आपकी हर विश पूरी करे ‘विशिंग चेयर’
दिल्ली-एनसीआर में हैं दो स्टोर...साल 2012 में हुई ‘विशिंग चेयर’ की स्थापना...ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं ‘विशिंग चेयर’ से सामान...
अवनीत मान और विविता रिलन दोनों का करियर परवान पर था और दोनों ही अलग अलग क्षेत्र में काम कर रही थीं। अवनीत के मुताबिक वो एमबीए करने के बाद एक एमएनसी में मार्केटिंग का काम कर रही थी। करीब आठ सालों तक कारपोरेट जगत में काम करने के बाद उनको महसूस होने लगा कि जिंदगी में काफी कुछ किया जा सकता है। उनका मानना था कि उनको कुछ ऐसा करना चाहिए जिसको करने में ना सिर्फ मजा आए बल्कि वो काम उनको खुशी भी दे। ऐसा करने के लिए उनको अपने अंदर इतना साहस जुटाना था कि वो हर महीने मिलने वाली अपनी अच्छी खासी सैलरी का लोभ छोड़ सकें।
वहीं दूसरी ओर विविता का अनुभव बिल्कुल जुदा था। कारपोरेट दुनिया में कदम रखने के 9 महिनों के अंदर ही विविता को लगने लगा था कि वो गला काट इस प्रतियोगिता का हिस्सा नहीं बन सकतीं। जिसके बाद उन्होने थोड़े वक्त के लिए नॉन-फिक्शन के क्षेत्र में लिखने का काम शुरू किया। इसके बाद वो एक वेबसाइट के लिए कंटेंट राइटिंग का काम करने लगीं। थोड़े वक्त बाद उन्होने एक न्यूजपेपर एजेंसी में नौकरी शुरू की और यहां थोड़ा वक्त बिताने के बाद हिन्दुस्तान टाइम्स के लिए काम करने लगीं। इसके बाद उन्होने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर एक रेस्टोरेंट खोला। विविता के मुताबिक अवनीत से जब उनकी मुलाकात हुई तो दोनों इस बात पर तैयार हुए कि उनको कुछ ऐसा काम करना चाहिए जो मजेदार हो। इस तरह काफी विचार विमर्श करने के बाद ‘विशिंग चेयर’ अस्तित्व में आया।
अवनीत बताती हैं कि ‘विशिंग चेयर’ एक लाइफ स्टाइल ब्रांड है। जहां पर घर का सामान और अनूठे तरीके के उपहार मिलते हैं। जो ना सिर्फ काफी रचनात्मक हैं बल्कि महिलाओं के सैंदर्य से जुड़ी हैं। ‘विशिंग चेयर’ अपने ग्राहकों को उनकी व्यक्तिगत जरूरतों के साथ जोड़ता है। महिला होने के नाते अवनीत और विविता जानते हैं कि बाजार में महिलाओं की जरूरतों के मुताबिक कई ऐसी चीजें हैं जिनकी काफी कमी है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए दिल्ली एनसीआर में इन लोगों के दो स्टोर हैं जबकि www.wishingchair.in के जरिये भी लोग इनके उत्पादों को खरीद सकते हैं। विविता बताती हैं कि उनके उत्पाद खास तरीके से डिजाइन किये जाते हैं। इसके लिए इनके पास एक डिजाइनर टीम है। इनके बनाए डिजाइनों में जादू, कल्पना, परी कथा, महिलाओं की चंचलता और चमत्कार देखने को मिलता है। इन लोगों कहना है कि उन्होने ‘विशिंग चेयर’ नाम एनिड ब्लायटन की बच्चों की किताब से लिया है। जो बचपन की यादों से जुड़ी है। अवनीत के मुताबिक उनकी कोशिश रहती है कि जब भी कोई ‘विशिंग चेयर’ स्टोर में आये तो वहां रखे सामान को देख उसका दिल खिल जाये और वो उन चीजों को पसंद करे जो बचपन की यादों से जुड़ा हो।
‘विशिंग चेयर’ किसी जादू या सनक के साथ शुरू नहीं किया गया था, बल्कि ये आर्थिक तथ्यों को ध्यान में रखकर शुरू किया गया उद्यम है। अवनीत का कहना है कि देश में हर कोई अपने आपको अच्छा फोटोग्राफर और स्टाइलिस मानता है क्योंकि हर किसी में कुछ ना कुछ कला छुपी होती है और ‘विशिंग चेयर’ लोगों की इसी कला को और विस्तार देने का काम करता है।
इनके बनाये उत्पाद लोगों की भावनाओं और अनुभवों के आधार पर तैयार किये जाते हैं ताकि ग्राहक खुद उसे एक ब्रांड के तौर पर देख सकें। संस्थापकों के मुताबिक ‘विशिंग चेयर’ और बड़े ई-कॉमर्स के बीच बड़ा अंतर है। इनके मुताबिक ‘विशिंग चेयर’ ब्रांड की अलग छवि के साथ व्यक्तिगत तौर पर लोगों को अपने साथ जोड़ता है जिसमें सुंदरता का खास ख्याल रखा जाता है और इस बात को इनके ग्राहक अच्छी तरह जानते और समझते हैं।
‘विशिंग चेयर’ की स्थापना साल 2012 में हुई थी, इन तीन सालों के दौरान हालात काफी बदले हैं। इस दौरान बाजार में काफी पैसा आया है। आज एमबीए और आईआईटी पास कर चुके लोगों के विचारों पर पैसा लगाने के लिए काफी लोग तैयार हैं। इतना ही नहीं पहले के मुकाबले निवेश पाने के लिए कई फोरम बाजार में हैं। इन लोगों का मानना है कि किसी भी स्टार्टअप के लिए ज्यादा निवेश का मतलब है ज्यादा मौके लेकिन इसका एक धुंधला पक्ष भी है। जैसे ज्यादा निवेश से मुकाबला बढ़ता है क्योंकि हर किसी को अपने वायदों को साबित करने की चुनौती होती है।
‘विशिंग चेयर’ भी मुकाबले से अछूता नहीं है लेकिन अवनीत और विविता इस बात को लेकर दृढसंकल्प हैं कि वो अपना कारोबार अपनी शर्तों पर करेंगे। फिलहाल ये लोग अपनी टीम का विस्तार कर अपने को मजबूत बना रहे हैं। सप्लाई मैनेजमेंट पर ध्यान देने के लिए ये अपने में सुधार कर रहे हैं। इसके अलावा इंनवेंटरी, खरीद और आर्थिक मोर्चे पर भी काम कर रहे हैं। इन लोगों का मानना है कि एक बार संचालन मजबूती से शुरू हो जाये तो मुकाम हासिल किया जा सकता है। फिलहाल इन लोगों का ध्यान अपने लिये मजबूत आधार तैयार करना है।
अवनीत और विविता के लिए ‘विशिंग चेयर’ कई बार मुश्किल हालात लेकर भी आया है। बात अगर भारतीय परिदृश्य में स्टार्टअप की करें तो ज्यादातर को आधारभूत सुविधाओं जैसे बिजली, सड़क और दूसरी समस्याओं से दो चार होना पड़ता है। वहीं दूसरी ओर लालफीताशाही, घूस भ्रष्टाचार, नियमों को ताक में रखना किसी भी स्टार्टअप के लिए चुनौती से कम नहीं होता। इतना ही नहीं सप्लायर और वेंडर से निपटना काफी मुश्किल काम होता है क्योंकि आमतौर पर वो किसी वायदे को बड़े ही हल्के तौर पर लेते हैं इस वजह से कई बार सामान तय वक्त पर नहीं मिल पाता।
‘विशिंग चेयर’ की संस्थापक दोनों महिलाओं का कहना है कि किसी को भी इस क्षेत्र में कदम रखने से पहले काफी सोच विचार करना चाहिए। कभी भी इस क्षेत्र में ये सोचकर कदम नहीं रखना चाहिए की ऐसा करने से आप अमीर हो जाएंगे या फिर ऐसा नहीं सोचना चाहिए कि कारपोरेट जगत में काम करने वाले सभी मैनेजर नौकर के समान होते हैं (हालांकि ज्यादातर मामलों में ऐसा नहीं होता)। जब भी कोई इस क्षेत्र में कदम रखे तो उसे हर समस्या का हल पता होना चाहिए और समस्याओं का हल निकालने में उसे मजा आना चाहिए। तभी वो इस क्षेत्र में लंबे वक्त तक टिक सकता है।
‘विशिंग चेयर’ की योजना अगले तीन सालों के दौरान देश भर में 8 स्टोर खोलने की है इसके अलावा इन लोगों की योजना एक बड़ी डिजाइन लैब बनाने की भी है जहां पर ये लोग विभिन्न तरह के तजुर्बे कर सकें। इसके अलावा ये लोग शानदार ढंग से ऑनलाइन मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं।