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घूमने के शौक ने 25 साल की तान्या को बना दिया होटल व्यवसायी

स्विट्जरलैंड से होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई के बाद मथुरा में संभाल रहीं बिजनेस...

घूमने के शौक ने 25 साल की तान्या को बना दिया होटल व्यवसायी

Wednesday June 27, 2018 , 4 min Read

किसी नई जगह को देखना, वहां के लोगों से मिलना, उनके खान-पान को चखने में जो मजा और रोमांच है वह शायद ही किसी कार्य को करने में मिले। 25 वर्षीय तान्या अग्रवाल को घूमने का काफी शौक है। इस शौक ने ही उन्हें होटल के व्यवसाय में कदम रखने को मजबूर कर दिया।

तान्या अग्रवाल

तान्या अग्रवाल


तान्या के भारत वापस आने का उद्देश्य ही यही था की वे अपना देश, अपनी संस्कृति और अपने शहर का प्रचार कर सकें। उनका मकसद गोवर्धन, मथुरा को विकसित करना हैं क्योंकि उनके पूरे परिवार का इतिहास मथुरा से जुड़ा हुआ हैं। 

सैर सपाटे से जो आनंद और सीखने को मिलता है उसे शब्दों में व्यक्त कर पाना कठिन है। एक नई जगह को देखना, वहां के लोगों से मिलना, उनके खान-पान को चखने में जो मजा और रोमांच है वह शायद ही किसी कार्य को करने में मिले। 25 वर्षीय तान्या अग्रवाल को घूमने का काफी शौक है। इस शौक ने ही उन्हें होटल के व्यवसाय में कदम रखने को मजबूर कर दिया।

होटलों में ठहरने का शौक बचपन से ही था

तान्या बताती हैं, 'मुझे बचपन से ही घूमना पसंद है और मैंने भारत और विदेशों में बहुत यात्राएं करी है। मेरा सबसे बड़ा शौक है अलग-अलग जगह घूमना क्योंकि इस दौरान हमें विभिन्न होटलों में रुकने का अवसर मिलता है और हम उसे करीब से समझ पाते है।' वह कहती हैं हम जब भी कहीं घूमने जाते है तो किसी भी होटल में 2 दिन से ज्यादा नहीं रुकते है इसकी मुख्य वजह यह है कि हम जितना ज्यादा होटलों में रुकेंगे उतने ज्यादा हमें वहाँ के अनुभव मिलेंगे।

इस तरफ तान्या की रूचि बहुत ज्यादा थी इसलिए वे चाहती थीं कि स्नातक कि पढ़ाई हॉस्पिटैलिटी विषय में करें लेकिन उनके अभिभावकों ने राय दी कि स्नातक की पढ़ाई किसी और विषय में करें और इसके आगे की पढ़ाई हॉस्पिटैलिटी में करें। तान्या ने इंग्लैंड से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद स्विट्जरलैंड से हॉस्पिटैलिटी में पीजी डिप्लोमा की पढ़ाई पूरी करी। इसके बाद उन्होंने भारत वापस आने का निश्चय किया और अपने रिसॉर्ट श्री राधा ब्रिज वसुंधरा व स्पा का संचालन संभाला।

मथुरा के व्यंजनों को करना है प्रमोट

तान्या कहती हैं, 'दुबई के एक रेस्त्रां में मैंने देखा की वह बिना किसी मूल्य के चाय, डेजर्ट्स, तुर्किश डेजर्ट्स व आदि चीजें मेहमानों को परोस रहे थे। वह इस माध्यम से अपने जायके का प्रचार कर रहे थे। इसी तरह हमने भी अपने मेहमानों के लिए वेलकम ड्रिंक्स और शाम के समय में हाई टी की व्यवस्था कर रखी है। वेलकम ड्रिंक्स में हम लस्सी, छाछ आदि चीजें परोसा करते है जो मथुरा, गोवर्धन में बेहद प्रसिद्ध है। हाई टी में हम अपने मेहमानों को आलू की कचौड़ी, आलू की जलेबी व गोवर्धन, मथुरा से जुड़े हुए व्यंजनों को परोसते है। इससे यहाँ के व्यंजनों को प्रसिद्धि मिलती है जो मेरे लिए बेहद ख़ुशी की बात है।'

संस्कृति से कराना है पर्यटकों को रूबरू

तान्या के भारत वापस आने का उद्देश्य ही यही था की वे अपना देश, अपनी संस्कृति और अपने शहर का प्रचार कर सकें। उनका मकसद गोवर्धन, मथुरा को विकसित करना हैं क्योंकि उनके पूरे परिवार का इतिहास मथुरा से जुड़ा हुआ हैं। वह कहती हैं, 'मेरा ख्याल इसी बात में रहता है कि कैसे हम मथुरा की उन्नति कर सकते है, कैसे हम मथुरा की कहानियों का प्रचार कर सकते है। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए हमने अपने व्यंजनों को, रिसोर्ट के इंटीरियर को कृष्णा जी से जोड़ने की कोशिश की हैं ताकि लोगों को यहाँ की संस्कृति, यहाँ की कहानियों के बारे में ज्यादा जानकारी मिल सकें।'

पर्यटकों को मिलता है अद्भुत एहसास

उनका यह रिजॉर्ट गोवर्धन पर्वत के ठीक सामने है जो यहाँ रहने वाले पर्यटकों को पसंद आता है। रिजॉर्ट के 70 प्रतिशत भाग में हरयाली है जो पर्यटकों को बेहद पसंद आती है। यहां मेहमानों के मनोरंजन के लिए कार्येक्रमों का आयोजन हुआ करता है। रिजॉर्ट में होली के दौरान ब्रिज के नृत्य 'रासलीला' और फूलों की होली का भी आयोजन किया जाता है। दिवाली के दौरान यहां गिरिराज जी को 56 भोग लगते है जो पर्यटकों को बेहद पसंद आता है। तान्या बताती हैं कि हम अपने मेहमानों को यहाँ पर होने वाले त्योहारों से भी जोड़ते हैं। यहाँ के मंदिरों में होने वाले दीप प्रजोलन, सुबह-शाम की आरती, गिरिराज जी का दूध चढ़ा कर अभिषेक और परिकर्मा के लिए ई-रिक्शा की सुविधा मुहैया करवाते है जो हमारे मेहमानों को बहुत अच्छा लगता है।

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