जुलाई 2022 में GST रेवेन्यू कलेक्शन रहा 1,48,995 करोड़ रुपये, पिछले साल से 28% अधिक
जुलाई 2022 में ग्रोस GST रेवेन्यू कलेक्शन 1,48,995 करोड़ रुपये रहा. इसमें CGST 25,751 करोड़ रुपये, SGST 32,807 करोड़ रुपये, IGST 79,518 करोड़ रुपये है (इसमें आयातित माल पर 41,420 करोड़ रुपये सहित) और उपकर (cess) 10,920 करोड़ रुपये (आयातित माल पर 995 करोड़ रुपये सहित) है. यह GST लागू होने के बाद से अब तक का दूसरा सर्वाधिक रेवेन्यू है.
सरकार ने IGST से CGST में 32,365 करोड़ रुपये और SGST में 26,774 करोड़ रुपये समायोजित कर दिये हैं. जुलाई 2022 के मद्देनजर नियमित समायोजन के बाद केंद्र और राज्यों का कुल रेवेन्यू CGST के मद में 58,116 करोड़ रुपये और SGST के मद में 59,581 करोड़ रुपये है.
पिछले वर्ष इसी माह के 1,16,393 करोड़ के प्राप्त GST रेवेन्यू की तुलना में इस बार का रेवेन्यू 28 फीसदी अधिक है. पिछले वर्ष के इसी महिने में इन्हीं सॉर्सेज से हासिल रेवेन्यू की तुलना में जुलाई 2022 के दौरान, माल के आयात से प्राप्त होने वाला रेवेन्यू 48 प्रतिशत अधिक तथा स्वदेशी लेने से प्राप्त होने वाला रेवेन्यू (सेवाओं के आयात सहित) 22 प्रतिशत अधिक है.
अब लगातार पांच महिनों से मासिक GST रेवेन्यू 1.4 लाख करोड़ रुपये से अधिक दर्ज किया गया. इस तरह हर महिने उसमें सतत बढ़ोतरी होती रही. पिछले वर्ष के इसी समय की तुलना में जुलाई 2022 तक GST रेवेन्यू की बढ़ोतरी 35 प्रतिशत अधिक रही, जिससे पता चलता है कि उसमें तेजी कायम थी. इससे साफ पता चलता है कि परिषद ने पूर्व में बेहतर कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के जो विभिन्न उपाय किये थे, यह उसी का परिणाम है. बेहतर तौर-तरीके के साथ आर्थिक बहाली का भी GST रेवेन्यू पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा. जून 2022 के दौरान 7.45 करोड़ ई-वे बिल (e-way bills) बनाये गये, जो मई 2022 की तुलना में थोड़ा सा अधिक हैं.
इससे पहले जुलाई महीने के तीसरे सप्ताह में सरकार ने राज्यों को पांच वर्ष की अवधि के लिए GST मुआवजा बढ़ाया था. संविधान (एक सौ एकवां संशोधन) अधिनियम, 2016 की धारा 18 के अनुसार, संसद, कानून द्वारा, वस्तु एवं सेवा कर परिषद (GST Council) की सिफारिश पर, वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Service Tax) के कार्यान्वयन के कारण होने वाले राजस्व के नुकसान के लिए राज्यों को पांच वर्ष की अवधि के लिए मुआवजे का प्रावधान करेगी. केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने हाल ही में राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही.
मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही के लिए औसत मासिक सकल जीएसटी संग्रह पिछले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में 1.10 लाख करोड़ रुपये के औसत मासिक संग्रह की तुलना में 37 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए 1.51 लाख करोड़ रुपये का रहा है.