कॉलेज के तीन दोस्तों ने मिलकर बनाया एसी वाला हेलमेट, गर्मी में काम करने वालों को मिलेगी राहत
हैदराबाद के तीन मकैनिकल इंजीनियर्स ने बनाया गर्मी से लड़ने वाला एसी हेलमेट...
कौस्तुभ को पता चला कि गर्मी में हेलमेट पहनने पर पसीने के कारण कई सारी बीमारियां भी फैल सकती हैं। उन्होंने ट्रैफिक पुलिस के रूप में काम करने वाले लोगों के लिए भी हेलमेट बनाने के बारे में सोचा। हालांकि यह काफी चुनौती भरा काम था।
अभी हैदराबाद की सुवर्ण सीमेंट, कोयंबटूर में जेएम ऑटोमोटिव और नोएडा में डीएस ग्रुप को ये हेलमेट सप्लाई किए जा चुके हैं। कौस्तुभ ने बताया, 'एक हेलमेट की कीमत लगभग 7,500 रुपये आती है।
बाइक चलाने वाले जानते होंगे कि गर्मी के मौसम में हेलमेट लगाना कितना खलता है। हालांकि सुरक्षा कारणों से हेलमेट पहनना बेहद जरूरी है, लेकिन तेज गर्मी में हेलमेट पहनना कष्टकारी हो जाता है। इसके अलावा इंडस्ट्रियल एरिया में काम करने वालों को भी हेलमेट पहनना पड़ता है। गर्मी में लगातार कई घंटे हेलमेट पहनने पर स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। इस समस्या को हल करने के लिए हैदराबाद के तीन युवा मकैनिकल इंजीनियरों ने एक समाधान खोज निकाला है। विग्ना ज्योति इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में पढ़ाई करने वाले कौस्तुभ कौंडिन्य, श्रीकांत कोमुला और आनंद कुमार ने गर्मी की मार से बचने के लिए एसी वाला हेलमेट डिजाइन किया है।
एयर कंडीशन से लैस हेलमेट को बनाने के पीछे आइडिया के बारे में बात करते हुए कौस्तुभ कहते हैं, 'हम अपने कॉलेज में कई सारे प्रॉजेक्ट पर काम कर रहे थे। इंजीनियरिंग स्टूडेंट होने के की वजह से हम यह भी सोच रहे थे कि कुछ ऐसी चीज बनाई जाए जिससे आम आदमी को फायदा हो।' कौस्तुभ को कॉलेज आने के लिए अपने घर से रोजाना 30 किलोमीटर बाइक पर चलकर आना पड़ता है। इसी दौरान उन्हें यह महसूस हुआ कि गर्मी में पसीने के कारण हेलमेट पहनना काफी मुश्किल हो जाता है। उन्होंने इंडस्ट्रियल फील्ड में काम करने वाले लोगों के बारे में भी सोचा जो लगातार हेलमेट पहनकर काम करते हैं।
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कौस्तुभ को पता चला कि गर्मी में हेलमेट पहनने पर पसीने के कारण कई सारी बीमारियां भी फैल सकती हैं। उन्होंने ट्रैफिक पुलिस के रूप में काम करने वाले लोगों के लिए भी हेलमेट बनाने के बारे में सोचा। हालांकि यह काफी चुनौती भरा काम था। वे कहते हैं, 'हमारे हेलमेट का डिजाइन और टेक्नोलॉजी एकदम यूनीक है।
इस हेलमेट में लगा कूलिंग सिस्टम थर्मोइलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजी पर काम करता है इसलिए यह बाकी आम हेलमेटों से 250 ग्राम हल्का ही है। यह काफी छोटा और हल्का है इसलिए इसे पहनने में भी किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी।' इन तीनों मकैनिकल इंजीनियरों ने अपने हेलमेट बनाकर बेचने भी शुरू कर दिए हैं।
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अभी हैदराबाद की सुवर्ण सीमेंट, कोयंबटूर में जेएम ऑटोमोटिव और नोएडा में डीएस ग्रुप को ये हेलमेट सप्लाई किए जा चुके हैं। कौस्तुभ ने बताया, 'एक हेलमेट की कीमत लगभग 7,500 रुपये आती है। अभी हमने इस काम के लिए एक वर्कर को भी रखा है। हम अब तक 50 हेलमेट बेच चुके हैं। हमें काफी बड़ी मात्रा में हेलमेट बनाने के ऑर्डर मिल रहे हैं।'
इन तीन युवाओं के प्रॉजेक्ट में श्रीकांत टेक्निकल और डिजाइनिंग का काम देखते हैं वहीं कौस्तुभ मार्केटिंग और इन्वेस्टमेंट का जिम्मा संभालते हैं। वहीं तीसरे सदस्य आनंद प्रॉडक्शन और मटीरियल को मैनेज करते हैं। कॉलेज में ही एक प्रॉजेक्ट के दौरान तीनों दोस्त बने थे, जो अब इस छोटी सी कंपनी को आगे बढ़ा रहे हैं।
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