इस एंबुलेंस ड्राइवर ने सिर्फ पांच घंटे में 425 किलोमीटर की दूरी तय कर बचाई मरीज की जान
सिर्फ 5 घंटे में 425 किमी की दूरी तय कर मरीज की जान बचाने वाला ड्राइवर...
इस मिशन में सामाजिक संगठन ने कोच्चि के रास्ते पर जा रहे लोगों को भी फेसबुक से जोड़ा और रास्ता खाली करवाया। एंबुलेंस ड्राइवर इल्लाम सिर्फ 2 घंटे 15 मिनट में ही कोझिकोड पार कर गए।
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इल्लाम ने बताया कि रास्ते में गाड़ियों से जाने वाले लोगों औऱ पुलिस ने भी रास्ता खाली कराने में उनका खूब साथ दिया जिससे कि वे अपने मिशन में कामयाब हो पाए। इस मिशन में भारतीय दूतावास और ऑल केरला ड्राइवर असोसिएशन भी शामिल था।
एंबुलेंस ड्राइवर के ऊपर हमेशा से बड़ी जिम्मेदारी होती है और अक्सर वे इसे पूरी ईमानदारी और तत्परता से निभाते भी हैं। हाल ही में केरल में एक ऐसा ही मामला देखने को मिला जब कासरगोड के रहने वाले एंबुलेंस ड्राइवर मोहम्मद इल्लाम ने सिर्फ 5 घंटे 25 मिनट में 425 किलोमीटर की दूरी तय कर एक मरीज को सफलतापूर्वक अस्पताल पहुंचा उसकी जान बचा ली। इल्लाम ने कन्हानगड़ के रहने वाले गंधरन को कोच्चि से मंगलौर पहुंचाया। अब गंधरन की हालत बेहतर है और आईसीयू में उनका इलाज चल रहा है।
गंधरन पिछले 25 सालों से बहरीन में काम कर रहे थे। लगभग 40 दिन पहले उन्हें स्ट्रोक आया और वे अस्पताल में भर्ती हो गए। लेकिन बहरीन में इलाज कराने में उनके काफी पैसे खर्च हो रहे थे। धीरे-धीरे अस्पताल और दवाओं का बिल बढ़ता ही जा रहा था इसलिए उन्हें भारत लाने का फैसला किया गया। उनके परिवार वालों और दोस्तों ने मिलकर मंगलौर में एक प्राइवेट अस्पताल में उन्हें भर्ती कराने के बारे में सोचा। जब उन्हें भारत लाया गया तो एक समस्या आ पड़ी। उन्हें कोच्चि एयरपोर्ट से कोझिकोड या मंगलौर ले जाने के लिए कोई एयर एंबुलेंस नहीं मिल पाई।
इसके बाद बहरीन के कुछ समाजिक संगठनों के जरिए कोच्चि के एक एंबुलेंस सर्विस से संपर्क साधा गया। बाद में एंबुलेंस ड्राइवर मोहम्मद इल्लाम से उनका संपर्क हुआ। इल्लाम फौरन मौके पर पहुंचे और बिना पैसों के ही वे गंभीर हालत से जूझ रहे गंधरन को अपने साथ ले जाने को राजी हो गए। उन्हें कोच्चि से सुबह 5.30 बजे मंगलौर के लिए ले जाया गया। इस मिशन में सामाजिक संगठन ने कोच्चि के रास्ते पर जा रहे लोगों को भी फेसबुक से जोड़ा और रास्ता खाली करवाया। इल्लाम सिर्फ 2 घंटे 15 मिनट में ही कोझिकोड पार कर गए।
इसके बाद 10 मिनट के लिए एंबुलेंस रुकी और गंधरन को जरूरी दवाइयां दी गईं। इसके बाद रास्ते में एक रेलवे क्रॉसिंग आने की वजह से दस मिनट के लिए और एंबुलेंस को रोका गया। इल्लाम ने बताया कि इसके बाद एंबुलेंस नहीं रुकी और रास्ते में फिर कोई समस्या नहीं आई। इल्लाम ने बताया कि रास्ते में गाड़ियों से जाने वाले लोगों औऱ पुलिस ने भी रास्ता खाली कराने में उनका खूब साथ दिया जिससे कि वे अपने मिशन में कामयाब हो पाए। इस मिशन में भारतीय दूतावास और ऑल केरला ड्राइवर असोसिएशन भी शामिल था। जिसकी मदद से यह संभव हो पाया।
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