कैंसर और लकवे को मात देकर भारत के पहले व्हीलचेयर बाॅडीबिल्डर बने अर्नाल्ड अरविंद
मात्र 15 वर्ष की आयु में हो गया था जानलेवा रीढ़ की हड्डी के कैंसर (स्पाइनल कैंसर)
लकवे से ग्रस्त होने के बाद जिंदगी व्हीलचेयर के इर्द-गिर्द रह गई थी सिमटकर
कसरत करनी प्रारंभ की और 3 बार मिस्टर इंडिया और 12 बार मिस्टर पंजाब का जीत चुके हैं खिताब
पंजाब से ताल्लुक रखने वाले 28 वर्षीय जांबाज आनंद अर्नाल्ड ने कभी भी अपनी विकलांगता को न तो अपनी कमजोरी बनने दिया और न ही उसे अपने जीवन पर हावी होने दिया। यहां तक कि मात्र 15 वर्ष की आयु में जानलेवा रीढ़ की हड्डी के कैंसर (स्पाइनल कैंसर) से पीडि़त होने के बाद भी उन्होंने अपनी उम्मीद के सपनों को धूमिल नहीं होने दिया। इस जानलेवा बीमारी से उबरने के बाद उनका गर्दन से नीचे का पूरा शरीर लकवाग्रस्त स्थिति में आ गया था।
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व्हीलचेयर पर ही जीवन गुजारने को मजबूर होने के बावजूद उन्होंने कसरत करनी प्रारंभ की। उनका शरीर ईलाज के चलते पहले से ही कमजोरी की स्थिति में था लेकिन वह उनका इतनी आसानी से हार न मानने का जज्बा ही था जिसने उन्हें आगे बढ़ने में मदद की। अगर हम घटनाक्रम को तेजी से आगे बढ़ाएं, तो इंडियाटाईम्स के मुताबिक वर्तमान में वे 3 मिस्टर इंडिया खिताब और 12 बार मिस्टर पंजाब का खिताब अपने नाम करने के अलावा कुल 27 खिताब अपने नाम कर चुके हैं।
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आज आनंद मसल मेनिया के प्रमुख चेहरा होने के अलावा न्यूट्रीशियन सप्लीमेंट कंपनी के ब्रांड अंबेसडर है और साथ ही कुछ लोकप्रिय एक्शन खिलौनों की एक पूरी श्रृंखला के लिये माॅडल की भूमिका भी निभा रहे हैं। यूके की मेट्रो न्यूज़ की वेबसाइट के मुताबिक आनंद के पिता प्रिंस अर्नाल्ड अपने बेटे की उपलब्धियों से काफी खुश और गर्वांवित हैं और कहते हैं, ‘‘निश्चित रूप से जिस भी पिता का ऐसा पुत्र होगा वह उसपर गर्व महसूस करेगा। मुझे भी अपने बेटे पर नाज है।’’
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छवि क्रेडिट: मेट्रो न्यूज़/इंडिया टाईम्स
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