रिलायंस जियो को मिली ट्राई की क्लीन चिट
पिछले माह जियो स्वागत घोषणा की गई थी, जिसमें ग्राहकों के लिए आजीवन निशुल्क काल की सुविधा है। हर दिन जुड़ रहे हैं, 6 लाख से 11 लाख तक ग्राहक।
आजीवन नि:शुल्क वायस काल सेवा की पेशकश करने वाले रिलायंस जियो को राहत देते हुए दूरसंचार नियामक ट्राई ने कहा है कि मैदान में आई इस नई कंपनी का प्लान मौजूदा नियमों के अनुरूप है तथा यह भेदभावपूर्ण नहीं है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने दूरसंचार परिचालकों को लिखे एक पत्र में कहा, ‘‘यह पाया गया कि ट्राई में दाखिल किये गये शुल्क प्लान को आईयूसी का पालन नहीं करने वाला, मनमानीपूर्ण और भेदभावपूर्ण नहीं माना जा सकता।"
मौजूदा परिचालकों भारती एयरटेल, वोडाफोन और अन्य ने ट्राई से संपर्क कर रिलायंस जियो द्वारा दिये जा रहे नि:शुल्क काल सेवा का विरोध करते हुए उसके शुल्क प्लान को मनमानीपूर्ण, भेदभावपूर्ण और मौजूदा नियमों का पालन नहीं करने वाला बताया था।
दूरसंचार परिचालकों को अपने नेटवर्क से बाहर जाने वाले प्रत्येक काल पर उस नेटवर्क को प्रति मिनट 14 पैसे की दर से धन देना होता है जहां यह अंत में पहुंचता है।
भारत के सबसे धनी व्यक्ति मुकेश अंबानी ने दूरसंचार क्षेत्र में अपनी तरह से पदार्पण करते हुए पिछले माह जियो स्वागत घोषणा की थी जिसमें ग्राहकों के लिए आजीवन निशुल्क काल की सुविधा है।
जियो हर दिन 6 लाख से 11 लाख तक ग्राहक जोड़ रहा है।
वर्ष 2020 तक वह इसके परिचालन में 1000 अरब से अधिक का निवेश करेगी। कंपनी का दावा है कि अपने परिचालन के मात्र एक माह के भीतर उसने 1.6 करोड़ ग्राहकों को जोड़ा है।
इसी बीच कंपनी ने प्रतिद्वंद्वी कंपनियों पर आरोप लगाया है कि उनके द्वारा कम इंटरकनेक्ट पॉइंट मुहैया कराए जाने की वजह से उसके नेटवर्क पर आज 75 प्रतिशत से ज्यादा कॉल जुड़ने में विफल रही हैं।