महिलाओं और ग्रामीणों को बीपीओ कार्यप्रणाली में दक्ष करते 'OTRA Technologies'
उत्तरी कर्नाटक के बेलगाम जिले में स्थित संकेश्वर में वर्ष 2010 में की गई थी स्थापनाफिलहाल 63 कर्मचारी कार्यरत है जिनमें अधिकतर महिलाएं है और 40 से अधिक ले रहे हैं प्रशिक्षण45 से 60 दिनों के प्रशिक्षण के दौरान व्यक्तित्व विकास और बीपीओ उद्योग एवं कॉर्पोरेट संस्कृति से रूबरू करवाते हैं नौजवानों कोआॅट्रा ग्रामीण लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के अलावा महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में भी दे रहा है योगदान
जब आप बीपीओ उद्योग (बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग फर्म) के बारे में बात करते हैं या सोचते हैं तो आमतौर पर आपके जेहन में गुड़गांव और बैंगलोर जैसे शहरी इलाकों में स्थित चमकदार कांच की बड़ी-बड़ी शानादर इमारतों में विभिन्न पालियों (शिफ्टों) में काम करने वाले नौजवानों की एक तस्वीर उभर आती है। हो सकता है कि आपकी यह सोच अधिकतर बीपीओ को लेकर बिल्कुल ठीक हो लेकिन वर्तमान समय में भारत और अन्य देशों में कई ऐसे आउटसोर्सिंग से संबंधित स्टार्टअप और उद्यमों का एक समूह विकसित हो रहा है जिन्होंने शहरी चमक-धमक को पीछे छोड़ते हुए ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में काम करने का एक जागरुक निर्णय लिया है। ऐसे इलाकों में अपने उद्यम स्थापित कर ये वहां निवास करने वालों को कौशल प्रशिक्षण में दक्ष करते हुए उनके लिये रोजगार के नए अवसर प्रदान करने में मदद कर रहे हैं।
बीपीओ की यह नई नस्ल उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करती है जिन्हें आज से समय में ‘इम्पैक्ट सोर्सिंग’ कहा जाता है। राॅकफैलर फाउंडेशन इम्पैक्ट सोर्सिंग को कुछ इस तरह से परिभाषित करती हैः इम्पैक्ट सोर्सिंग घरेलू और अंर्तराष्ट्रीय स्तर के सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता और सूचना आधारित सेवाओं को प्रदान करने के लिये बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (बीपीओ) केंद्रों में प्रमुख कार्यकर्ताओं के रूप में स्थायी रोजगार के लिए सीमित अवसर के साथ व्यक्तियों को रोजगार प्रदान करती है।
OTRA Technologies (आॅट्रा टेक्नोलाॅजीज़) की स्थापना वर्ष 2010 में ग्रामीण क्षेत्र में औद्योगिक विकास को बढ़ाने के लिए वहां के स्थानीय निवासियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई थी। ये अपने उपभोक्ताओं को आईटी समर्थित सेवाओं, व्यापार प्रक्रिया और लीगल प्रोसेस आउटसोर्सिंग और बाजार विश्लेषण एवं अनुसंधान से संबंधित सेवाएं अपलब्ध करवाते हैं। फिलहाल इनके पास 63 कर्मचारी कार्यरत हैं और 40 से भी अधिक अभी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। सबसे दिलचस्प तथ्य यह है कि इनमें से अधिकतर महिलाएं हैं।
संकेश्वर इलाका बेलगाम जिले में करीब 35 हजार की आबादी वाला एक शहर है और इसकी औसत साक्षरता दर राष्ट्रीय औसत के मुकाबले कहीं बेहतर है। इस शहर की 23 किलोमीटर की परिधि में विभिन्न विषयों के 22 काॅलेज संचालित होते हैं जिनमें से 11 तो सिर्फ 4 किलोमीटर की छोटी सी परिधि में ही स्थित हैं। खेती इस इलाके के लोगों का प्रमुख व्यवसाय है और गन्ना यहां की प्रमुख फसल है जिसे ये लोग उगाते हैं।
प्रारंभिक दौर में आॅट्रा की टीम, जिसमें सीईओ और सहसंस्थापक विग्नेश चव्हाण, सहसंस्थापक और निदेशक अमितसेन एस जब्बानवर, सहसंस्थापक और प्रबंध निदेशक गोमतेश एस जब्बानवर और सहसंस्थापक और निदेशक आनंद सी रस्तापुर शामिल थे, बैंगलोर को अपने परिचालन के केंद्र के रूप में चुनना चाहते थे लेकिन अपने शोध के दौरान इन्होंने महसूस किया कि इसे ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित करना अधिक व्यवहारिक रहेगा। इस प्रकार इनका इरादा ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों और अपने उद्योग की परेशानियों से अधिक बेहतर रूप में रूबरू होने का था। ये लोग गुणवत्ता के साथ कोई समझौता किये बिना अपने उत्पादों की लागत करने की इच्छुक कंपनियों और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों जिन्हें काम करने का मौका ही नहीं मिलता है के बीच की खाई को पाटने का काम कर रहे हैं। इन ग्रामीण इलाकों में रहने वाले अधिकतर पुरुष काम की तलाश में शहरों की ओर पलायन करते हैं। वे महिलाएं जिनके पास पलायन का विकल्प नहीं होता है वहीं रह जाती हैं और बिना कोई काम कियेे रहती हैं। आॅट्रा में कार्यरत कुल कर्मचारियों में से 65 प्रतिशत सिर्फ महिलाएं ही हैं। इसके अलावा प्रबंधको की टीम अभी तक भी अवैतनिक रूप से इस काम के साथ जुड़े हुए हैं।
आॅट्रा के सीईओ और सहसंस्थापक विग्नेश चव्हाण इसके मिशन और प्रभाव के बारे मेें बताते हुए कहते हैं, ‘‘ग्रामीण बीपीओ की अवधारणा हर किसी के लिए एक जीत/जीत/जीत की स्थिति है।यह ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाता है और पिरामिड के सबसे निचले स्तर पर तक विकास को लेकर जाता है।’’
आॅट्रा वर्तमान में अपने उपभोक्ताओं को फाॅर्म प्रसंस्करण, डेटा प्रविष्टि, चालान संसाधन, प्रतिलिपि, स्कैनिंग और वेब डिजाइनिंग से संबंधित सेवाएं उपपलब्ध करवा रहा है। आॅट्रा ग्रामीण लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के अलावा महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में योगदान दे रहा है और इनके जीवन स्तर को ऊपर उठाने में मदद कर रहा है। इसके अलावा वे स्कूलों में छात्रों को निःशुल्क कंप्यूटर का प्रशिक्षण भी उपलब्ध करवाते हैं।
इस प्रकार आॅट्रा ग्रामीण इलाकों में रहने वाले युवाओं को किसी भी संस्थान में काम करने के लिये प्रशिक्षित करने का काम करता है। यह प्रशिक्षण 45 दिनों से लेकर 60 दिनों तक का हो सकता है और प्रशिक्षुओं को इस दौरान अंग्रेजी, संचार कौशल, बुनियादी कम्प्यूटर कौशल, एमएस वल्र्ड, एक्सेल, टाइपिंग कौशल, नेतृत्व कौशल, प्रक्रिया प्रशिक्षण, व्यक्तित्व विकास और बीपीओ उद्योग एवं कॉर्पोरेट संस्कृति पर अंतर्दृष्टि में प्रशिक्षित किया जाता है। यह प्रशिक्षण इन कर्मचारियों को जीवन के कौशल से सुसज्जित कर देता है जिसके चलते इनके सामने संभावनाओं के द्वार खुल जाते हैं।
आॅट्रा वर्तमान में बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र, बीमा कंपनियो, प्रतिलेखन कंपनियों और स्थानीय सरकारी विभागों समेत कई अन्य क्षेत्रों को अपने कर्मचारियों के माध्यम से सेवाएं प्रदान कर रहा है। भविष्य में ये बेलगाम और इसके आसपास के क्षेत्रों में विस्तार करने पर विचार कर रहे हैं।