देश भर में 12,146 सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशन चालू हैं: सरकार
भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने हाल ही में लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.
भारी उद्योग मंत्रालय भारत में विद्युत चालित वाहनों को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. फेम-II योजना में अन्य बातों के साथ-साथ ही विद्युत चालित वाहनों के उपयोगकर्ताओं के बीच विश्वास पैदा करने के उद्देश्य से सार्वजनिक रूप से चार्जिंग के बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए सब्सिडी के रूप में दी जाने वाली वित्तीय सहायता भी शामिल है.
इसके अलावा, विद्युत मंत्रालय ने देश में सार्वजनिक रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की चार्जिंग के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थापना में तेजी लाने के उद्देश्य से कई पहल की हैं. इन गतिविधियों का विवरण इस प्रकार है:
1. विद्युत चालित वाहनों के लिए चार्जिंग हेतु बुनियादी ढांचा के आवश्यक दिशानिर्देश और मानक जनवरी 2022 में जारी किए गए थे, जिन्हें नवंबर 2022 तथा अप्रैल 2023 में संशोधित किया गया है. उपरोक्त दिशानिर्देशों की व्यापक विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- विद्युत चालित वाहनों के मालिकों को अपने मौजूदा बिजली के कनेक्शन का उपयोग करके निवास एवं कार्यालयों में अपने विद्युत चालित वाहनों को चार्ज करने की सुविधा स्थापित करने की स्वीकृति देना.
- सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों के लिए उन्नत दरों पर भूमि का प्रावधान करने हेतु राजस्व साझाकरण मॉडल निर्धारित करना.
- सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन को निर्धारित समय सीमा के भीतर बिजली का कनेक्शन प्रदान करना.
- सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों के लिए एकल भाग विद्युत चालित वाहनों का टैरिफ निर्धारित करना और यह 31.03.2025 तक आपूर्ति की औसत लागत से अधिक नहीं होना चाहिए.
- सौर तथा गैर-सौर घंटों के दौरान सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों पर विद्युत चालित वाहनों की धीमी एसी चार्जिंग के लिए उपयोग की जाने वाली बिजली की सीमा क्रमशः 2.50 रुपये प्रति यूनिट तथा 3.50 रुपये प्रति यूनिट निर्दिष्ट करती है. इसके अतिरिक्त, सौर एवं गैर-सौर घंटों के दौरान सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों पर विद्युत चालित वाहनों की डीसी फास्ट चार्जिंग के लिए उपयोग की जाने वाली बिजली की क्रमशः 10/- रुपये प्रति यूनिट व 12/- रुपये प्रति यूनिट की अधिकतम सीमा भी निर्दिष्ट की गई है.
- सौर घंटों के दौरान डिस्कॉम द्वारा सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों को आपूर्ति की औसत लागत पर 20 प्रतिशत की छूट और अन्य सभी समय के दौरान 20 प्रतिशत का अधिभार होगा.
2. ग्रीन एनर्जी ओपन एक्सेस नियम 2022 को नवीकरणीय ऊर्जा अपनाने में और तेजी लाने, सभी के लिए सस्ती, विश्वसनीय, टिकाऊ तथा हरित ऊर्जा तक पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अधिसूचित किया गया है.
3. विद्युत मंत्रालय ने भारत में विद्युत चालित वाहनों (ईवी), विद्युत चालित वाहनों के लिए चार्जिंग के बुनियादी ढांचे तथा इलेक्ट्रिक कुकिंग के लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से फरवरी 2021 में "गो इलेक्ट्रिक" अभियान भी शुरू किया था.
विद्युत मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार 02.02.2024 तक देश भर में 12,146 सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशन क्रियान्वित हैं.
नीति आयोग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, चार्जिंग हेतु इन्फ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता इलेक्ट्रिक वाहनों की संरचना, उनके चलने के पैटर्न, इलाके व भूगोल, शहरीकरण स्वरूप और विद्युत चालित वाहन तथा चार्जिंग उपकरणों की तकनीक पर निर्भर करती है. चूंकि, ये सभी कारक अभी भी विकसित हो रहे हैं और साथ ही विद्युत चालित वाहन की एक निश्चित संख्या के लिए आवश्यक चार्जिंग पॉइंट की संख्या पर कोई वैश्विक सहमति नहीं है. उपरोक्त कारकों के आधार पर, आवश्यकता को गतिशील माना जाता है और यह प्रति 20 ईवी में 1 चार्जिंग पॉइंट से लेकर प्रति 150 ईवी में 1 चार्जिंग पॉइंट तक की विस्तृत श्रृंखला में होती है.
भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने हाल ही में लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.