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14 माह के बच्चे के अंगदान से मिली दो बच्चों को नई जिंदगी

नन्हा मसीहा...

14 माह के बच्चे के अंगदान से मिली दो बच्चों को नई जिंदगी

Tuesday September 12, 2017 , 4 min Read

 गुजरात के सूरत में एक अनोखा मामला सामने आया है, जिसमें 14 महीने के बच्चे सोमनाथ का ब्रेन डेड होने के बाद उसकी किडनी और हृदय से दो बच्चों को नई जिंदगी मिल गई है। 

दाहिने सोमनाथ और बाएं अराध्या

दाहिने सोमनाथ और बाएं अराध्या


सूरत के अंगदान संगठन के अध्यक्ष नितेश मंडलेवाला ने बताया कि डॉक्टरों ने उन्हें सोमनाथ के बारे में बताया। इसके बाद नितेश ने सोमनाथ के घरवालों से अंगदान के बारे में बातचीत की। 

सोमनाथ का ऑपरेशन करने वाले डॉ. नाईक ने बताया कि बच्चों के मामले में अंगदान का प्रोसेस और फैमिली को समझाना काफी मुश्किल होता है। नाईक अहमदाबाद के सीआईएमएस अस्पताल में हृदय रोग विशेषज्ञ हैं। 

गुजरात के सूरत शहर के एक 14 साल के ब्रेन डेड बच्चे ने अपने अंगों से दो लोगों को नई जिंदगी दी है। यह बच्चा गुजरात का अंगदान करने वाला सबसे कम उम्र का बच्चा बन गया है। बच्चे के हृदय को मुंबई के साढ़े तीन साल के अराध्य मुले को प्रत्यारोपित किया गया वहीं उसकी किडनी मंगलवार को बनासकांठा के 15 साल के लड़के को दे दी गई। मूल रूप से बिहार के सीवान के रहने वाला 14 माह का सोमनाथ सीढ़ियों से गिर गया था। जिसके बाद डॉक्टरों ने बताया कि उसे ब्रेन हैमरेज हो गया है बाद में उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। सोमनाथ के माता-पिता कुछ ही दिन पहले रोजगार की तलाश में सूरत आए थे। यहां वह एक पावरलूम फैक्ट्री में सुपरवाइजर के तौर पर काम करते थे।

2 सितंसबर की शाम सोमनाथ अपनी बड़ी बहन कुसुम के साथ घर पर ही खेल रहा था। खेलते-खेलते अचानक वह सीढ़ियों के पास गिर गया। उसके बाद तुरंत सोमनाथ को उसके परिजन नजदीकी डॉक्टर के पास ले गए जहां से उसे सूरत के सिविल अस्पताल में रेफर कर दिया गया। अस्पताल में जब सीटी स्कैन किया गया तो पता चला कि सोमनाथ को ब्रेन हैमरेज हो गया है। सूरत के अंगदान संगठन के अध्यक्ष नितेश मंडलेवाला ने बताया कि डॉक्टरों ने उन्हें सोमनाथ के बारे में बताया। इसके बाद नितेश ने सोमनाथ के घरवालों से अंगदान के बारे में बातचीत की। सोमवार को सोमनाथ के माता-पिता आखिरकार अंगदान के लिए राजी हो गए। इसके बाद अंगदान के जरूरतमंद मरीज को खोजने का सिलसिला शुरू हुआ।

सोमनाथ के पिता सुनील ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि अगर उनके बच्चे से किसी की जिंदगी बच सकती है तो इससे अच्छा और क्या हो सकता है। सोमनाथ का ऑपरेशन करने वाले डॉ. नाईक ने बताया कि बच्चों के मामले में अंगदान का प्रोसेस और फैमिली को समझाना काफी मुश्किल होता है। नाईक अहमदाबाद के सीआईएमएस अस्पताल में हृदय रोग विशेषज्ञ हैं। सोमनाथ के हृदय को मुंबई की अराध्य को प्रत्यारोपित कर दिया गया। हृदय को निजी फ्लाइट और ग्रीन कॉरीडोर बनाकर उपनगरीय इलाके मुलुंड के फोर्टिस अस्पताल लाया गया। जहां इस हृदय को नवी मुंबई के कलामबोली इलाके में रहने वाली बच्ची को प्रत्यारोपित किया गया। यह बच्ची डाइलेटिड कार्डियोमायोपेथी (ऐसी स्थिति जिसमें हृदय के रक्त पंप करने की क्षमता घट जाती है) से पीडि़त थी और उसे अगस्त, 2016 से हृदय प्रत्यारोपण का इंतजार था।

अराध्य को बचाने के लिए मुंबई और पुणे में पिछले एक साल से 'सेव अराध्या' नाम से कैंपेने भी चलाया जा रहा था। अंगदान के बाद बच्चे की किडनी अहमदाबाद के इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी डिजीज एंड रिसर्च सेंटर भेजी गई। अराध्य के परिवार वालों ने कहा कि वे सोमनाथ के माता-पिता से मिलेंगे। वहीं सोमनाथ की किडनी अहमदाबाद के किडनी रिसर्च सेंटर को सौंप दी गई। सेंटर के वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट ने बताया कि सोमनाथ की किडनी को बनासकाठां जिले के एक 15 वर्षीय बच्चे को प्रत्यारोपित कर दी गई। उस बालक को पिछले 10 सालों से किडनी की गंभीर बीमारी थी।

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