वेलेंटाइन डे बीतने के बाद सोचें कि कैसे आपका ब्रांड अपने कर्मचारियों के साथ इंसान की तरह प्रेम कर सकता है
क्या लोग कंपनियों से खरीददारी करते हैं या फिर वे अपनी खरीददारी व्यक्तियों से करते हैं। यह एक ऐसा सवाल है जो उतना ही पुराना है जितनी स्वयं की ब्रांडिंग करने की अवधारणा है। सबसे सफल व्यावसायिक उत्पादों और ब्रांडों का अध्ययन बाद वाले विकल्प की प्रभावोत्पादकता को इंगित करता है। इसे सिद्ध करने के लिये एविस कार रेंटल की बिक्री के आंकड़े और ब्रांड इमेज में हुई क्रांतिकारी बढ़ोतरी को एक उदाहरण के रूप में लिया जा सकता है जो बीते पांच दशकों से ‘‘वी ट्राई हार्डर’’ की टैगलाइन के साथ व्यापार के क्षेत्र में जमे हुए हैं। जब अधिकतर विज्ञापन अभियानों अपने उत्पाद की प्रशंसा करने पर सारा ध्यान केंद्रित करते हैं इन्होंने कंपनी को मानवीय बनाया और ऐसे में अकेले लड़ाके ने इस उत्पाद के तैयार होने की कहानी हमारे साथ साझा करने का फैसला किया और साथ ही बताया कि ये किस प्रकार वास्तविक लोग हैं जो आपको कुछ सर्वोत्तम प्रदान करने के प्रयास कर रहे हैं।
एक संस्थापक सा फिर एक कार्यकारी को मालूम होता है कि इस प्रकार के दृष्टिकोण के साथ वह अपने सबसे महत्वपूर्ण अंग यानि अपने कर्मचारियों के साथ न्याय नहीं कर पाएगा। मानव संसाधन के प्रमुख और बुनियादी सिंद्धांतों का पालन करते हुए आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपका कर्मचारी स्वयं को सिर्फ मशीन का एक पुर्जा ही न समझे बल्कि वह खुद को परिवार का एक अंग माने। तो ऐसा कैसे किया जा सकता है कि आपका ब्रांड अपने कर्मचारी को इंसान की तरह प्रेम करे?
यह एक दोराहा रास्ता है
हो सकता है कि बड़े कार्पोरेट इस दृष्टिकोण के आविष्कारक हों लेकिन स्टार्टअप्स के आसपास फैले गड़गड़झाले के मध्य कई स्टार्टअप नियोक्ता इस फंदे में फंस ही जाते हैं जिसे हम ‘हाईआर्की हीस्ट’ कहकर पुकार सकते हैं। अपने कर्मचारियों के साथ इस प्रकार का व्यवहार करना कि आप उन्हें ‘अपने साथ काम करने का मौका देकर’ उनके ऊपर कोई अहसान कर रहे हैं, यह सोचना कि आप उन्हें कभी भी बदल सकते हैं और उनके योगदान को कैसा भी महत्व न देना। ऐसा करना किसी भी स्टार्टअप के लिये बहुत घातक हो सकता है। द कैंपफायर इफैक्ट के क्रिस स्मिथ आईआईटी-बी के ई-समिट में भारत की स्टार्टअप कहानियों के बारे में बात करते हुए कहते हैं, ‘‘जब आप कालेज में पढ़ाई करते हुए परिसर में ही एक स्टार्टअप का निर्माण करना प्रारंभ करते हैं, तो आप अपनी जैसी सोच वाले तमाम लोगों के साथ अपने विचारों को साझा करते हो और स्नातक पूरी करते-करते आप ऐसे कई सारे लोगों को अपने साथ जोड़ चुके होते हो। इस बात को समझें कि वे एक बलिदान कर रहे हैं।’’ वे आगे कहते हैं, ‘‘हो सकता है कि वे आगे चलकर गूगल या फिर माइक्रोसाफ्ट और फेसबुक के साथ काम कर रहे होते लेकिन इसके बजाय उन्होंने आपके विचार पर भरोसा करते हुए आपका साथ देने का फैसला किया। उनका यह बलिदान बेहद अमूल्य है।’’ हो सकता है कि आप वित्तीय रूप में इस बात का संज्ञान न ले पाएं लेकिन आप यह जानने का प्रयास करके ही शुरुआत कर सकते हैं कि जितनी उन्हें आपकी आवश्यकता है उतनी ही आपको भी उनकी जरूरत है। आप उन्हें अपना अधीनस्थ समझने के स्थान पर उन्हें अपने समान ही समझना शुरू करो जैसे आप बीते दिनों में एक समूह के रूप में रोबोटिक्स की सारी प्रस्तुतियों को मिलकर सफलतापूर्वक निबटाने में कामयाब होते थे।
तो आपको लगता है कि आप रोमांस कर सकते हैं?
क्रिस कहते हैं, ‘‘कार्पोरेट अमरीका में हम ऐसे लोगों से मिलते हैं जो ऐसे कामों को करने का प्रयास करते हैं जो उन्हें लगता है कि आप करने के इच्छुक हैं और बाद में जाकर उन्हें मालूम होता है कि आप वास्तव में किस चीज के इच्छुक हैं।’’
बस यही कुंजी है। कर्मचारी को अपने साथ जोड़े रहने का कोई बंधा-बंधाया नियम नियम नहीं है बल्कि इसके कई अलग-अलग नियम हैं जो व्यक्तियों के आधार पर बदलते रहते हैं। अगर इसका कोई बंधा-बंधाया नियम होता भी तो वह विभिन्न आयु, पृष्ठभूमि और शिक्षा वाले कर्मचारियों को एक सूत्र में पिरोकर नहीं रख सकता था। आपको निरंतर उनके व्यक्तित्व को पहचानने के प्रयास करते रहने होते हैं। क्रिस कहते हैं, ‘‘अपनी टीम के सदस्यों और उनकी व्यक्तिगत कहानियों को जानने का प्रयास करो। उन्हें व्यक्तिगत रूप से जाने बिना एक टीम और निष्ठा का निर्माण करना नामुमकिन है। क्या आप उनके अंतिम नाम जानते हैं? क्या आपको उनके पालतू जानवर का नाम या फिर उनकी वैवाहिक स्थिति पता है? क्या आपको उनके जीवनसाथी के नाम या फिर उनके शौक की जानकारी है? इसका एक जीवंत उदाहरण है द अन्ना मैरी की वेबसाइट जिसपर प्रत्येक कर्मचारी का तमाम ब्यौरा मौजूद है। उनके बारे में छोटी-छोटी जानकारियों को रखते हुए कभी उन्हें किसी कार्यक्रम में भेजना या फिर सालगिरह इत्यादि पर जल्दी घर जाने देने के कई ऐसे फायदे हैं जिससे उन्हें लगेगा कि उनकी तरफ ध्यान देने वाला भी कोई है और वे मात्र भीड़ का एक हिस्सा नहीं हैं। इसके अलावा यह उनके भीतर जवाबदेही की भावना को और विकसित करेगा क्योंकि तब उन्हें लगेगा कि शीर्ष पर बैठा कोई व्यक्ति उनके अस्तित्व पर नजर रखे हुए हैं। जबतक आप लोगों से प्रेम नहीं करेंगे वे आपके ब्रांड को कभी भी प्रेम नहीं करेंगे।
कई अध्ययनों से भी यह बात साफ हुई है कि एक प्रसनन कर्मचारी जो स्वयं को अधिक जवाबदेह मानता है वह उपभोक्ताओं और ग्राहकों के प्रति अधिक संवेदनशील होता है।
अपने व्यापार को व्यस्तता की कथा मत बनने दो
क्या लोग व्यस्त या परिपूर्ण होना चाहते हैं। यह एक सच्चाई कि लोग स्टार्टअप का एक भाग सिर्फ इसलिये बनते हैं क्योंकि वे अपने कौशल को सिर्फ एक क्षेत्र में बांधने के बजाय व्यापार के कई पहलुओं में पारंगत होना चाहते हैं। लेकिन स्टार्टअप के कार्यक्षेत्र में इस जानकारी को इस्तेमाल करते हुए अधिकतर मौकों पर इसका दुरुपयोग किया जाता है। एक तरफ जहां आपके कर्मचारियों को काम में व्यस्त रहना पसंद होना चाहिये वहीं कहीं ऐसा न हो कि वे कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे विभागों और तमाम रिक्त पोर्टफोलियो के बीच ही पिसकर रह जाएं। आप उन्हें व्यस्त रखना चाहते हैं, परिपूर्ण नहीं। आप उनके साथ बैठें, और उनसे पूछें कि वे अपने कार्यक्षेत्र से इतर और किस क्षेत्र में काम करने के इच्छुक हैं और ऐसा आप अवश्य करें। उन्हें उनकी पसंद के क्षेत्र का काम देकर आप न सिर्फ उन उत्साही कर्मचारियों के हाथों अतिरिक्त काम करवा पाने में सफल होंगे बल्कि आप उन्हें यह अहसास दिलाने में भी सफल होंगे कि वे काम नहीं कर रहे हैं बल्कि कुछ सीख रहे हैं या फिर अतिरिक्त शिक्षा पा रहे हैं।
क्या ऐसा हो सकता है -- ऐसा वास्तव में हो सकता है!
कभी भी एक टीम को नौकरी पर रखने से पहले खुद को यह मत याद दिलाओ कि आपके सेल्स और मार्केटिंग के लक्ष्य क्या हैं बल्कि अपने ब्रांड के बुनियादी मूल्यों को याद रखो। आप किस चीज के लिये जाने जाना चाहते हो? अधिकतर लोग हमेशा ऐसे लोगों को नौकरी पर रखते हैं जो तकनीकी रूप से क्षम होते हैं लेकिन वैचारिक रूप से नहीं। अगर आपके मूल्यों में ही समानता नहीं है तो यह काम नहीं करेगा। पहले संस्कृति के आधार पर छांटो और तकनीकी कौशल पर बाद में ध्यान दो। क्रिस कहते हैं कि यह सब आपकी प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है।
इस वैलेंटाइन डे पर अपनी कंपनी और अपने कर्मचारियों के बीच एक प्रेम प्रसंग की शुरुआत होते हुए देखें!
लेखिकाः बिंजल शाह