाती है.
ऐसे मामलों में अक्सर ऐसा होता है कि बिल्डर उस रकम को पहले ही फ्लैट के दाम में जोड़ लेता है जितने महीनों के लिए वह आपसे लोन पर इंटरेस्ट नहीं ले रहा.इसलिए बेहतर होगा कि आप बैंक से ही लोन लें इससे प्रोजेक्ट के बारे में जांच पड़ताल भी हो जाएगी.
मुफ्त की फैसेलिटी
बिल्डर्स आपको कॉम्प्लिमेंटरी क्लब मेंबरशिप, नो स्टैंप ड्यूटी या रजिस्ट्रेशन चार्जेज, जीरी इलेक्ट्रिसिटी मीटर चार्ज वगैरह देने का वादा करेंगे. लेकिन हकीकत ये होती है कि सभी चार्जेज बिल्डर फ्लैट के दाम में पहले से ही जोड़ चुका होता है. बिल्डर ने बेस प्राइस को कितना बढ़ाया है ये जानने के लिए आसपास की प्रॉपर्टीज के दाम भी चेक कर लें.
जेएन वेंचर्स के डायरेक्टर प्रकाश नटराजन ने ईटी को बताया कि ऐसे ऑफर्स उन लोगों के लिए ज्यादा फायदेमंद होंगे जिनकी मंथली इनकम तो अच्छी होती है लेकिन एक मुश्त पैसा लगाने के लिए सेविंग्स अच्छी खासी नहीं होती है. डिवेलपर्स आजकल फ्री ऑटोमेटेशन जैसी चीजें देकर भी घरों के दाम बढ़ा रहे हैं. जैसे कि मॉड्यूलर किचन, डोरबेल कैमरा, मोशन सेंसर लाइट्स वगैरह वगैरह.
हालांकि, कहीं भी ये नहीं लिखा है कि ये डिवाइसेज किस क्वॉलिटी के होंगे, कितने होंगे. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसी चीजें खरीदारों को आकर्षित करने के लिए दी जाती हैं. ऐसे में खरीदारों को घर खरीदने से पहले बिल्डर्स से मोलभाव करने की कोशिश करनी चाहिए.’
Edited by Upasana