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क्यों जोमैटो के साथ 'उबर ईट्स' का सौदा उबर के लिए रहा फायदेमंद?

क्यों जोमैटो के साथ 'उबर ईट्स' का सौदा उबर के लिए रहा  फायदेमंद?

Thursday January 23, 2020 , 2 min Read

हाल ही में हुई उबर ईट्स और जोमैटो के बीच डील के संबंध में विश्लेषकों ने अपनी राय रखी है। विश्लेषकों की मानें तो इस डील के साथ ही उबर के लिए एक ‘डार्क चैप्टर’ का अंत हुआ है।

उबर

विश्लेषकों के अनुसार जोमैटो के साथ डील उबर के लिए फायदे का सौदा है।



विश्लेषकों के अनुसार भारत में उबर ईट्स यूनिट को जोमैटो को बेचना उसके लिए फायदे का सौदा है। इस संबंध में विश्लेषकों का मानना है कि इस कदम के बाद कंपनी अब मुनाफे की ओर अपने कदम बढ़ा सकेगी


उबर ईट्स ने 21 जनवरी की तड़के सुबह अपनी ऐप के जरिये अपने ग्राहकों को यह संदेश जारी कर दिया था कि जोमैटो ने उबर ईट्स का अधिग्रहण कर लिया है।


भारत के बाज़ार में उबर ईट्स को जोमैटो और स्वीग्गी के साथ ही लोकल कारोबारियों से भी कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा था, साथ ही निवेशकों ने भी कंपनी पर मुनाफे को लेकर दबाव बनाना शुरू कर दिया था। इन सब के बीच उबर ने भारत में अपनी इस यूनिट को जोमैटो को बेंच दिया।


इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट अनुसार उबर के संबंध में जानकारी देते विश्लेषकों के अनुसार भारत में यूनिट की यह डील एक डार्क चैप्टर का अंत है। भारत में ऑनलाइन खाना डिलीवरी कारोबार का करीब 80 प्रतिशत हिस्सा घरेलू कंपनियों के पास है


भारत के ऑनलाइन फूड डिलीवरी बाज़ार से उबर ईट्स के हटने के बाद अब यह प्रतिस्पर्धा मुख्यता जोमैटो और स्वीग्गी के बीच रह गई है, हालांकि उबर ईट्स भी कई शहरों में अपनी सेवा के दम पर इन दोनों दिग्गजों को कड़ी टक्कर दे रहा था।


इस डील के बाद उबर के शेयरों के दामों में भी बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। उबर ने पिछले साल ही अपना आईपीओ जारी किया था, लेकिन आईपीओ जारी करने वाले दिन ही 45 डॉलर कीमत के शेयरों में 7.6 फीसदी की गिरावट दर्ज़ की गई थी।


भारत में कारोबार के दौरान हो रहे घाटे के बीच इस डील के जरिये जोमैटो जैसी यूनीकॉर्न में करीब 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी हर लिहाज से उबर के लिए फायदे का सौदा रहा है