आपके पसंदीदा कार्टून कैरेक्टर 'डोरेमॉन' की आवाज़ के पीछे का सच
फेमस कार्टून कैरेक्टर डॉरेमॉन की आवाज़ निकालती है ये 25 साल ये लड़की...
बच्चों के सबसे पसंदीदा कार्टून बन चुके डोरेमोन में नोबिता की अजीब हरकतें बच्चों को हंसाती वहीं वहीं उसकी बातें भी कम मजेदार नहीं होती। इस जापानी कार्टून सीरिज को हिंदी में भी प्रसारित किया जाता है और क्या आप जानते हैं कि इन कार्टून कैरेक्टर्स को आवाज कौन देता है?
कार्टून वैसे तो बच्चों को सबसे ज्यादा पसंद होता है। टॉम एंड जैरी, जंगल बुक और दूसरी कई ऐसी कईं कार्टून सीरिज हैं जिन्हें कार्टून लवर्स हर वक्त देखना पसंद करते हैं, लेकिन फिलहाल जिस कार्टून को सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है वो है डोरेमॉन। देखा जाये तो डोरेमॉन की धूम पिछले कई सालों से मची हुई है और बच्चों को इससे दूर कर पाना नामुमकिन है।
बच्चे डोरेमॉन न देख पायें, इसलिए कई पेरेंट्स टीवी में उस चैनल को ही लॉक कर देते हैं। लेकिन वहीं कुछ पेरेंट्स ऐसे भी हैं, जो चाहते हैं कि उनके बच्चे डोरेमॉन देखें, सिर्फ इसलिए ताकि बच्चों की हिन्दी भाषा सुधर जाये। क्योंकि हिन्दुस्तान ऐसी एक बड़ी आबादी है, जहां घरों में लोग हिन्दी नहीं बोलते, लेकिन डोरेमॉन की बदौलत बच्चे 'माफी' और 'शुक्रिया' जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना सीख गये हैं!
हंगामा टीवी पर आने वाला कार्टून शो डोरेमॉन मूलत: यह शो जापानी भाषा में है, लेकिन भारत में इसकी हिन्दी के अलावा अन्य भाषाओं में भी डबिंग की जाती है। बच्चों के सबसे पसंदीदा कार्टून बन चुके डोरेमोन में नोबिता की अजीब हरकतें बच्चों को हंसाती वहीं वहीं उसकी बातें भी कम मजेदार नहीं होती।
इस जापानी कार्टून सीरिज को हिंदी में भी प्रसारित किया जाता है और क्या आप जानते हैं कि इन कार्टून कैरेक्टर्स को आवाज कौन देता है। हिन्दी डबिंग में डोरेमॉन की आवाज़ सोनल कौशल देती हैं। सोनल सिर्फ डोरेमॉन की ही नहीं, छोटा भीम, माइटी राजू और पावरपफ गर्ल्स जैसे मशहूर एनिमेशन शो में भी अपनी आवाज़ से बच्चों का दिल जीत चुकी हैं।
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कौन हैं सोनल?
सोनल 25 साल की हैं और वो 2005 से ही डोरेमॉन की डबिंग कर रही हैं, जब वो 13 साल की थीं। एक ही ऑडीशन में वो इस डबिंग के लिए सेलेक्ट कर ली गई थीं। उस वक्त तक सोनल दूरदर्शन के एक शो के लिए वॉयस आर्टिस्ट के तौर पर काम कर चुकी थीं। सोनल की मां ऑल इंडिया रेडियो के दिल्ली स्टेशन में अनाउंसर थीं। तभी सोनल को पता चला कि यूटीवी एक कॉन्टेस्ट करा रहा है, जिसमें एक जापानी कार्टून शो के लिए वॉयस टेस्टिंग का ऑडिशन देना था। सोनल को केवल इतना बताया गया कि उनको एक रोबोट की तरह आवाज निकालनी है।
सोनल उस ऑडिशन को याद करते हुए बताती हैं, 'मुझे नहीं मालूम था कि डॉरेमॉन इतना बड़ा हिट हो जाएगा। मैं उस रोल के लिए सेलेक्ट हो गई थी। मेरे लिए किसी पिकनिक पर जाने जैसा था। मेरी मां मेरे लिए खूब सारी चॉकलेट और चिप्स ले आती थीं औऱ मैं खाते-पीते मजे से रिकॉर्डिंग करती थी।'
आज डोरेमॉन सबसे ज्यादा रेट वाला बच्चों का शो है। इसके तकरीबन 40 करोड़ दर्शक हैं। जहां डोरेमॉन की आवाज सोनल निकालती हैं वहीं नोबिता कि जिस आवाज को सुनकर बच्चे उत्साह से भर जाते हैं वो आवाज किसी बच्चे या लड़के की नहीं बल्कि एक लड़की की है, जिसका नाम है सिमरन कौर। सिमरन से पहले आकाश आहुजा नोबिता के लिए आवाज देते थे। डोरेमोन कार्टून में जो दूसरे कैरेक्टर हैं उनमें शिजुका है, जिसे पारुल भटनागर अपनी आवाज देतीं हैं। वहीं नोबिता के माता-पिता टमाको और नोबी को पल्लवी भारती और सलीम खान डबिंग करते हैं।
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हिंदी कार्टून्स ने सुधारी है बच्चों की हिंदी
एनडीटीवी से बातचीत में सोनल ने बताया, कि किस तरह कई बच्चों के माता-पिता जब उनसे मिलते हैं, तो इस बात को लेकर खुशी जताते हैं कि उनका बच्चा इस शो की बदौलत बेहतर हिन्दी बोलने लगा है। सोनल कहती हैं, 'मेरे पास ऐसे कई माता-पिता आते हैं, जो कहते हैं कि मेरा बेटा मुझसे 'सॉरी' नहीं कहता। वो कहता है कि मम्मी, मुझे 'माफ' कर दो। वो यूनिवर्स को यूनिवर्स या स्पेस नहीं, अंतरिक्ष कहता है। हम तो हैरान रह जाते हैं कि इसे इतनी अच्छी हिन्दी आई कैसे। मेरा मानना है कि बच्चों के इन कार्यक्रमों में जिस तरह की हिन्दी का इस्तेमाल किया जाता है, उससे बच्चों की रोजमर्रा की भाषा पर फर्क पड़ता है।'