क्या है मेडिकल टूरिज्म? भारत किन देशों के नागरिकों को दे रहा ई-मेडिकल वीजा?
भारत में इलाज का खर्चा पश्चिमी देशों की तुलना में लगभग 30 प्रतिशत कम है और दक्षिण पूर्व एशिया में सबसे सस्ता है. हेल्थकेयर ट्रीटमेंट के लिहाज से आज भारत को सही जगह माना जा रहा है, जहां स्वास्थ्य लाभ के अलावा खूबसूरत जगहों का भ्रमण भी किया जा सकता है.
भारत में मेडिकल टूरिज्म (medical tourism in india) सेक्टर रफ्तार पकड़ रहा है. इसमें देश का स्टार्टअप इकोसिस्टम भी अपनी अहम भूमिका निभा रहा है. ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस (GMI) के आंकड़ों पर गौर करें, तो 2020 तक, दुनिया भर में मेडिकल टूरिज्म का मार्केट साइज 10 बिलियन डॉलर था. अगले पांच वर्षों में इसके 37 बिलियन डॉलर का आंकड़ा छूने का अनुमान है. इसके 12.1% की CAGR से बढ़ने का अनुमान है.
भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए रोगियों की संख्या के मामले में थाईलैंड, मैक्सिको, अमेरिका, सिंगापुर, भारत, ब्राजील, तुर्की और ताइवान पहली पसंद हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में हार्ट सर्जरी का खर्चा लगभग 4 लाख रुपये है. थाईलैंड में यह लगभग 15 लाख रुपये है, और अमेरिका में यह करीब 80 लाख रुपये में होता है.
2017 से 2020 के बीच, बांग्लादेश से सबसे अधिक मरीज इलाज के लिए भारत आए. यह पूरे फ्लो का 54.3% है. ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार - इराक, अफगानिस्तान और मालदीव क्रमशः 9.1%, 8.9% और 6.1% के साथ दूसरे स्थान पर हैं. ओमान, केन्या, म्यांमार और श्रीलंका से आने वाले मरीजों की तादाद भी काफी अधिक है.
दुनियाभर में करीब 178 नए जमाने की कंपनियां इस सेक्टर में काम करती हैं. Tracxn के आंकड़ों के मुताबिक - Healthtrip, Meditourz, PlanMyMedicalTrip, MedMonks, TreatGo, PSTakeCare, Oxa Health, Vaidam और Lyfboat जैसी नामचीन कंपनियां इस सेक्टर की खिलाड़ी हैं. भारत में, वर्तमान में इस इंडस्ट्री में केवल 59 एक्टिव स्टार्टअप हैं.
मेडिकल टूरिज्म
मेडिकल टूरिज्म का मतलब है जब कोई मरीज इलाज के लिए किसी दूसरे देश की यात्रा करता है. हर साल, लाखों विदेशी नागरिक इलाज के लिए मेडिकल टूरिज्म वीजा पर भारत आते हैं. भारत में सस्ते और क्वालिटी ट्रीटमेंट के लिए कई विकसित देशों के मरीज भी भारत का रुख कर रहे हैं. भारत में इलाज का खर्चा पश्चिमी देशों की तुलना में लगभग 30 प्रतिशत कम है और दक्षिण पूर्व एशिया में सबसे सस्ता है. हेल्थकेयर ट्रीटमेंट के लिहाज से आज भारत को सही जगह माना जा रहा है, जहां स्वास्थ्य लाभ के अलावा खूबसूरत जगहों का भ्रमण भी किया जा सकता है.
156 देशों के नागरिकों को ई-मेडिकल वीजा
केंद्र सरकार का फोकस है कि भारत दुनियाभर में मेडिकल और वेलनेस सेक्टर में एक ब्रांड बनकर उभरे. ऐसे में मेडिकल वैल्यू ट्रेवल एंड वेलनेस (हेल्थ) टूरिज्म को मान्यता देते हुए भारत को एक मेडिकल और वेलनेस टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं. इसी के तहत ‘मेडिकल वीजा’ की भी शुरुआत की गई है. इसकी वजह से देश में मेडिकल टूरिज्म को भी बढ़ावा मिल रहा है. मेडिकल टूरिज्म के तहत अब तक 156 देशों के नागरिकों को ई-मेडिकल वीजा (e-medical visa) सुविधा दी गई है.
पर्यटन मंत्रालय की भूमिका
पर्यटन मंत्रालय देश के विकास में तेजी लाने की क्षमता वाले महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान करते हुए उन्हें बढ़ावा दे रहा है. मंत्रालय की रणनीति है कि भारत को वेलमेन डेस्टिनेशन के रूप में एक ब्रांड की तरह तैयार किया जाए. मेडिकल और हेल्थ टूरिज्म के लिए इकोसिस्टम को मजबूत बनाना, ऑनलाइन मेडिकल वैल्यू ट्रैवल (MVT) पोर्टल बनाकर डिजिटाइजेशन को सक्षम करना, मेडिकल वैल्यू ट्रेवल के लिए पहुंच में बढ़ोतरी करना, वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा देना, एडमिनिस्ट्रेशन और इंस्टीट्यूशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करना आदि पर्यटन मंत्रालय की रणनीति का हिस्सा है.
देश में मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटन मंत्री की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय चिकित्सा और कल्याण पर्यटन बोर्ड का गठन किया है. इसके अलावा पर्यटन मंत्रालय अपनी जारी गतिविधियों के तहत देश के विभिन्न पर्यटन स्थलों और प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देने के लिए ‘अतुल्य भारत’ ब्रांड-लाइन के तहत विदेशों के महत्वपूर्ण व संभावित बाजारों में वैश्विक प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और ऑनलाइन मीडिया कैंपेन चलाता है. मेडिकल टूरिज्म को लेकर मंत्रालय के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर नियमित रूप से डिजिटल पोस्ट भी किए जाते हैं.
सरकार दे रही फाइनेंशियल सपोर्ट
पर्यटन मंत्रालय मार्केटिंग विकास सहायता योजना के तहत एनएबीएच (अस्पताल और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड) की ओर से मान्यता प्राप्त चिकित्सा पर्यटन सेवा प्रदाताओं को चिकित्सा, पर्यटन मेलों, चिकित्सा सम्मेलनों, कल्याण सम्मेलनों, स्वास्थ्य मेलों और संबद्ध रोड शो में हिस्सा लेने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है. पिछले चार वित्तीय वर्षों के दौरान मार्केटिंग सहायता योजना के तहत कल्याण पर्यटक सेवा प्रदाताओं और चिकित्सा सेवा प्रदाताओं को 17,70,499 रुपये की वित्तीय सहायता जारी की गई है.
कोविड-19 के प्रभाव को कम करने को लेकर सरकार ने देश में पर्यटन क्षेत्र को फिर से पटरी पर लाने के लिए विभिन्न उपायों की घोषणा की है, जिसमें मेडिकल और वेलनेस टूरिज्म शामिल हैं.