झारखंड सरकार अगले पांच सालों में करेगी कई बड़े बदलाव
पांच वर्षों में बीस लाख लोगों में कौशल विकास के लिए पचास बड़े केन्द्र खुलेंगे, साथ ही आदिम जनजाति के विकास के लिए प्राधिकरण बनेगा।
झारखंड सरकार ने अगले पांच वर्षों में राज्य में बीस लाख लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण देने के लिए प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट के गठन का आज फैसला किया है, जिसके तहत विभिन्न स्थानों पर पचास बड़े कौशल विकास केन्द्र खोले जायेंगे साथ ही ब्लाक स्तर पर दो सौ से तीन सौ तक लघु कौशल विकास केन्द्र खोले जायेंगे।
फोटो साभार: serviceonline.jharkhanda12bc34de56fgmedium"/>
मंत्रिमंडल सचिव एसएस मीणा ने बताया है, कि मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय का फैसला लिया गया। उन्होंने बताया कि राज्य में पीएमयू का गठन किया जायेगा जिसके तहत पूरे राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में पचास तक बड़े कौशल विकास केन्द्र और ग्रामीण क्षेत्रों में गांव और ब्लाक स्तर पर दो सौ से तीन सौ तक कौशल विकास केन्द्र खोले जायेंगे।
केन्द्र सरकार की योजना के तहत इन कौशल विकास केन्द्रों पर वर्ष 2021 तक बीस लाख लोगों को कौशल प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है।
राज्य के पॉलीटेक्निक कालेजों के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु भी विश्वविद्यालयों की तरह 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 करने का निर्णय लिया गया।
इसके अलावा गोड्डा में सालिड वेस्ट मैनेजमेंट की परियोजना के लिए 97 करोड़, 77 लाख रुपये की स्वीकृति दी गयी जिसमें 35 करोड़, 77 लाख रुपये की सरकार की अनुदान राशि भी शामिल है। यह परियोजना पीपीपी मोड में तैयार की जायेगी। सरकार ने 2015-16 की महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट भी कल से प्रारंभ होने वाली राज्य विधानसभा की बैठक में पेश किये जाने की स्वीकृति दी।
साथ ही झारखंड सरकार ने राज्य में आदिम जनजाति समूहों के विकास के लिए अति कमजोर जनजाति समूह विकास प्राधिकरण गठित करने का फैसला किया। झारखंड के मंत्रिमंडल सचिव एसएस मीणा ने आज यहां पत्रकारों को बताया कि मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय का फैसला लिया गया।
राज्य में आदिम जनजातियों के अस्तित्व पर मंडरा रहे खतरे को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया।