अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस: नारी शक्ति को समर्पित मेरी ये कविता
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मुबारक मौके पर मेरी ये छोटी सी कविता दुनिया भर की नारी शक्ति को समर्पित है। मैं हमेशा तहे दिल से आप सभी का शुक्रगुजार हूँ / रहूँगा।
आज, 8 मार्च को हर साल की तरह भारत समेत पुरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर दुनिया का हर शख्स अपने तरीके से महिलाओं के प्रति सम्मान जताते हुए संपूर्ण महिला जगत का आभार प्रकट कर रहा है।
इसी मुबारक मौके पर मेरी ये छोटी सी कविता दुनिया भर की नारी शक्ति को समर्पित है। मैं हमेशा तहे दिल से आप सभी का शुक्रगुजार हूँ / रहूँगा।
औरत कहो या कहो नारी
समाजरूपी खेत में
खुशियों के फुलों की क्यारी
हर रिश्ते में है ये साथ मेरे
कभी नाम, कभी अहसास बनकर
माँ, बेटी, बहन, दोस्त, बीवी
हर रूप में है ये प्यारी
बोझ नहीं तूम, तुम हो जिम्मेदारी
तुम हो दुनियाँ... तूमसे ही खुशियाँ सारी
कर जांउ जो हसरतें पूरी सारी
वो जो होगी खुशनसीबी हमारी
हर पल तुमपे है नाज़ ऐ-नारी
निखरी है मेरी कलम की स्याही
शब्दों में उतारी जब तारीफ तुम्हारी
सोच ना सकूं जहां बिन तुम्हारे
शुक्रगुजार है ‘तुम्हारी’... कायनात ‘हमारी’
(रविकांत पारीक)
(फोटो साभार: Freepik)