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जब बुजुर्गों को मिला आसरा तो निकली दिल से दुआ

जब बुजुर्गों को मिला आसरा तो निकली दिल से दुआ

Monday October 01, 2018 , 3 min Read

यह लेख छत्तीसगढ़ स्टोरी सीरीज़ का हिस्सा है...

छत्तीसगढ़ में सरकार की विभिन्न योजनाओं ने आम जनता के जीवन में मनचाहा और सुनहरा बदलाव कर दिया है। चाहे रोजगार हो, स्वास्थ की बात हो, पोषण की बात हो, अब जनता को इन सभी योजनाओं का लाभ मिल रहा है।

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जैसे-जैसे आवास निर्माण का कार्य होता गया, वैसे-वैसे उन्हे किस्तों कि राशि भी मिलती गई आज अर्जुन का आवास पुरा हो चुका है और इस आवास में वो अपनी पत्नी के साथ सुखद जीवन जी रहे हैं।

किसी भी शासकीय योजना का उद्देश्य समाज के अंतिम छोर पर रहने वाले लोगों के जीवन में भी सार्थक परिवर्तन लाना होता है। जीवन जीने के लिए रोटी,कपड़ा और मकान जैसी मूलभूत सुविधाओं का होना अत्यंतआवश्यक है। इन्हीं सुविधाओं से जीवन सुखमय और आनंदमय होता है, जैसाकि आज अर्जुन के जीवन में हुआ। यह कहानी है, विकासखंड सहसपुर लोहारा ग्राम पंचायत उड़ियाकला के 68 वर्षीय अर्जुन और उनकी पत्नी प्रीतबाई की। रहने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना से पक्का मकान, बना है, जिसमें दोनों बुजुर्ग पति-पत्नी रहते हैं।

शासन की विभिन्न योजनाओं ने तो जैसे मानो इनके जीवन में मनचाहा और सुनहरा बदलाव कर दिया हो। चाहे रोजगार हो , स्वास्थ की बात हो, पोषण की बात हो, अब इन्हें सभी के लिए योजनाओं से लाभ मिल रहा है। वर्ष 2016-17 मे ग्रामसभा द्वारा अर्जुन के नाम से आवास बनाने के लिए प्रस्ताव सर्वसहमति से पारित किया गया । फिर क्या था, जीवन ने यही से सुखद बदलाव लिया। ग्रामसभा का प्रस्ताव मिलते ही घर बनाने के लिए आवास-मित्र ने जल्द ही ‘जियोटेग’ कर दिया।

जिला प्रशासन ने अविलंब ही अर्जुन का आवास स्वीकृत कर दिया। 1.30 लाख रुपये की लागत से स्वीकृत आवास के लिए पहली किस्त के रूप मे 52 हजार रूपए की राशि सीधे अर्जुन के खाते में चली गई। घर बनाने के लिए लगने वाले सीमेंट,रेती, गिट्टी , ईट खरीदने के लिए प्रथम किस्त की राशि ने बहुत सहायता की। अर्जुन और उनकी पत्नी ने अपने घर को बनाने के लिए उसमें काम किया, क्योंकि परिवार रोजगार के द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय गा्रमीण योजना के तहत पंजीकृत है। योजना के तहत अपने ही घर को बनाने के काम में 95 दिवस का राजगार और मजदुरी भुगतान भी मिल गया । ये तो मानो अर्जुन के लिए वही बात हो गइ्र्र जैसे-‘आम के आम और गुठलीयो के दाम’।

जैसे-जैसे आवास निर्माण का कार्य होता गया, वैसे-वैसे उन्हे किस्तों कि राशि भी मिलती गई आज अर्जुन का आवास पुरा हो चुका है और इस आवास में वो अपनी पत्नी के साथ सुखद जीवन जी रहे हैं। शासन की विभिन्न योजनाओं से अभिषरण ने अर्जुन और उनकी पत्नी को चिंता मुक्त कर दिया है,क्योकिं इन्हे राश्न के लिए मुख्यमंत्री खाद्यान योजना के तहत राशन सामाग्री ,मनरेगा के तहत शौचालय बनाकर दिया गया,बेहतर स्वास्थ सुविधा के लिए सालाना 50 हजार रूपये तक का मुक्त ईलाज हेतु स्मार्ट कार्ड ,नलजल योजना से पेय जल आपुर्ति,घर में रोशनी हेतु दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत विधुत आपूर्ति, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत गैस सलेण्डर एंव वृद्वा पेशन योजना के तहत 350-350रूपये मासिक पेंशन दोनो पति-पत्नी को भी प्राप्त होता है। आज अर्जुन व उनकी पत्नी प्रीत बाई प्रशासन को धन्यवाद देते हुए नहीं थक रहे हैं। अर्जुन बातों ही बातों में कहते हैं, “मे हर कभु सोचे नई रहेव के मोर जीवन हर कभु अतका सुघ्घर हो सकत रहीस धन्य हे! हमर सरकार ला जेन हर हमन ला ऐ उमर मा अतका अच्छा जीवन जीये बर दिहिस।”

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