UPSC सिविल सर्विसेज की 'निशुल्क ट्रेनिंग' के लिए भारत में शुरू होंगे 31 बीआर अंबेडकर केंद्र
प्रत्येक केंद्र में कोचिंग के लिए 100 सीटें होंगी। अनुसूचित जाति वर्ग की महिला उम्मीदवारों को कुल स्वीकृत सीटों का 33 प्रतिशत अधिमानतः दिया जा सकता है।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (The Ministry of Social Justice and Empowerment) पूरे भारत में 31 डॉ बीआर अंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र शुरू कर रहा है, जिसकी शुरुआत बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से होगी। गौरतलब है, कि ये केंद्र अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रों को सिविल सेवा परीक्षा के लिए मुफ्त कोचिंग प्रदान करेंगे।
केंद्रों के तहत प्रशिक्षण के योग्य होने के लिए छात्रों को प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। प्रत्येक केंद्र में कोचिंग के लिए 100 सीटें होंगी। अनुसूचित जाति वर्ग की पात्र महिला उम्मीदवारों को कुल स्वीकृत सीटों का 33 प्रतिशत अधिमानतः दिया जा सकता है। प्रत्येक केंद्र में तीन संकाय सदस्य नियुक्त किए जाएंगे। केंद्रों ने सुचारू कामकाज के लिए अलग कक्षाओं, पुस्तकालय, हाई-स्पीड वाई-फाई कनेक्टिविटी और अन्य आवश्यक बुनियादी ढांचे का प्रस्ताव भी रखा गया है।
बीएचयू 22 अप्रैल को डॉ अंबेडकर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के राष्ट्रीय शुभारंभ की मेजबानी करेगा। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और बीएचयू के कुलपति प्रो. सुधीर के. जैन की उपस्थिति में केंद्र का शुभारंभ करेंगे।
प्रस्तावित केंद्र देश भर के 31 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्थापित किया जा रहा है, जिनमें से बनारस हिंदू विश्वविद्यालय भी एक है। लॉन्च कार्यक्रम शताब्दी कृषि प्रेक्षागृह, कृषि विज्ञान संस्थान में होगा।
इस अवसर पर जहां केंद्र स्थापित किया जाना है, वहां अन्य सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति भी उपस्थित रहेंगे। केंद्र स्थापित करने के लिए डॉ. अम्बेडकर फाउंडेशन और कार्यान्वयन विश्वविद्यालयों और डॉ. अम्बेडकर पीठों के बीच दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में डीएसीई के शुभारंभ कार्यक्रम के लिए विज्ञान संस्थान के वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर आर एन खरवार को नोडल अधिकारी नामित किया गया है।
आपको बता दें, कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया (JMI), और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) सहित कई विश्वविद्यालय पहले से ही धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक अल्पसंख्यकों के अंतर्गत आने वाले मेधावी छात्रों को सिविल सेवाओं के लिए मुफ्त कोचिंग दे रहे थे। ये केंद्र लगभग हर साल टॉपर्स देते हैं।