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'स्टार्टअप्स को सरकार से मिलेगा पूरा समर्थन'

सरकार ज़मीनी नवोन्मेषकों के साथ पूरी मज़बूती से खड़ी है : हषर्वर्धन

'स्टार्टअप्स को सरकार से मिलेगा पूरा समर्थन'

Wednesday June 29, 2016 , 2 min Read

केंद्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि लोक कल्याण को आगे बढ़ाते हुए नवोन्मेष के किसी भी कारगर विचार की अनदेखी नहीं की जाएगी और उसे सरकार का पूरा समर्थन मिलेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि देश में स्टार्ट-अप को रफ्तार देने का जो माहौल बना है, उसे माइक्रो वेंचर इन्नोवेशन फंड, सामुदायिक कार्यशालाओं और नेशनल इन्नोवेशन फ़ाउंडेशन (एनआईएफ) द्वारा गठित फैबलैब के माध्यम से पर्याप्त समर्थन मिलेगा।

डा. हषर्बर्धन ने युवाओं और अनौपचारिक क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों से एनआईएफ के लचीले माहौल का लाभ उठाने को कहा। उन्होंने कहा कि एनआईएफ जिस तरह से आईटीआई के विद्यार्थियों, स्कूली बच्चों और अनौपचारिक सेक्टरों के रचनात्मक लोगों की मदद कर रहा है, उसका भी लाभ उठाया जाना चाहिए।

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केंद्रीय मंत्री ने अहमदाबाद स्थित नेशनल इन्नोवेशन फ़ाउंडेशन-इंडिया (एनआईएफ) का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कर्मचारियों से मुलाकात की और ज़मीनी नवोन्मेषों से जुड़ी एक प्रदर्शनी को भी देखा।

सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, डॉ. हर्षवर्धन ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए मौजूदा सरकार की इस प्रतिबद्धता को दोहराया कि नवोन्मेष के किसी भी कारगर विचार की अनदेखी नहीं की जाएगी। उसे पूरा समर्थन मिलेगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नेशनल इन्नोवेशन फ़ाउंडेशन सरकार की इस दृढ़ता को पूरी प्रतिबद्धता के साथ आगे ले जा रही है। सरकार ज़मीनी नवोन्मेषकों और हज़ारों स्कूली बच्चों को मदद कर रही है। हषर्वर्धन ने ज्ञान समृद्ध और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के विचारों के आधार पर एनआईएफ द्वारा विकसित सस्ते समाधानों की प्रशंसा की। उन्होंने निजी तौर पर बुजुर्गो द्वारा सीढियों पर चलने में इस्तेमाल होने वाले एडजस्टेबल-लेग वॉकर और अन्य जरूरी उपकरणों को भी देखा जिसे एक स्कूली छात्रा के विचारों के आधार पर बनाया गया है।

डॉ. हर्षवर्धन ने इस बात पर गौर किया कि एनआईएफ ने हनी बी नेटवर्क के स्वयंसेवकों से देश भर के 585 जिलों से प्राप्त 2,00,000 विचारों को आगे बढ़ाया है। साथ ही कहा कि इन विचारों को वर्गीकृत कर इन्हें प्राथमिकता के हिसाब से और मूल्य संवर्धन के हिसाब से लागू किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि टेकपीडिया जैसे मंचों को ऐसी सामाजिक ज़रूरतों से जोड़ा जा सकता है जो पूरी नहीं हुई है। साथ ही यह प्रौद्योगिकी के छात्रों के ज़मीनी नवोन्मेषी विचारों से जुड़ सकता है। (पीटीआई)