आप बिलियन लोगों के लिये कारोबार खड़ा करना चाहते हैं या बिलियन रुपयों के लिये ?
मोबाइल प्लेटफॉर्म के अलग-अलग मुद्दे और चिंताएं
डिजीटल क्षेत्र का विकास सिर्फ अंग्रेजी में क्यों ?
स्थानीय भाषा के साथ कैसे जोड़ें डिजीटल क्षेत्र
मोबाइल आधारित सफल कारोबार चलाने के लिए कौन से उपाय जरूरी है? इस संबंध में टेकस्पार्क कार्यक्रम में मोबाइल कारोबार से जुडे उद्यमियों के लिए एक विशेष चर्चा का आयोजन किया गया। इसमें एक खास पैनल भी था। इस पैनल में रिवेरिया लैंग्वेज टेक्नोलॉजीज के सह-संस्थापक और निदेशक अरविंद पाणि, प्रोसेस9 के संस्थापक राकेश कपूर, एयरलॉयल के संस्थापक और सीईओ राजा हुसैन, एक्सोटेल के सह-संस्थापक और सीईओ ईश्वर श्रीधरन शामिल थे।
देश में मोबाइल कारोबार क्या अपनी ऊंचाई पर पहुंच गया है? रिवेरिया टेक्नोलॉजीज के अरविंद के मुताबिक अलग अलग मोबाइल प्लेटफॉर्म के अलग अलग मुद्दे और चिंता के क्षेत्र हैं। रिवेरिया स्थानीय भाषाओं से जुड़ी अपनी सेवाएं उपकरण बनाने वाली कंपनियों, मोबाइल उत्पादकों, टेबलैट, सेट टॉप बॉक्स, गेम्स और एप्लिकेशन डेवलपर्स को देती है। वो बाजार को अलग तरीके से देखती है।
“डिजीटल क्षेत्र का विकास सिर्फ एक ही भाषा में हुआ है और वो है अंग्रेजी। मजेदार बात ये है कि देश की 90 प्रतिशत आबादी ना तो अंग्रेजी को समझ सकती है और ना बोल सकती है। ऐसे में ये एक बड़ा क्षेत्र है जहां पर हम भाषा की खाई को डिजीटल कंटेंट और स्थानीय भाषा के जरिये पाट सकते हैं। लेकिन ऊंचाई तक पहुंचने के लिए हमें लंबी यात्रा करनी होगी।”
इसी विषय पर प्रकाश डालते हुए प्रोसेस9 के राकेश का कहना है कि किसी ना किसी को इस समस्या को समझना होगा और उससे निपटना होगा। ताकि छोटे शहरों में रहने वाले उपयोगकर्ताओं को भाषाई बाधा का सामना ना करना पड़े। प्रोसेस9 एक ऑनलाइन, क्लॉउड अधारित मशीन और मशीन की मदद से अनुवाद प्रौद्योगिकी पर काम करता है। फिलहाल ये 9 भाषाओं पर काम कर रहा है। इसका अगला संस्करण एमओएक्स मोबाइल है। जिसमें ओएस अनुवाद, कीपैड और मोबाइल में फोंट का मिश्रण होगा। जो 21 भारतीय भाषाओं में काम करेगा।
जब बेंगलुरू से अपना कारोबार करने वाले एक्सोटेल के ईश्वर से पूछा गया कि क्या वो बिलियन डॉलर का कारोबार खड़ा कर रहे हैं, तो उनका जवाब था कि वो बिलियन लोगों के लिए कारोबार खड़ा कर रहे हैं। एक्सोटेल व्यावसायिक फ़ोन सिस्टम प्रदान करता है। जो कई कंपनियों को आधारभूत संरचना में बिना निवेश किये फोन कॉल और एसएमएस की सुविधा प्रधान कराता है। इनके उत्पाद में बिक्री, मार्केटिंग, ग्राहक सहायता उपकरण और दूसरी चीजों का समावेश है। ईश्वर का कहना था कि “देश में इंटरनेट आधारित प्रौद्योगिकी में काफी एकाग्रता है। बावजूद इसके कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर कोई एक सिस्टम तैयार कर उपयोगकर्ताओं को अपनी सेवाएं दे सकता है।”
मोबाइल आधारित कारोबार और दूसरे लोगों के बीच जंग के बारे में एयरलॉयल के राजा हुसैन का कहना है कि मोबाइल ऐप आधारित कारोबार और दूसरों के बीच कोई सहमति नहीं है। एयरलॉयल डिजीटल एडवरटाइजिंग स्टार्टअप है। पिछले साल इसने अपना पहला उत्पाद बाजार में उतारा था जिसका नाम था लड्डू। मोबाइल एडवरटाइजिंग का ये प्लेटफॉर्म गूगल प्ले स्टोर में मिल जाएगा। जिसका दावा है कि वो हर मोबाइल एडवरटाइजिंग अभियान के साथ जुड़ा है।
राजा ने मोबाइल ऐप के सेगमेंट में दो महत्वपूर्ण हिस्सों के बारे में अपनी बात रखी। पहला था ग्राहकों को जोड़ना और दूसरा था ग्राहकों की अवधारणा। उनका कहना था कि “ग्राहकों को जोड़ना और उनकी अवधारणा इस सेगमेंट के दो मुख्य बिंदु है। ये सही है कि ग्राहकों को अपने साथ जोड़ना उनको बनाये रखना मुश्किल है और हम लोग इसमें कुछ नहीं कर सकते। हम सिर्फ एक चीज कर सकते हैं और ये काम अब तक किसी ने नहीं किया है और वो है ग्राहकों का फीडबैक। इससे निश्चित तौर पर यथास्थिति तो बदलेगी ही साथ ही इस पूरे सेंगमेंट में भी सुधार होगा।”