कुछ दिनों पहले इन्स्टाग्राम पर एक रील वायरल हुई. जिसमें एक लड़का बैठकर स्वेटर बुन रहा था. कभी चलती गाड़ी में, कभी पहाड़ों पर, कभी घर के गार्डन में. सोचने वाले सोच सकते हैं कि स्वेटर की बुनाई में क्या ख़ास है? कुछ नहीं. हमारी माएं, बुआ, बहनें कहीं भी स्वेटर बुनती हुई दिख जाती हैं. खासकर उत्तर भारत में, जहां नए साल की आमद के साथ कड़ाके की ठंड महसूस होती है. मगर इस रील में ख़ास ये था कि स्वेटर बुनने वाला एक युवा लड़का था. एक ऐसी उम्र का लड़का जिनके लिए पौरुष की परिभाषा रचते हुए समाज जिम में बॉडी बनाने या अपनी प्रेमिका के लिए घुटनों पर बैठकर अंगूठी निकालने वाले पुरुष के तौर पर करता है. द रफ़ हैंड निटर. यानी सख्त हाथों से बुनाई करने वाला. ये सोहेल के इन्स्टाग्राम हैंडल का नाम है. फॉलोवर्स की संख्या अदद 16 हजार. जिसे आप एक बड़े इन्फ्लुएंसर की केटेगरी में नहीं रख सकते. लेकिन इतना ज़रूर कह सकते हैं कि जिन लोगों ने इस इन्स्टाग्राम पेज पर नज़र डाली है, उन्होंने हर एक स्क्रोल के पहले ठहरकर एक-एक तस्वीर को देखा होगा. सोहेल कर्नाटक के हुबली जिले से आते हैं. पढ़ाई तो की इंजीनियरिंग में. एस्ट्रोनॉमिकल इंजीनियरिंग. फ़िलहाल बेंगलुरु में इंजिनियर हैं और अपनी नौकरी से पूरी तरह संतुष्ट हैं. अपना काम एन्जॉय भी करते हैं. मगर जब कोरोना लॉकडाउन लगा तो वापस हुबली में आकर रहना शुरू किया. एक लड़का होते हुए सोहेल के मन में बुनाई सीखने का आइडिया कैसे आया, इसको लेकर उन्होंने योरस्टोरी से विस्तार में बातचीत की.