भारत में अमीरों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी, कुल संपत्ति 5,000 अरब डॉलर के पार
हर साल जब दुनिया के शीर्ष उद्योगपतियों और अमीरों की सूची जारी होती है तो भारत के कई नाम उनमें शामिल होते हैं। अभी हाल ही में जारी की गई एक रिसर्च रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि भारत में करोड़पतियों की संख्या 2,45,000 तक पहुंच गई है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले कुछ ही सालों में इसमें और भी ज्यादा वृद्धि की संभावना है। अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2022 तक देश में करोड़पतियों की यह संख्या 3,72,000 तक पहुंचने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भले ही भारत में संपत्ति वृद्धि हुई हो लेकिन इसमें हर एक का हिस्सा नहीं है। देश में संपत्ति निर्धनता अभी भी सोचनीय है। स्टडी में मालूम चला है कि करीब 92% वयस्क आबादी के पास 10,000 डॉलर से भी कम संपत्ति है।
भारत को भले ही गरीब देश माना जाता हो लेकिन हैरत की बात यह है कि यहां अमीरों की कमी नहीं है। हर साल जब दुनिया के शीर्ष उद्योगपतियों और अमीरों की सूची जारी होती है तो भारत के कई नाम उनमें शामिल होते हैं। अभी हाल ही में जारी की गई एक रिसर्च रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि भारत में करोड़पतियों की संख्या 2,45,000 तक पहुंच गई है जबकि यहां परिवारों की कुल संपत्ति 5,000 अरब डॉलर हो गई है। यह रिसर्च रिपोर्ट क्रेडिट सुईस ने जारी की है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले कुछ ही सालों में इसमें और भी ज्यादा वृद्धि की संभावना है। अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2022 तक देश में करोड़पतियों की यह संख्या 3,72,000 तक पहुंचने की उम्मीद है, जबकि परिवारों की कुल संपत्ति 7.5ञ वार्षिक दर से बढ़कर 7,100 अरब डॉलर होने का अनुमान है। क्रेडिट सुईस की वैकि संपत्ति रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2,000 से भारत में संपत्ति में सालाना 9.9 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है। यह वैश्विक औसत छह प्रतिशत से अधिक है। इस गणना में सालाना जनसंख्या वृद्धि दर 2.2 प्रतिशत आंकी गई है।
भारत की संपत्ति में हुई 451 अरब डॉलर की वृद्धि वैकि आधार पर किसी एक देश की संपत्ति में हुई वृद्धि के लिहाज से आंठवीं बड़ी वृद्धि है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भले ही भारत में संपत्ति वृद्धि हुई हो लेकिन इसमें हर एक का हिस्सा नहीं है। देश में संपत्ति निर्धनता अभी भी सोचनीय है। स्टडी में मालूम चला है कि करीब 92% वयस्क आबादी के पास 10,000 डॉलर से भी कम संपत्ति है।
वहीं दूसरी तरफ कुल आबादी का छोटा सा हिस्सा वयस्क आबादी का मात्र 0.5 प्रतिशत की नेटवर्थ 1,00,000 डॉलर से अधिक है। भारत की बड़ी आबादी को देखते हुये यह संख्या 42 लाख होती है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में निजी संपत्ति का ज्यादा हिस्सा भूमि एवं अन्य रियल एस्टेट के रूप में है जो कुल पारिवारिक संपत्ति का लगभग 86% है।
कुल संपत्ति में निजी कर्ज की हिस्सेदारी मात्र 9 प्रतिशत होने का अनुमान है। प्रति व्यक्ति संपत्ति के हिसाब से स्विट्जरलैंड का दुनिया में अव्वल स्थान है जहां प्रति व्यक्ति संपत्ति 2017 में 5,37,600 अमेरिकी डॉलर है। इसके बाद 4,02,600 अमेरिकी डॉलर के साथ ऑस्ट्रेलिया और 3,88,000 डॉलर के साथ अमेरिका का स्थान है।
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