लापता बच्चों को बचाने वाली 'चाइल्डलाइन 1098' को दीजिए टैगलाइन और लोगो, मिलेगा इनाम
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने चाइल्डलाइन 1098 का शुभारंभ किया है। इस प्रतियोगिता के तहत सामान्यजनों तथा बच्चों से 'चाइल्डलाइन 1098' के लोगो को स्पॉट करने, शेयर करने तथा इसके साथ एक टैगलाइन लिखकर भेजने के लिए कहा गया है।
चाइल्डलाइन बच्चों की सहायता के लिए एक आपात फोन सेवा है, जो नि:शुल्क है और इसकी सेवा 24 घंटे उपलब्ध है। वर्तमान में यह सेवा 450 स्थानों पर कार्य कर रही है। अक्सर रेल सेवा के माध्यम से ही बच्चों की तस्करी होती है।
देश में बच्चों के घर से भागने, उनका अपहरण कर किसी गलत काम में लगाने जैसी घटनाएं अक्सर सुनने को मिलती हैं। भटके और लापता बच्चों को बचाने का काम करने वाली 'चाइल्डलाइन 1098' को लोगो और स्पॉट की जरूरत आ पड़ी है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने चाइल्डलाइन 1098 का शुभारंभ किया है। इस प्रतियोगिता के तहत सामान्यजनों तथा बच्चों से 'चाइल्डलाइन 1098' के लोगो को स्पॉट करने, शेयर करने तथा इसके साथ एक टैगलाइन लिखकर भेजने के लिए कहा गया है। मानव तस्करी के खिलाफ विश्व दिवस (30 जुलाई) के मौके पर यह प्रतियोगिता आयोजित की गई है।
चाइल्डलाइन बच्चों की सहायता के लिए एक आपात फोन सेवा है, जो नि:शुल्क है और इसकी सेवा 24 घंटे उपलब्ध है। वर्तमान में यह सेवा 450 स्थानों पर कार्य कर रही है। अक्सर रेल सेवा के माध्यम से ही बच्चों की तस्करी होती है। इसे ध्यान में रखते हुए मंत्रालय ने रेल मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। इसके तहत घर से भागे हुए बच्चों, छोड़ दिए गए बच्चों, अपहृत बच्चों तथा तस्करी से छुड़ाए गए बच्चों को संरक्षित किया जाएगा और उनका पुनर्वास किया जाएगा। नवंबर, 2015 में मंत्रालय ने रेल कोचों में पोस्टर के माध्यम से एक जागरूकता अभियान चलाया था। लगभग 2 लाख पोस्टर ट्रेनों में लगाए गए थे। इसमें यात्रियों को अपने आसपास के बच्चों जिन्हें सहायता की जरूरत है, के संदर्भ में सावधानी बरतने की सलाह दी गई थी।
केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका संजय गांधी ने कहा कि आप वयस्क हों या बच्चे हों, आप टोल फ्री नंबर 1098 डायल कर सकते हैं। हम बच्चों की केवल आपात जरूरतों का ही ख्याल नहीं रखते, बल्कि हम उन्हें लंबी अवधि तक देखभाल और पुनर्वास करने वाली संस्थाओं से भी जोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी ऑनलाइन प्रतियोगिताएं नागरिकों से जुड़ने का एक साधन है। इसके माध्यम से तस्करी रोकने से जुड़ी गतिविधियों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए उन्हें जोड़ा जा सकता है।
चाइल्डलाइन 1098 से बच्चों को परिचित कराने के लिए गांधी ने केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर से अनुरोध किया था कि वे राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के प्रकाशनों के माध्यम से इसे लोकप्रिय बनाएं और बच्चों के यौन शोषण पर आधारित शैक्षिक फिल्में स्कूलों में दिखाएं। इस अनुरोध के आधार पर एनसीईआरटी ने कक्षा 6 से कक्षा 12 तक की सभी पाठ्य पुस्तकों के ऊपरी कवर के पीछे वाले पन्ने पर चाइल्डलाइन (1098) के बारे में जानकारी प्रकाशित की है।
तस्करी के पीड़ितों की रोकथाम, संरक्षण और पुनर्वास के विभिन्न आयामों को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय ने मानव तस्करी (रोकथाम, संरक्षण और पुनर्वास) विधेयक, 2018 का मसौदा तैयार किया था। मानसून सत्र में इस अधिनियम को संसद द्वारा पारित किए जाने की उम्मीद है। चाइल्डलाइन 1098 प्रतियोगिता का विवरण मंत्रालय के फेसबुक और ट्वीटर अकाउंट (@MinistryWCD) पर उपलब्ध है। प्रविष्टियों को [email protected] या MyGov पर जमा करने की अंतिम तिथि 30 जुलाई, 2018 है।
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