कश्मीर में CRPF जवान ने भूख से तड़प रहे भिखारी को दिया अपना खाना, मिला पुरस्कार
सीआरपीएफ सुरक्षाकर्मी ने इंसानियत की खातिर नहीं की अपने पेट की परवाह...
हर कोई ये सोचता रहता है कि कश्मीर के हालात कब सामान्य होंगे। लेकिन इसी बीच कश्मीर से एक ऐसी खबर सुनने को मिली है जिससे आपके मन को कुछ शांति जरूर पहुंचेगी।
श्रीनगर में पुलिस हेडक्वॉर्टर के पास तैनात एक सीआरपीएफ सुरक्षाकर्मी ने दयालुता का परिचय देते हुए एक भूखे भिखारी को अपना खाना दे दिया। सुरक्षाकर्मी ने इंसानियत की खातिर अपने पेट की परवाह नहीं की।
जम्मू-कश्मीर से अक्सर ऐसी खबरें आती हैं जिनसे मन अशांत सा हो जाता है। कभी पत्थरबाजी तो कभी मानवाधिकार उल्लंघन की खबरें हमें विचलित करती रहती हैं। हर कोई ये सोचता रहता है कि वहां के हालात कब सामान्य होंगे। लेकिन इसी बीच कश्मीर से एक ऐसी खबर सुनने को मिली है जिससे आपके मन को कुछ शांति जरूर पहुंचेगी। दरअसल श्रीनगर में पुलिस हेडक्वॉर्टर के पास तैनात एक सीआरपीएफ सुरक्षाकर्मी ने दयालुता का परिचय देते हुए एक भूखे भिखारी को अपना खाना दे दिया। सुरक्षाकर्मी ने इंसानियत की खातिर अपने पेट की परवाह नहीं की। कश्मीर के पत्रकार माजिद हैदरी ने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर यह आंखों देखी साझा की है।
उन्होंने लिखा, 'मैं अपनी गाड़ी से कहीं जा रहा था तभी पुलिस मुख्यालय के पास एक व्यक्ति सीआरपीएफ जवान के पास घिसट रहा था। मुझे लगा कि शायद उस व्यक्ति के साथ कुछ गलत हो रहा है। सीआरपीएफ का जवान उस गरीब दिख रहे व्यक्ति से कुछ कह रहा था। मैंने अपनी गाड़ी किनारे खड़ी की और मामले की जानकारी लेने के लिए उनके पास गया।' माजिद ने बताया कि वहां पीर बाग पुल के पास दो लोग और खड़े थे जिन्हें वे जानते थे। लेकिन जब वहां वे पहुंचे तो वहां हालात कुछ और थे। जिस सुरक्षाकर्मी को वे आशंका की निगाह से देख रहे थे वह दरअसल उस भूखे इंसान की मदद कर रहा था।
माजिद ने बताया कि जब भिखारी सीआरपीएफ जवान सुजीत के पास खाना मांगते हुए आया तो उन्होंने उसकी मदद करनी चाही। सुजीत ने वहां खड़े लोगों से कुछ खाने को लाने के लिए कहा, लेकिन किसी ने सकारात्मक जवाब नहीं दिया। उन्होंने वहां से गुजरते हुए कुछ और राहगीरों से खाना लाने को कहा लेकिन खाना नहीं मिला। आखिर में सुजीत बाहर गए और केले के साथ ही अपना खाने का टिफिन लाए और उस भिखारी को दिया। पत्रकार ने सुजीत की तस्वीर भी खींची और उसे अपने फेसबुक वॉल पर साझा भी किया। माजिद को तस्वीर खींचते देख सुजीत ने उन्हें ऐसा करने से मना किया, लेकिन जब उन्होंने बताया कि वह एक पत्रकार हैं तो उन्हें तस्वीर खींचने की इजाजत मिल गई।
सुजीत कुमार बिहार के रहने वाले हैं। जब पत्रकार माजिद की यह पोस्ट फेसबुक पर वायरल हुई तो सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने सुजीत को बुलाया और उनके इस काम के लिए सम्मानित किया। कश्मीर में अर्धसैनिक बल के जवानों पर वहां की जनता के साथ बुरा सलूक करने के आरोप लगते रहते हैं। लेकिन सुजीत कुमार की इस दयालुता से सीआरपीएफ की असल छवि लोगों के सामने आएगी। पत्रकार माजिद ने कहा कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल नफरत नहीं बल्कि सकारात्मक कहानियों को फैलाने के लिए करना चाहिए।
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