क्या आप परेशान हैं और मुश्किल सवालों पर फैसला नहीं ले पा रहे हैं? आइए AdviceAdda.com पर
क्या आप जानते हैं कि हमारे देश में हर साल तकरीबन 2 लाख लोग आत्महत्या कर लेते हैं? क्या आपको अहसास भी है कि हम जिस समाज में रहते हैं उसमें हर 10 में से 2 व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार है? क्या आपने इस स्थिति में बदलाव लाने के लिए कुछ किया है? क्या आपको कभी लगा है कि तनाव और डिप्रेशन में जीने वाले लोगों की ज़िंदगी में बदलाव लाने की एक ईमानदार कोशिश के साथ भी एक बिज़नेस शुरू किया जा सकता है? अगर नहीं तो एडवाइस अड्डा की कहानी आपको हैरान कर सकती है, जो आज की तारीख में हर महीने एक लाख से ज्यादा लोगों को एक्सपर्ट सलाह और काउंसलिंग मुहैया कराती है, जो जिंदगी की परेशानियों से लड़ते हुए हताशा के शिकार हो चुके हैं।
जी हां, ये बिल्कुल सच है। हम बात कर रहे हैं देश की पहली और अपनी तरह की इकलौती ऑनलाइन एक्सपर्ट एडवाइस वेबसाइट AdviceAdda.com की, जहां आप एक ही प्लेटफॉर्म पर हर तरह की एक्सपर्ट एडवाइस ले सकते हैं। ये देश का अपनी तरह का पहला प्लेटफार्म है, जहां आप एक ही जगह पर 20 से ज्यादा कैटेगरी में उपलब्ध एक्सपर्ट्स से सलाह ले सकते हैं। जिसमें ना केवल अलग-अलग तरह के डॉक्टर (फिजिशियन-सर्जन, स्किन एक्सपर्ट, डेंटिस्ट, सेक्सोलॉजिस्ट, गाइनोकोलॉजिस्ट) बल्कि करियर काउंसलर, एडवोकेट, साइकोलॉजिस्ट, फाइनेंशियल एडवाइज़र, डाइटिशियन और फिटनेस एक्सपर्ट शामिल हैं। यानि आपकी जिंदगी की चाहे जो भी परेशानी हो, चाहे जो भी दुविधा हो या फिर सवाल हो आप उस पर AdviceAdda.com पर एक्सपर्ट एडवाइस ले सकते हैं, वो भी फ्री में। इसके अलावे ख़ास बात ये है कि इसके लिए आपको अपनी पहचान ज़ाहिर करने की भी ज़रूरत नहीं है। आपको जानकर हैरानी होगी कि सीमित संसाधनों में चल रही इस वेबसाइट ने पिछले 18 महीनों में 15 लाख से ज्यादा लोगों की जिंदगी की उलझनें सुलझाई हैं जिनमें हज़ारों की तादाद में ऐसे लोग भी रहे हैं जिन्हें एडवाइस अड्डा ने ब्रेक-अप, ड्रग एडिक्शन, अनवांटेड प्रेगनेन्सी, डिप्रेशन और सुसाइडल टेंडेसी जैसी मुश्किल स्थितियों में काउंसलिंग मुहैया कराते हुए सही फैसले लेने में मदद की।
Advice Adda कैसे बना
इस वेबसाइट की शुरूआत जर्नलिज्म में 13 साल से ज्यादा वक्त बिता चुके विवेक सत्य मित्रम् ने जुलाई 2014 में की, जिन्होंने मेनस्ट्रीम मीडिया का हिस्सा रहते हुए सहारा, पीटीआई, स्टार न्यूज़, इंडिया न्यूज़, जनता टीवी, एनडब्ल्यूएस और जिआ न्यूज़ जैसे संस्थानों में बतौर रिपोर्टर, एडिटर और चैनल हेड जैसे पदों पर काम किया था। AdviceAdda.com का आइडिया कहां से और कैसे आया, इस पर बातचीत करते हुए विवेक ने बताया,
"आजकल स्टार्ट-अप्स का गज़ब का क्रेज़ है लेकिन एडवाइस अड्डा की शुरुआत के पीछे कोई क्रेज़ नहीं था बल्कि एक बेहद महत्वपूर्ण ज़रूरत थी जिसका अहसास ना के बराबर था। जब मैंने ये सोचना शुरू किया कि आख़िर क्यों दुनिया में सबसे ज्यादा सुसाइड भारत में होते हैं तो मुझे समझ में आया कि दरअसल हम जिस समाज में पैदा होते हैं और हमारी परवरिश जिस तरह से होती है कि हम अपनी निजी परेशानियां साझा नहीं कर पाते हैं। मुझे लगा कि अगर हम टेक्नोलॉजी के ज़रिए लोगों को उन एक्सपर्ट्स तक पहुंचा सकें जो तमाम विषयों के बारे में सही और सटीक राय दे सकें तो शायद बहुत सी जिंदगियां बर्बाद होने से बचा सकते हैं। मुझे इस बात का भी अहसास था कि भारत में लोग अपनी पहचान को लेकर बेहद संजीदा हैं इसलिए हमने एक ऐसा प्लेटफार्म तैयार किया जहां कोई भी व्यक्ति बिना अपनी पहचान ज़ाहिर किए एक्सपर्ट्स से सलाह ले सकता है।"
AdviceAdda.com को-फाउंडर और सीओओ प्रियंका तिवारी ने AdviceAdda.com की यात्रा के बारे में योर स्टोरी को बताया,
"हमारे लिए एडवाइस अड्डा को खड़ा करना और इस मुकाम तक ले आना बेहद चुनौतियों से भरा रहा, क्योंकि हम देश में एक नए तरह का प्रयोग करने जा रहे थे। इससे पहले कभी ऐसा प्रयोग नहीं हुआ। हमारी वेबसाइट की कोशिश थी कि अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों को एक मंच पर लाया जाए ताकि लोगों की जिंदगी की हर परेशानी का समाधान एक ही जगह मिल सके। इसके अलावा हमारी दूसरी सबसे बड़ी मुश्किल थी लोगों को ये अहसास दिलाना कि उन्हें अपनी परेशानियों को नज़रअंदाज़ करने की बजाय एडवाइस अड्डा पर आकर किसी एक्सपर्ट से सलाह लेनी चाहिए। आपको जानकर हैरानी होगी कि महज़ तीन महीनों में एडवाइस अड्डा पर बिना किसी प्रमोशन के बीस हज़ार से ज्यादा लोग हर महीने आने लगे और अब ये संख्या बढ़कर एक लाख से ज्यादा हो चुकी है।"
सोशल मीडिया और मार्केटिंग
इस बारे में पूछ जाने पर कि आखिर बिना किसी प्रमोशन और मार्केटिंग के वेबसाइट इतने लोगों तक कैसी पहुंची, वेबसाइट का सोशल मीडिया डिवीजन हेड कर रहे देवेन्द्र गोरे ने बताया, "एडवाइस अड्डा चूंकि ख़ुद में एक नया विचार था जिसकी लोगों की ज़रूरत थी इसलिए शुरूआती दौर में हमारी पब्लिसिटी उन लोगों ने की जिन्होंने हमारी सर्विस ली। यानि शुरूआती दौर में हमारे पास एडवाइस लेने आने वालों की संख्या में ज्यादातर लोग माउथ पब्लिसिटी की वजह से आए लेकिन दो-तीन महीनों में ही हमारे बारे में मीडिया में छपना शुरु हो गया। और आलम ये रहा कि महज़ छह महीने के भीतर हमारे बारे में देश-विदेश की 40 से ज्यादा मीडिया हाउस ने इसके अलावा हमारे फाउंडर और सीईओ विवेक सत्य मित्रम् को आईकांगो और संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से उनके कार्य के लिए अवॉर्ड से भी नवाज़ा गया। हम सोशल मीडिया में कई तरह के कैंपेन भी चलाते रहे जिसमें से एक कैंपेन ‘नॉट अ हिप्पोक्रेट’ फेसबुक पर वायरल हो गया और करोड़ों लोगों तक पहुंचा।"
भविष्य की योजनाएं :
AdviceAdda.com की भविष्य की चुनौतियों पर भविष्य की योजनाओं पर बातचीत करते हुए इसके फाउंडर विवेक सत्य मित्रम् ने कहा,
"हमारी सबसे बड़ी चुनौती है वेबसाइट को देश के उन 40 करोड़ लोगों तक पहुंचाना जो आज इंटरनेट से जुड़े हुए हैं। मेरा मानना है हर किसी की जिंदगी में कोई ना कोई ऐसी समस्या या परेशानी मौजूद है जिससे वो जूझ रहा है और अगर उसे एडवाइस अड्डा के बारे में मालूम हो तो वो निश्चित तौर पर अपनी समस्या का समाधान पाने की कोशिश कर सकता है। लेकिन ऐसा मुमकिन हो उसके लिए हमें अपनी टीम, अपनी टेक्नोलॉजी के साथ-साथ अपने बारे में जागरूकता बढ़ाने की दिशा में काम करना पड़ेगा जिसके लिए फंड की जरुरत होगी।"
पिछले दो सालों में अपने यूजर्स को फ्री एक्सपर्ट एडवाइस मुहैया कराने के अपने कमिटमेंट से कोई समझौता नहीं करते हुए भी हमने अपनी प्रीमियम सर्विसेज के ज़रिये अपने प्लेटफार्म को शुरुआती रेवेन्यू स्टेज तक पहुंचा दिया है लेकिन इसके दम पर करोड़ों लोगों तक पहुंच पाना मुमकिन नहीं है। यही वजह है कि हम फंडिंग के लिए कुछ इन्वेस्टर्स और वीसी फर्म के साथ बातचीत कर रहे हैं। साथ ही हम ऐसे लोगों और संस्थाओं तक भी पहुंचना चाहते हैं जिन्हें हमारा आइडिया पसंद आए और वो फंडिंग के लिए आगे आएं क्योंकि इसमें कोई शक नहीं कि हम एक सामाजिक समस्या को सुलझा रहे हैं लेकिन ये भी एक सच्चाई है कि जिस तरह का रेवेन्यू मॉडल हमने तैयार किया है और हमारा मार्केट साइज़ जितना बड़ा है, कुछ ही सालों में हम मल्टी मिलियन डॉलर कंपनी बनने का हौसला रखते हैं।
आगे विवेक बताते हैं कि AdviceAdda.com महज़ एक साइट या सर्विस नहीं है बल्कि अपने आप में एक मुहिम है अज्ञानता, पाखंड और अंधेरे के ख़िलाफ़। एडवाइस अड्डा पर उन तमाम सवालों के जवाब एक्सपर्ट्स के द्वारा दिए जाते हैं जिन्हें आज भी हमारा समाज वर्जना मानता है फिर वो चाहे टीनेज समस्याएं हों, सेक्स समस्याएं हों या फिर रिलेशनशिप और सेक्सुएलिटी से जुड़े सवाल। उन्होंने बताया कि बहुत सी संस्थाओं, कार्पोरेट कंपनियों, स्कूल-कॉलेज ने एडवाइस अड्डा से जुड़ने का प्रस्ताव रखा है। योर स्टोरी से बातचीत के आखिरी पड़ाव पर विवेक लोगों से अपील करते हैं कि अगर आप AdviceAdda.com से कुछ कहना चाहते हैं या उनसे संपर्क करना चाहते हैं तो उन्हें [email protected] लिखें।
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